पूर्व भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के मैनेजर स्वामीनाथन शंकर (Swaminathan Sankar) ने बेंगलुरु के एक पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का एक केस दर्ज कराया है. आरोप है कि शंकर के दोस्त को एक व्यक्ति ने तिरुपति मंदिर में VIP दर्शन के नाम पर ठग लिया. ठग ने अपने आपको वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का PA तक बताया. धोनी के मैनेजर स्वामीनाथन शंकर ने इसकी शिकायत HSR लेआउट पुलिस स्टेशन में की है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक स्वामीनाथन शंकर ने अपनी शिकायत में बताया है कि ठग ने उनसे और उनके दोस्त से 6.3 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है. शंकर ने FIR में बताया कि पिछले साल 26 अक्टूबर को एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन किया था. उस आदमी ने खुद को वित्त मंत्री का PA नकुल बताया और कहा कि वो और एक जज का बेटा, जिसका नाम संदीप है, धोनी से मिलना चाहते हैं. मंत्री का PA समझकर शंकर ने संदीप और उसके दोस्त को 30 नवंबर को एक होटल में धोनी से मिलवा दिया.
"मंदिर में VIP दर्शन के नाम पर ठग लिए 6 लाख" धोनी के मैनेजर ने कराया केस
Mahendra Singh Dhoni के मैनेजर स्वामीनाथन शंकर ने ये शिकायत दर्ज कराई है. ठग ने अपने आप को एक मंत्री का PA बताया था.

ये भी पढ़ें: एक पैन कार्ड पर एक हज़ार अकाउंट..इन वजहों से Paytm पेमेंट बैंक पर RBI ने लगाया बैन
स्वामीनाथन शंकर ने शिकायत में आगे बताया कि इस मुलाकात के बाद संदीप ने उनसे तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर के स्पेशल दर्शन पास की व्यवस्था कराने की बात कही. यहां से ही शुरू हुआ जाल में फंसाने का सिलसिला. शंकर के मुताबिक 20 दिसंबर को संदीप ने फिर से उन्हें कॉल किया और बताया कि मंदिर में दर्शन के लिए 12 स्पेशल पास का जुगाड़ हो गया है और इसके लिए 6.3 लाख रुपये मांगे. शंकर इस दौरान शहर से बाहर थे. ऐसे में उन्होंने बेंगलुरु में रहने वाले अपने दोस्त विनित चन्द्रशेखर को पास देने के लिए कहा.
फिर विनित के पास आता है कॉल नागेश्वर राव नाम के व्यक्ति का. वो भी अपने आप को मंत्री का PA बताता है और मंदिर में किए जाने वाले दान और वहां रहने आदि के खर्च के लिए विनित से 6.3 लाख रुपये ले लेता है. वो भी दो इंस्टॉलमेंट में. हालांकि पैसे देने के बाद भी जब पास नहीं मिला, तब धोनी के मैनेजर ने HSR Layout पुलिस स्टेशन में इसको लेकर शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपियों पर IPC की धारा 419 और धारा 420 (धोखाधड़ी) के अलावा आईटी एक्ट की धारा 66 C और 66 D के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
वीडियो: गौतम गंभीर ने यशस्वी जयसवाल की तारीफ करते हुए किसको सुना दिया?