भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे (Salima Tete) सुर्खियों में हैं. अपने खेल के कारण नहीं, बल्कि घरेलू स्ट्रगल को लेकर. सलीमा के परिवार के पास साफ़ पानी के लिए पर्याप्त साधन नहीं है. कप्तान बनाए जाने के बाद भी उनका परिवार 3 किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर है. सरकार ने उन्हें घर देने का वादा भी पूरा नहीं किया है. इसी साल 2 मई को सलीमा को भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी (Salima Tete replaces Savita Punia as Indian women's hockey team) .
मीलों दूर से पानी भर के लाने को मजबूर हैं भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान, सरकार ने पूरा नहीं किया वादा
Indian Women's Hockey Team Captain Salima Tete को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है. जब वो घर में होती हैं, तो उन्हें अपने घर से 3 किलोमीटर दूर पानी लाने जाना पड़ता है.


सलीमा झारखंड की राजधानी रांची से क़रीब 165 किलोमीटर दूर रहती हैं. सिमडेगा ज़िले के एक छोटे से गांव बड़की छापर में उनका घर है. सलीमा के घर में माता-पिता के अलावा दो बहने हैं. लगातार संघर्ष के ज़रिए परिवार ने सलीमा को यहां तक पहुंचाया है. पानी की समस्याओं के अलावा उन्हें अपना घर भी नहीं मिला है, जो झारखंड सरकार ने उन्हें देने का वादा किया था. गांव जाने पर सलीमा को भी 3 किलोमीटर दूर पानी लाने जाना पड़ता है. सलीमा की मां गांव के सरकारी स्कूल में रसोइया हैं. सुबह उठकर सबसे पहले उन्हें पानी लाना पड़ता है.
इंडिया टुडे हिंदी से जुड़े आनंत दत्त की रिपोर्ट के मुताबिक़, सलीमा टेटे बताती हैं,
"मेरे मां-पिता को पानी लाने के लिए आज भी घर से बहुत दूर जाना पड़ता है. गांव में होने पर मैं भी पानी लाने जाती हूं. गांव में मोबाइल नेटवर्क भी ज़ीरो है. मुश्किल से ही परिवार वालों से बात हो पाती है. गांव के हिंदुओं को तो पीएम आवास मिला है, पर क्रिश्चियनों को नहीं. मैंने आज के ज़माने में ऐसा भेदभाव नहीं देखा."
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सलीमा के पिता सुलक्षण टेटे ने भी इसके बारे में बात की. उन्होंने बताया,
"गांव में पानी की टंकी तो है, लेकिन पानी ऐसा कि आप पी नहीं सकते. उस पानी में दाल तक नहीं पकती. गांव के दूसरे छोर के पुराने कुएं से पानी लाना पड़ता है. लगभग 40 लीटर पानी की खपत होती है दिनभर में. इसके लिए 3-4 बार पानी लाने जाना पड़ता है."
रिपोर्ट के मुताबिक़, फिलहाल सलीमा बेंगलूरू में हैं. वो टीम इंडिया के साथ प्रैक्टिस कर रही हैं. टीम ओलंपिक के लिए तो क्वालिफाई नहीं कर पाई, लेकिन आगामी टूर्नामेंट्स की तैयारी चल रही है. टोक्यो ओलंपिक से वापस आने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें घर देने का वादा किया था. हालांकि उनका कहना है कि आजतक वो घर के इंतजार में हैं. सलीमा टीम में मिडफील्डर के पोज़िशन पर खेलती हैं. 2 मई को सलीमा टेटे को सविता पुनिया की जगह भारतीय हॉकी टीम का कप्तान बनाया था. वो अब तक 107 इंटरनेशनल मैच खेल चुकी हैं.
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