The Lallantop

IPL 2020 का क्रेडिट तो ले लिया, इन गड़बड़ियों पर कब बात करेंगे दादा?

एक जैसे हुए श्रीनिवासन और सौरव...

Advertisement
post-main-image
Ipl 2020 के दौरान Sourav Ganguly और Jay Shah (पीटीआई फाइल)
सौरव गांगुली. इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और BCCI के मौजूदा चीफ. दादा के नाम से मशहूर गांगुली जब BCCI चीफ बने थे, हमने एक स्टोरी की थी. उस स्टोरी में हमने आपको बताया था कि BCCI चीफ बनने से पहले गांगुली के पैर कहां-कहां फंसे थे. गांगुली ने अपना कार्यभार संभालने के बाद हुए रांची टेस्ट में जाने से इनकार कर दिया था. गांगुली ने कहा था कि वह इंडियन सुपर लीग (ISL) के फेस हैं. उन्हें इस टूर्नामेंट के उद्घाटन मैच में रहना है. इसलिए वह रांची टेस्ट में नहीं जा पाएंगे. इसी आर्टिकल में हमने बताया था कि दादा ISL फ्रेंचाइजी ATK के सहमालिक हैं. इसके साथ ही वह IPL की दिल्ली फ्रेंचाइजी से भी जुड़े थे. टीवी शो होस्ट करते थे और कॉमेंट्री तो कर ही रहे थे. प्रेसिडेंट बनने के बाद दादा ने कहा था कि अब वह सिर्फ टीवी शो होस्ट करेंगे और विज्ञापनों में दिखेंगे. इसके अलावा सारे काम बंद.

# विज्ञापन करेंगे!

ध्यान दीजिएगा, दादा ने कहा था कि वह विज्ञापन करेंगे. बस समस्या यहीं आ रही है. इससे पहले, कम से कम मुझे तो नहीं याद कि मैंने किसी BCCI प्रेसिडेंट को विज्ञापन करते हुए देखा हो. लेकिन गांगुली विज्ञापन कर रहे हैं. अक्टूबर, 2019 में BCCI प्रेसिडेंट बने गांगुली अप्रैल, 2019 से फैंटेसी गेमिंग ऐप My11Circle का ऐड कर रहे हैं. यह ऐप सीधे तौर पर IPL टाइटल स्पॉन्सर ड्रीम11 का प्रतिद्वंद्वी है. इसी तरह गांगुली इसी महीने एक एजुकेशन टेक स्टार्टअप क्लासप्लस के ब्रांड अम्बेसडर बने हैं. क्लासप्लस सीधे तौर पर टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सर Byju's का प्रतिद्वंद्वी है. अक्टूबर, 2020 में आई TAM स्पोर्ट्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गांगुली IPL2020 के दौरान टीवी पर दिखे स्पोर्ट्स सेलिब्रिटीज की लिस्ट में टॉप-5 में आते हैं. इस लिस्ट के बाकी चार नाम एक्टिव क्रिकेटर्स, एमएस धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा और ऋषभ पंत हैं. गांगुली पिछले सीजन इस लिस्ट से बाहर थे. इसी से साफ दिखता है कि गांगुली को BCCI चीफ बनने का फायदा मिला है. मजे की बात ये है कि गांगुली के प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के ऐड करने से BCCI के स्पॉन्सर्स को कोई दिक्कत नहीं है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में सवाल करने पर ड्रीम11 के प्रवक्ता ने कहा,
'अगर सभी लोग नियमों का पालन कर रहे हैं, तो किसी तरह के असोसिएशन का हिस्सा बनना व्यक्ति और कंपनी की अपनी पसंद है.'
इस मामले में My11Circle के को-फाउंडर और CEO भविन पंड्या का भी लगभग यही मानना है. उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा,
'BCCI प्रेसिडेंट होने और हमारे ब्रांड का चेहरा होने में कोई संबंध नहीं है. मिस्टर सौरव गांगुली अप्रैल 2019 से हमारे ब्रांड का प्रचार कर रहे हैं. जबकि वह अक्टूबर 2019 में BCCI प्रेसिडेंट बने हैं.'

# मिल रहा है फायदा?

इस मसले पर सबसे सही बात ब्रांड कंसल्टेंट संतोष देसाई ने कही. शारदा उगरा से बात करते हुए उन्होंने कहा,
'फैक्ट ये है कि वह अपनी BCCI पोजिशन के चलते ख़बर में हैं और इसी के चलते वह लोगों की नज़र में लौटे हैं. वह लोगों की नज़र में हैं, इसीलिए कंपनियों के काम के हैं. इस बात को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि वह लंबे वक्त से ऐड्स में नहीं थे.'
एक फैक्ट ये भी है कि खेल को चलाने वाले अक्सर सेलिब्रेटेड स्पोर्ट्स स्टार नहीं होते. इस मामले में आप पूरी दुनिया देख लें, आपको बहुत ज्यादा लोग नहीं मिलेंगे. इन्हीं लोगों में से एक सेबास्टियन को हैं. पूर्व ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को ने साल 2015 में वर्ल्ड एथलेटिक्स के प्रेसिडेंट की पोस्ट संभालने से पहले नाइकी के साथ का अपना एक लाख डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट रद कर दिया था. लेकिन गांगुली पुराने कॉन्ट्रैक्ट तोड़ना दूर, धकाधक नए कॉन्ट्रैक्ट साइन करते जा रहे हैं. वह JSW सीमेंट के ब्रांड अम्बेसडर भी हैं. साथ ही वह JSW के इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड में भी हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि इससे क्या दिक्कत है? जनाब, JSW स्पोर्ट्स ही दिल्ली कैपिटल्स की मालिक है. बीती जुलाई में इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस ने गांगुली से सवाल किया था. तब गांगुली ने कहा था कि चूंकि JSW दिल्ली कैपिटल्स को स्पॉन्सर नहीं करती, उनका रोल हितों के टकराव में नहीं आता. गज़ब है ना? दोनों कंपनियों के मालिक एक ही है लेकिन वो स्पॉन्सर नहीं करते इसलिए हित टकरा ही नहीं सकते. # क्या होता है कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट ये एक ऐसी परिस्थिति है जब एक व्यक्ति या संस्था अलग-अलग हितों को साधने की कोशिश में लगे हों. और ये हित आपस में टकराते हों. उदाहरण के लिए, गांगुली Dream 11 की प्रतिद्वंद्वी कंपनी के ब्रांड एम्बैसडर हैं. जबकि Dream 11 IPL की स्पॉन्सर है. ब्रांड एम्बैसडर के तौर पर गांगुली के इंटरेस्ट और BCCI अध्यक्ष के तौर पर उनके इंटरेस्ट आपस में टकराते हैं. यही हाल क्लास प्लस और BYJU's वाले केस में भी है. JSW वाला केस देखें तो बतौर BCCI प्रेसिडेंट गांगुली की IPL की सभी फ्रेंचाइचीज़ के प्रति ज़िम्मेदारी बनती है. लेकिन JSW एक टीम दिल्ली कैपिटल से जुड़ी हुई है, ऐसे में यहां पर भी हितों के टकराव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

# नहीं है कायदा

एक मजेदार बात ये भी है कि साल 2018 में बने BCCI के नए संविधान में टकराव को लेकर कोई स्पष्ट कायदा नहीं है. होता भी क्यों, साल 2008 में ही इसे नष्ट कर दिया गया था. इसके नष्ट होने के बाद ही तो श्रीनिवासन IPL फ्रेंचाइजी खरीद पाए थे. और आज गांगुली उसी तरह अपनी पोजिशन का फायदा उठाकर नई-नई डील्स साइन किए जा रहे हैं. IPL2020 के सफल आयोजन का क्रेडिट सबने गांगुली को दिया. खूब तारीफ हुई. लेकिन क्या किसी ने ये पूछा कि कोविड में क्रिकेट रुकने से प्रभावित हुए मेंस, विमिंस, जूनियर बॉयज और गर्ल्स मिलाकर 6500 क्रिकेटर्स, और लगभग 500 मैच ऑफिशल्स की जिम्मेदारी किसकी है? इनके जीवनयापन का क्या? डोमेस्टिक क्रिकेट में जो कॉन्ट्रैक्ट प्रॉमिस किए गए थे, उनकी क्या स्थिति है? उनकी जिम्मेदारी किसकी है? ये सवाल मुश्किल हैं. और दुखद ये है कि कोई इन्हें उठा ही नहीं रहा. गांगुली एंड कंपनी अनैतिक तरीके से कुर्सी पर बैठी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बने नए संविधान के मुताबिक जय शाह और गांगुली, दोनों के कार्यकाल खत्म हो चुके हैं. लेकिन दोनों ना सिर्फ अपनी कुर्सियों पर चिपके हैं, बल्कि उसी सुप्रीम कोर्ट में अपील कर, सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. अपने खेलने के दिनों में गांगुली किसी से नहीं डरते थे. मेरे जैसे लाखों-करोड़ों लोग इसी अदा के चलते उन्हें अपना हीरो मानते थे. लेकिन अब, जबकि गांगुली खुद सिर्फ अपने फायदे के लिए अपनी कुर्सी का गलत इस्तेमाल करते साफ दिख रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि मैं गांगुली को सपोर्ट कर पाऊंगा.

सॉरी दादा, आमि कोर्ते पार्बो ना.

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Advertisement