The Lallantop

INDvsNZ: उस टेस्ट मैच की कहानी, जहां धोनी जीती हुई बाजी गंवा बैठे थे

इस बार धोनी का बदला लेंगे विराट कोहली!

post-main-image
2014 में भारत-न्यूज़ीलैंड टेस्ट सीरीज़ में धोनी भारत के जबकि मैक्कलम न्यूज़ीलैंड के कप्तान थे. फोटो: Getty/AP
इंडिया, टेस्ट क्रिकेट की नंबर एक टीम. साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज़, दक्षिण अफ्रीका हो या फिर बांग्लादेश सभी के खिलाफ विराट की टीम शानदार खेली. 2019 में खेले आठ मैचों में टीम इंडिया ने 7 जीते और 1 ड्रॉ पर खत्म किया.
टीम इंडिया अब न्यूज़ीलैंड के खिलाफ असली टेस्ट के लिए उतर रही है. लेकिन जब टीम इंडिया इतने शानदार फॉर्म में है तो क्या दिक्कत हो सकती है, लेकिन सच तो ये है कि दिक्कत है. दिक्कत है न्यूज़ीलैंड के मैदान से. सीरीज़ का पहला मैच वैलिंग्टन के बेसिन रिज़र्व मैदान पर खेला जाना है. इस मैदान पर भारतीय टीम 1968 के बाद से कभी नहीं जीती है. ये तो छोड़िए. पिछली बार हाथ आए मौके को भारत ने ऐसे गंवाया था कि आज तक उसकी टीस है.
2014 की शुरुआत होते ही टीम इंडिया न्यूज़ीलैंड उड़ गई. सीरीज़ का आगाज़ हुआ वनडे सीरीज़ से. लेकिन धोनी की टीम न्यूज़ीलैंड में चारों खाने चित्त हो गई. वनडे में 4-0 से हार गए. इसके बाद पहला टेस्ट भी 40 रनों से गंवा बैठी. अब बारी थी वैलिंग्टन में दूसरे टेस्ट की.
इस मैदान पर भारत-न्यूज़ीलैंड की आखिरी टक्कर में क्या हुआ था?
14 फरवरी से शुरू हुए मैच में धोनी ने इस पिच के मिजाज़ को समझा और टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया.
न्यूज़ीलैंड की पहली पारी:
ज़हीर खान, इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी के पेस अटैक के साथ धोनी की टीम ने न्यूज़ीलैंड को महज़ 192 रनों पर ढेर कर दिया. बॉलिंग के असली हीरो थे इशांत शर्मा. जिन्होंने पहले टेस्ट मैच में भी 9 विकेट लिए थे. और दूसरे मैच की पहली पारी में फिर से 6 विकेट चटकाकर न्यूज़ीलैंड की हालत पतली कर दी थी. ये वही साल था जिसमें बाद उन्होंने लॉर्ड्स के मैदान पर 7 विकेट लेकर हाहाकार मचा दिया था.
भारत की पहली पारी:
न्यूज़ीलैंड को ऑल-आउट करने के बाद भारत पहली पारी में बैटिंग के लिए उतरा. सिर्फ 4 टेस्ट के अनुभव के साथ खेल रहे नए नवेले बल्लेबाज़ अजिंक्ये रहाणे ने सातवें नंबर पर बल्लेबाज़ी की और अपना पहला शतक लगा दिया. उनके अलावा शिखर धवन की 98 और कप्तान धोनी की 68 रनों की पारी से टीम इंडिया ने विशाल 438 रन बना दिए. भारत को मजबूत 246 रनों की बड़ी बढ़त मिल चुकी थी.
न्यूज़ीलैंड की दूसरी पारी:
अब न्यूज़ीलैंड की टीम दूसरी पारी खेलने उतरी. लेकिन इस बार ज़हीर खान खतरनाक मूड में थे. उन्होंने दूसरे ओवर में ही न्यूज़ीलैंड के ओपनर पीटर फुलटन को एलबीडबल्यू कर दिया. इसके बाद 27 का स्कोर आते-आते केन विलियमसन भी ज़हीर की गेंद पर धोनी को कैच दे बैठे. 52 के स्कोर तक रुदरफॉर्ड ज़हीर का तीसरा शिकार बन चुके थे. मैच के तीसरे दिन ही भारत को जीत की खुशबू आने लगी. 87 के स्कोर तक शमी ने टॉम लेथम को भी विकेट के पीछे लपकवा दिया था. और लंच के बाद 94 के स्कोर पर कोरी एंडरसन के आउट होते ही. न्यूज़ीलैंड के पांच बल्लेबाज़ पवेलियन लौट चुके थे.
यहां से बदल गया पूरा मैच:
भारत को जीत के लिए सिर्फ 5 विकेट की दरकार थी. जबकि न्यूज़ीलैंड की टीम भारत की बढ़त से अब भी 152 रन पीछे थी. लेकिन मैच का टर्निंग पॉइंट यहीं से आया. न्यूज़ीलैंड के कप्तान ब्रैंडन मैक्कलम अब भी मैदान पर थे. उनका साथ देने आए बीजे वेटलिंग. तीसरे दिन लंच के बाद इन दोनों ने खेलना शुरू किया और फिर चौथे दिन चाय तक इन दोनों बल्लेबाज़ों ने भारतीय टीम को बुरी हालत में डाल दिया.
Mccullum Watling
ब्रैंडम मैक्कलम, बीजे वाटलिंग ने 2014 में भारत के खिलाफ छठे विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी की थी. फोटो: ICC

दोनों बल्लेबाज़ों ने मिलकर कुल 123 ओवर तक बल्लेबाज़ी की और भारत का कोई भी गेंदबाज़ इन्हें टस से मस नहीं कर सका. ब्रैंडन मैक्कलम ने इस पारी में 302 रन बनाए और पूरे 775 मिनट बल्लेबाज़ी की. वो न्यूज़ीलैंड के इतिहास में इसी के साथ पहले तीहरा शतक बनाने वाले बल्लेबाज़ भी बन गए थे. उनके अलावा वाटलिंग ने 124 रन बनाए और 510 मिनट तक अपने कप्तान का साथ दिया. चौथे दिन चाय के बाद वाटलिंग आउट हुए और जिमी नीशम ने मोर्चा थाम लिया. अपना पहला मैच खेल रहे नीशम ने 220 मिनट बल्लेबाज़ी की और पहले मैच में ही शतक जमा दिया. उन्होंने उस मैच में नाबाद 137 रनों की पारी खेली. इन तीनों की मदद से न्यूज़ीलैंड ने दूसरी पारी 680/8 रन बनाकर अपनी पारी घोषित की और लगभग मैच का नतीजा भी घोषित कर दिया.
भारत की दूसरी पारी: 
दूसरी पारी के आधार पर न्यूज़ीलैंड ने कुल 435 रनों का लक्ष्य भारत के सामने रखा. ये मैच जीत पाना अब नामुमकिन था, क्योंकि टेस्ट के आखिरी दिन के दो सेशन और 67 ओवर के खेल में 435 रनों का लक्ष्य हासिल करना बेहद मुश्किल था. भारत दूसरी पारी खेलने उतरा और विराट कोहली के शतक की मदद से दिन का खेल खत्म होने तक 3 विकेट खोकर 166 रन बनाए और मैच ड्रॉ हो गया.
इस तरह से भारत इस सीरीज़ को 1-0 से हार गया. और धोनी के हाथों में जीत आकर भी फिसल गई.
अब भारतीय टीम 2020 में एक बार फिर से न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इसी मैदान से टेस्ट सीरीज़ का आगाज़ कर रही है. भारतीय फैंस को जीत की उम्मीदें हैं. खुद विराट कोहली भी उस मैच में टीम इंडिया के साथ थे. इस बार विराट इस मैदान पर जीत लिखकर ही लौटना चाहेंगे.


धोनी, विराट और सचिन के वो कारनामे जिसने इंडियन क्रिकेट को खूब इज़्जत दिलाई