सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad), आईपीएल के पिछले सीजन की फाइनलिस्ट. इस बार जब नीलामी के बाद टीम तैयार हुई तो फैन्स को और बड़े धमाके की उम्मीद थी. हर मैच में 200 गारंटी और उम्मीद तो कुछ मैच में भी 300 से ऊपर के स्कोर की भी थी. सीज़न के अपने पहले मैच में SRH उम्मीद पर खरी भी उतरी. लेकिन इसके बाद कुछ हो सा गया. सच कहें तो पूरी टीम एक साथ कभी फॉर्म में आई ही नहीं. इक्का-दुक्का मैच जीते. मगर इन जीतों में SRH के पिछले सीजन वाली धमक नहीं दिखी. नतीजा यह कि टीम प्लेऑफ की रेस से बाहर हो गई है.
SRH इतने मैच क्यों हारी? कोच विटोरी ने 'मुजरिम' ढूंढ निकाला है
Sunrisers Hyderabad की टीम ने 11 मैच खेले हैं. इन 11 मैचों में से उनके हाथ में केवल तीन ही जीत आई. उन्हें सात मैच में हार मिली और एक मैच बेनतीजा रहा. वो इस सीजन में प्लेऑफ की रेस से बाहर होने वाली तीसरी टीम है.
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अब सवाल उठता है कि ऐसा हुआ क्यों? टीम के कोच डैनियल विटोरी (Daniel Vettori) की मानें तो जिम्मेदारी पिच को लेनी पड़ेगी.
अटैकिंग नहीं कंडीशंस के हिसाब से खेल रही थी टीम5 मई को टीम का सामना दिल्ली कैपिटल्स से था लेकिन यह मैच बारिश की भेंट चढ़ गया. मैच के बाद विटोरी ने कहा कि टीम अटैकिंग नहीं बल्कि कंडीशन के अनुसार खेलने के बारे में सोच रही थी. उन्होंने कहा,
पिछले सीजन से अलग है पिचमैंने निश्चित रूप से हर मैच के बाद यह नहीं कहा कि मैं अटैकिंग खेल का समर्थन कर रहा हूं. मैंने कहा कि हम कंडीशंस का आकलन कर रहे हैं और इस साल, परिस्थितियां वैसी नहीं थीं जैसी हमने उम्मीद की थी. अगर आप पिछले साल को देखें, तो यहां कई हाई स्कोरिंग मैच हुए थे.
विटोरी ने पिच को टीम की नाकामी का कारण बताया. उन्होंने कहा कि इस सीजन में घरेलू मैदान की पिच वैसी नहीं थी जैसी पिछले सीजन में थी. उन्होंने कहा,
ये पिच थोड़ी अलग रही है. यह मुश्किल रहा है, बल्लेबाजों के लिए यह आसान नहीं रहा. हमने बस परिस्थितियों का आकलन करने, खेल को पढ़ने और कुछ स्थितियों में क्या करना है, यह समझने की कोशिश की है. मुझे लगता है कि खिलाड़ी स्वाभाविक रूप से आक्रामक हैं, लेकिन निश्चित रूप से, यह सीज़न यह साबित करने के बारे में है कि किस दिन क्या करना है.
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पूर्व कीवी कप्तान ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा,
ऐसी दो ही पिच थी जो 250 से ज्यादा की थी, चार ऐसी हैं जो शायद तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल रही. स्पिनर्स के लिए ज्यादा मदद नहीं थी. नई गेंद थोड़ी स्टिकी थी, हिट करना मुश्किल हो रहा था, गेंद बल्ले पर नहीं आ रही थी. आईपीएल में नई गेंद वाले कई बेहतरीन गेंदबाज हैं और वे उन कंडीशंस का फायदा उठाने में सक्षम थे.
सिर्फ डैनियल विटोरी नहीं बल्कि कोलकाता नाइट राइडर्स, लखनऊ सुपर जायंट्स और चेन्नई सुपर किंग्स ने भी यह बात कही है कि उन्हें इस सीजन में घरेलू मैदान का फायदा नहीं मिला. पिच उनके अनुकूल नही थी. अच्छा है, टूर्नामेंट खत्म होने से करीब 20 दिन दूर है. इसके बाद निराश फैन्स को टीम या टीम मैनेजमेंट के बजाय सीधे पिच से पूछना चाहिए. आपने ऐसा क्यों किया.
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