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कमर और पैरों का दर्द ठीक नहीं हो रहा? पेनकिलर लेना बंद करिए और ये पढ़िए

आज डॉक्टर से जानेंगे कि लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस क्या होता है? इसके कारण क्या हैं? लम्बर कैनाल स्टेनोसिस के लक्षण क्या हैं? और, इससे बचाव और इलाज कैसे हो?

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अगर आपको लगातार खड़े रहने पर पैर दर्द हो रहे हैं और कमर भी दिक्कत दे रही है. तो, इसे हल्के में न लें.

कोई भारी सामान उठाने या ज़्यादा काम करने की वजह से कई बार हमारी कमर में दर्द होने लगता है. एक-दो दिन आराम करने या कोई दवा लगाने पर ये दर्द ठीक भी हो जाता है. लेकिन, कुछ लोगों का कमर दर्द कम नहीं होता. उनकी कमर में परेशानी रहने ही लगती है.  साथ ही, चलने-टहलने पर पैर भी दर्द करने लगते हैं. ज़्यादा देर खड़े रहने पर पैर दर्द बढ़ता है. फिर बैठने पर ही आराम मिलता है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो इसको इग्नोर मत करिए. ऐसा हमारी रीढ़ की हड्डी में एक दिक्कत के कारण होता है. जिसे लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस कहते हैं. आज डॉक्टर से जानेंगे कि लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस क्या होता है? इसके कारण क्या हैं? लम्बर कैनाल स्टेनोसिस के लक्षण क्या हैं? और, इससे बचाव और इलाज कैसे हो?

लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस क्या होता है?

ये हमें बताया डॉ. आशीष डागर ने.

Dr. Ashish Dagar | Best Spine Specialist in Gurgaon - Manipal Hospitals
डॉ. आशीष डागर, कंसल्टेंट, स्पाइन सर्जरी, मणिपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम

लम्बर स्पाइन हमारी स्पाइन यानी रीढ़ का हिस्सा है. यह हमारी छाती से लेकर कूल्हों तक के हिस्सों को जोड़ता है. जब लम्बर स्पाइन की सेंट्रल कैनाल का साइज़ कम होने लगे तो उसे लम्बर कैनाल स्टेनोसिस कहते हैं. ये कई कारणों से हो सकता है. सबसे अहम और आम कारण है, डिजेनरेटिव. यानी जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी डिस्क छोटी हो जाती है. हमारी दो हड्डियों को जोड़ने वाले फेसेट जॉइंट्स बढ़ना शुरू हो जाते हैं, क्योंकि हमारी स्पाइनल कैनाल चारों तरफ से इन्हीं से घिरी होती है. ऐसे में जब इनका साइज़ बढ़ता है, तब वो कैनाल की जगह में फैलने लगते हैं. इस वजह से हमें लम्बर कैनाल स्टेनोसिस हो जाता है. 

दूसरा कारण स्पाइनल डिस्क का हर्नियेशन है. यानी अगर डिस्क स्लिप होने पर उसका कोई टुकड़ा बाहर आ जाता है, तो इससे स्पाइनल कैनाल की जगह कम हो जाती है. इस वजह से भी स्पाइनल कैनाल स्टेनोसिस हो जाता है. तीसरा कारण लिस्थिसिस है, यानी एक हड्डी का दूसरी हड्डी से आगे खिसकना. इससे भी हमारी कैनाल की जगह कम हो जाती है. चौथा कारण फेसेट जॉइंट्स में कोई पानी वाली गांठ बनना है. कई बार यह गांठ हमारे स्पाइनल कैनाल वाले एरिया में आ जाती है. इससे भी स्पाइनल कैनाल स्टेनोसिस हो जाता है.

लक्षण

- लम्बर कैनाल स्टेनोसिस में तंत्रिकाएं होती हैं.

- ये तंत्रिकाएं हमारे तंत्रिका तंत्र का हिस्सा हैं.

- इसमें ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड भी होता है.

- ये तंत्रिकाएं हमारे स्पाइनल कॉर्ड यानी रीढ़ की पतली और लंबी ट्यूब से निकलती हैं.

- फिर स्पाइनल कैनाल से होते हुए हमारे पैरों तक जाती हैं.

- दिमाग हमारे पैरों को इन्हीं तंत्रिकाओं के ज़रिए कंट्रोल करता है.

- लम्बर कैनाल स्टेनोसिस की वजह से जब इन तंत्रिकाओं पर दबाव आता है, तब हमें दर्द होने लगता है.

- यह दर्द कमर या कूल्हे से लेकर पैरों में जाता है.

- चलने या बहुत देर तक खड़े रहने पर दर्द बढ़ जाता है.

Lumbar Spinal Stenosis: Symptoms, Causes, & Treatments | CalSpineMD
स्पाइनल कैनाल स्टेनोसिस से बचने के लिए अपनी दिनचर्या सुधारें

- आराम करने पर इस दर्द में राहत मिलती है.

- साथ ही, आपको कमर में भी दर्द हो सकता है.

- अगर स्टेनोसिस ज़्यादा है तो तंत्रिका के काम पर भी असर पड़ सकता है.

- इसकी वजह से पैर सुन्न हो जाते हैं या कमज़ोरी आ सकती है.

बचाव और इलाज

- स्पाइनल कैनाल स्टेनोसिस से बचने के लिए अपनी दिनचर्या सुधारें.

- अपने बैठने और खड़े होने का तरीका ठीक करें.

-सीधे बैठें और सीधे खड़े हों.

- अपनी लाइफस्टाइल को एक्टिव बनाएं.

-घूमे-फिरें और टहलें.

- कमर के निचले हिस्से को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज़ करें.

- अपनी डाइट में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का ध्यान रखें.

- जैसे विटामिन-डी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन के-2 आदि लें.

- इसके लिए हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाएं, ज़रूरी फैटी एसिड्स लें.

- अगर ज़रूरत लगे तो आप सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं.

- कई बार शॉर्ट टर्म के लिए मरीज़ों को दवाएं दी जाती हैं.

- इससे कमर और पैर के दर्द में राहत मिलती है.

- अगर इनसे आराम नहीं मिलता तब स्पाइन में इंजेक्शन लगाया जाता है.

- इससे सूजन कम होती है और तंत्रिकाओं के लिए जगह बन जाती है.

- अगर इससे भी आराम न मिले तब एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी की जाती है.

- इस सर्जरी में छोटा-सा चीरा लगाकर दूरबीन के ज़रिए जगह को बढ़ा दिया जाता है.

अगर लगातार खड़े रहने पर आपके पैर दर्द कर रहे हैं और कमर भी दिक्कत दे रही है तो, इसे हल्के में न लें. डॉक्टर से मिलें और समय पर अपना इलाज कराएं. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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