वेदांत 25 साल के हैं. इटावा के रहने वाले हैं. तीन साल से दिल्ली में हैं. प्राइवेट नौकरी करते हैं. खाना बनाने का समय नहीं मिलता. तो इतने समय से बाहर का खाना ही खा रहे हैं. जो मिल जाए, खा लेते. बीते दिनों उनके साथ एक समस्या हो गई. पेट में तेज़ दर्द शुरू हो गया. दवाई से भी ठीक न हुआ. सूजन अलग होने लगी. सीने में जलन. सांस लेने में तकलीफ़. खाना ही न खाया जाए. डॉक्टर को दिखाया तो पता चला उनके पेट में अल्सर है. वेदांत चाहते हैं कि हम पेट में अल्सर के बारे में जानकारी जुटाएं और लोगों तक पहुंचाएं. पेट में अल्सर होने का क्या मतलब होता है? ये क्यों होता है. सबसे पहले तो ये जान लेते हैं.
पेट में अल्सर होने का क्या मतलब है?
इस बारे में हमें बताया हिसार के डॉक्टर विकास बुंदेला ने. वो गैस्ट्रोलॉजिस्ट हैं.

डॉक्टर विकास बुंदेला, गैस्ट्रोलॉजिस्ट, हिसार
पेट के अल्सर को पेप्टिक अल्सर भी कहते हैं. यह आमतौर पर पेट और डुओडेनम (duodenum यानी छोटी आंत का फर्स्ट पार्ट) के जख्म को बोलते हैं. हमारे पेट और छोटी आंत पर एक प्रोटेक्टिव लेयर होती है जिसे म्यूकस लेयर कहते हैं. ये लेयर एसिड के प्रभाव से बचाती है. कई बार एसिड के ज्यादा होने के चलते ये लेयर क्षतिग्रस्त हो जाती है. और छोटी आंत में डैमेज हो जाता है.

कारण:
-ज़्यादा मसाला, तला खाना खाने से.
-तनाव व चिंता के कारण एसिड ज्यादा रिलीज होता है.
-कई जीवाणुओं के इन्फ़ेक्शन से भी अल्सर होता है. जैसे हेलिकोबेक्टर पाइलरी (Helicobacter pylori).
-टाइम पर खाना न खाना.
-बीड़ी, सिगरेट पीना.
-दिल की बीमारी वाले खून पतला करने की दवाई लेते हैं, जिनसे पेट में अल्सर हो जाते हैं.
-इस समस्या से पेट में दर्द, बदहज़मी, खट्टी डकार, और जलन होती है.
- यहां तक कि कई बार तो खून की उल्टी भी आ जाती है.
कैसे पता चलेगा आपके पेट में अल्सर है? और इसका क्या इलाज है?
इस बारे में हमें बताया नागपुर केडॉक्टर शंकर झंवर ने. ये भी गैस्ट्रोलॉजिस्ट हैं.

डॉक्टर शंकर झंवर, गैस्ट्रोलॉजिस्ट, नागपुर
लक्षण:
-खाने से पहले या खाने के बाद पेट में दर्द और जलन होती है.
-कई बार खाने के बाद पेट भारी महसूस होता है.
-गंभीर केसेज़ में खून की उल्टी या काली शौच भी हो सकती है.
-कुछ केसेज़ में अल्सर फट भी सकता है.
-ऐसे में अचानक बहुत पेट दर्द होता है और पेट फूल जाता है.
-अल्सर का पता लगाने के लिए एंडोस्कोपी की जाती है.
-इसमें कैमरे वाली दूरबीन से डॉक्टर सीधे अल्सर को देख सकते हैं.
-ज़रूरत पड़ने पर अधिक जांच के लिए सैंपल भी ले सकते हैं.
इलाज:
अल्सर का इलाज उसके कारणों पर निर्भर करता है. अगर हेलिकोबेक्टर पाइलरी (Helicobacter pylori) का इन्फ़ेक्शन है तो इसके लिए एंटीबायटिक दवाईयां दी जाती हैं. कुछ और दवाईयां भी हैं जिनसे अल्सर पूरी तरह ठीक हो सकता है. पर गूगल मेडिकेशन या सेल्फ़ मेडिकेशन नहीं करना चाहिए.

बचाव:
-नियमित जीवनशैली.
-समय पर सोना, समय पर खाना.
-जंक फ़ूड न खाना.
-डॉक्टर की सलाह के बिना पेनकिलर नहीं लेना.
-तंबाकू, सिगरेट से दूरी.
-संतुलित आहार.
तो इन लक्षणों को इग्नोर मत करिए. सही समय पर मदद लीजिए.
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