(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
स्तनों में दूध इकट्ठा हो जाने से क्या होता है?
कई बार बच्चा ठीक से दूध नहीं पी पाता और इससे स्तनों में दूध जमा होने लगता है.

लगभग 3 महीने पहले, नम्रता की डिलीवरी हुई है. वो पहली बार मां बनी हैं. उनके लिए सब कुछ नया है. ख़ासतौर पर ब्रेस्टफ़ीड करवाना. बहुत कोशिशों के बाद भी वो अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पा रहीं. इसकी वजह से ब्रेस्ट में दूध जमा होता जा रहा है. अब नतीजा ये हुआ कि उनको ब्रेस्ट में सूजन महसूस होना शुरू हुई. साथ ही हद से ज़्यादा दर्द भी होने लगा. जब उनको गांठ महसूस हुई तो नम्रता डर गईं. उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उन्हें मैस्टाइटिस नाम का इन्फेक्शन हुआ है. नम्रता को कुछ एंटीबायोटिक दी गईं. अब वो बेहतर हैं. नम्रता चाहती हैं कि हम अपने शो पर मैस्टाइटिस के बारे में बात करें. नईं माओं में ये दिक्कत बहुत आम है. कई औरतों को समझ में नहीं आता कि उनके ब्रेस्ट में दर्द हो क्यों रहा है.
मैस्टाइटिस क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर गंगा आनंद ने.

मैस्टाइटिस में ब्रेस्ट में मौजूद टिश्यू यानी ऊतकों में सूजन आ जाती है, ब्रेस्ट में दर्द होने लगता है.
कारणमैस्टाइटिस दो कारणों से हो सकता है
-अगर शरीर या ब्रेस्ट में कोई इन्फेक्शन नहीं है तो भी मैस्टाइटिस हो सकता है
-अगर कोई इन्फेक्शन है तो उसकी वजह से भी मैस्टाइटिस हो सकता है
अगर शरीर या ब्रेस्ट में इन्फेक्शन नहीं है तो मैस्टाइटिस कैसे होगा? ब्रेस्ट में बहुत ज़्यादा दूध जमा हो जाता है इस वजह से मैस्टाइटिस होता है. अगर आप बच्चे को दूध नहीं पिला रहे और ब्रेस्ट में दूध जमा होता जा रहा है तो वो ब्रेस्ट को हार्ड कर देता है, वहां दूध जमा होने लग जाता है. दूध में बैक्टीरिया बहुत आसानी से पनपने लगते हैं, उसकी वजह से ब्रेस्ट टिश्यू में सूजन आने लगती है. ये बढ़ते-बढ़ते इन्फेक्शन का रूप ले लेता है, अगर दूध पिलाते समय बच्चे ने निप्पल को ठीक से नहीं पकड़ा हो तो इसकी वजह से निप्पल क्रैक कर जाता है.
दूसरी बात, ब्रेस्ट की स्किन पर कट पड़ जाए या वो फटने लगे, ऐसे में जब बच्चा दूध पीता है तो उसके मुंह से बैक्टीरिया ब्रेस्ट के अंदर आसानी से चले जाते हैं. दूध ब्रेस्ट में पहले से मौजूद होता है, जब बैक्टीरिया ब्रेस्ट के अंदर जाएगा तब बैक्टीरिया और जल्दी बढ़ने लगते हैं. ये बैक्टीरिया इन्फेक्शन का कारण बनते हैं, जिसकी वजह से मैस्टाइटिस हो सकता है
लक्षण-ब्रेस्ट के उस हिस्से में बहुत ज़्यादा दर्द महसूस होता है जहां इन्फेक्शन है
-दूध पिलाते समय जलन महसूस होती है
-गांठ महसूस हो सकती है
-आपको फ्लू जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं
-बुखार हो सकता है 101 डिग्री या उससे ऊपर
-कंपकंपी भी महसूस हो सकती है जिसको चिल्स बोलते हैं

-जिस एरिया में इन्फेक्शन है, वहां स्किन थोड़ी लाल पड़ सकती है
-ये एरिया गर्म महसूस होता है
-जो महिलाएं ब्रेस्टफ़ीड करवाती हैं उनमें मैस्टाइटिस बहुत आम है
बचाव और इलाजबचाव के लिए ज़रूरी है कि बच्चे को दूध पिलाया जाए हर 2 घंटे पर, WHO, UNICEF का भी यही कहना है. जितना दूध पिलाया जाएगा, उतना ज़्यादा दूध ब्रेस्ट से निकलेगा. ब्रेस्ट खाली हो जाएगा तो दूध जमा नहीं होगा. अगर मैस्टाइटिस हो गया है तो गर्म सिंकाई करें. तौलिए को गर्म पानी में डालकर अपने ब्रेस्ट पर लगाइए 10-15 मिनट के लिए. फिर ब्रेस्ट को मसाज करिए, उंगलियों को गोल-गोल घुमाकर, ताकि दूध को रास्ता मिले बाहर निकलने का.
कपड़ों के कारण ब्रेस्ट पर बहुत ज़्यादा जोर नहीं पड़ना चाहिए, इसलिए बहुत टाइट कपड़े न पहनें. मसाज के बाद जब दूध बाहर आ जाए तब ठंडी सिंकाई करें. इसके लिए कपड़े में बर्फ़ लपेटकर सिंकाई करें या कोल्ड पैक लगाएं, इससे दर्द में आराम मिलेगा.
इन सब चीज़ों से भी आराम नहीं मिलता है तो डॉक्टर से मिलें, डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक देंगे. जिस मात्रा में दवा खाने को दी जाएगी, उसी मात्रा में दवा लें, जितने दिनों के लिए दवा दी जाएगी, उतने दिनों के लिए दवा खाएं.
नई माओं को अक्सर समझ में नहीं आता कि अगर उनका बच्चा दूध नहीं पी रहा तो वो क्या करें. दूध का प्रोडक्शन डिलीवरी के कुछ समय बाद तक ब्रेस्ट में होता रहता है. ऐसे में वो दूध पंप कर के निकाल सकती हैं और उस दूध को स्टोर कर सकती हैं. किसी भी हाल में दूध ब्रेस्ट में जमा नहीं होना चाहिए, नहीं तो इन्फेक्शन हो सकता है. अगर आपको इन्फेक्शन हो गया है तो भी घबराने की ज़रूरत नहीं है. इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है.
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