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200 के पास थी दिल की धड़कन, फिर भी SRK की टीम को दिला दी जीत!

वरुण चक्रवर्ती ने कमाल कर दिया.

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वरुण चक्रवर्ती ने SRK की टीम को जिता दिया (पीटीआई फाइल)

छह गेंदें. जीत के लिए नौ रन की जरूरत. सामने वाली टीम के सात विकेट गिर चुके हैं. लेकिन अब भी क्रीज़ पर एक प्रॉपर बैटर खड़ा है. वो भी 16 गेंदें खेलकर. ऐसे में दांव बैटिंग टीम की ओर होता है. क्योंकि लास्ट ओवर में इतने रन बस बनाने के लिए बस एक बड़ी हिट चाहिए. उसके बाद फील्डिंग टीम वैसे ही कंधे गिरा लेती है.

और इतने बड़े रिस्क में आखिरी ओवर मिले तो हार्ट बीट बढ़ती है. बहुत बढ़ती है. और इस मामले में तो बंदे की 200 के पार थी, ऐसा उसने खुद दावा किया है. बंदे का नाम वरुण चक्रवर्ती. और काम, KKR को लगभग हारा मैच जिता देना. SRHvsKKR. चलिए, अब हैदराबाद में हुए मैच के आखिरी ओवर पर आ जाते हैं.

SRH ने 19 ओवर में सात विकेट खोकर 163 रन बना लिए थे. अब उन्हें जीत के लिए छह गेंदों में नौ रन चाहिए. अब्दुल समद 16 गेंदों में 20, जबकि भुवनेश्वर कुमार तीन गेंदों में पांच रन बनाकर खेल रहे थे. KKR के लिए शार्दुल ठाकुर और वैभव अरोड़ा के एक-एक ओवर बाकी थे. दोनों ही बोलर्स ने दो-दो विकेट निकाले थे.

लेकिन कप्तान नितीश राणा ने गेंद वरुण चक्रवर्ती की ओर उछाल दी. चक्रवर्ती ने अभी तक अपने तीन ओवर्स में 18 रन दिए थे. और उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था. और कप्तान ने उन्हें इतना बड़ा काम सौंप दिया. चक्रवर्ती अपने कप्तान के भरोसा पर खरे भी उतरे. उनकी पहली गेंद चौथे स्टंप की लाइन पर पड़ी लेंथ बॉल.

समद नें सिंगल लिया. दूसरी गेंद भुवी फ्लिक करना चाहते थे. नाकाम रहे. दौड़कर लेगबाई का एक रन पूरा किया. अगली गेंद. लेग स्टंप पर आई लेंथ बॉल. समद ने इसे उड़ाने की कोशिश की. लेकिन सफल नहीं हुए. गेंद को ना तो दूरी मिली और ना ही ऊंचाई. डीप मिडविकेट पर खड़े अनुकूल रॉय ने बाउंड्री से ठीकठाक अंदर इसे लपक लिया.

बल्ले से लगी गेंद के बाद उछले SRH फ़ैन्स कुछ ही सेकेंड्स में अपनी सीट्स पर लौट आए. समद ने 18 गेंदों पर 21 रन की पारी खेली. अगले बल्लेबाज मयंक मार्कंडे दो गेंदों पर एक रन ले पाए. और आखिरी गेंद को भुवी पूरी कोशिश कर भी बल्ले से कनेक्ट नहीं करा पाए.

चक्रवर्ती की ये गेंद 107KMPH स्पीड वाली थी. और भुवी इसे मारना तो दूर, टाइम पर इस पर रिएक्ट भी नहीं कर पाए. मैच खत्म हो गया KKR ने इसे पांच रन से जीत लिया. और इस जीत के बाद वरुण ने कहा,

'मेरा दिल निश्चित तौर पर 200 टच कर रहा था. लेकिन मैं उन्हें मैदान के लंबे हिस्से की ओर चैलेंज करना चाहता था और यही मेरा प्लान था. जाहिर तौर पर गेंद बहुत ज्यादा फिसल रही थी. इसे देखते हुए मेरे लिए बेस्ट यही था कि मैं मैदान के लंबे हिस्से की ओर उन्हें फंसाऊं. मेरे दिमाग में बस यही एक चीज थी. मेरे पहले ओवर में 12 रन आए. और मार्करम ने कुछ बेहतरीन शॉट्स मारे. ये गेम तो ऐसे ही चलता है.

प्रोसेस में बने रहना बहुत महत्वपूर्ण है. एक बार इमोशंस हावी हो जाएं, तो शायद मैं उनमें बह जाऊं और अपनी प्रोसेस भुला दूं. पिछले साल, मैं 85KMPH के आसपास बोलिंग कर रहा था. इसलिए मैंने कई सारी चीजें ट्राई की और फिर मुझे पता चला कि मेरे हाथ घुमाने की स्पीड कम होते ही मेरी बोलिंग स्पीड भी कम हो जाती है. इसलिए मैंने इस पर काम किया और इससे काफी मदद मिली.'

मैच की बात करें तो KKR ने पहले बैटिंग करते हुए नौ विकेट खोकर 171 रन बनाए थे. जवाब में SRH की टीम 20 ओवर्स में आठ विकेट खोकर 166 रन ही बना पाई. वरुण ने अपने चार ओवर्स में 20 रन देकर एक विकेट लिया. और इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया.

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