अब ये आंखों में सूखापन क्या बला है?
ये हमें बताया डॉक्टर नवीन सखूजा ने. वो मूलचंद हॉस्पिटल में आई सर्जन हैं. यानी आंखों के डॉक्टर. उन्होंने बताया-
‘ड्राई आईज़’ आंखों की एक आम कंडीशन है. ये दिक्कत तब आती है जब आंखों में पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बनते. इस कारण आंखों को सही मात्रा में गीलापन नहीं मिलता. अब आंसू न बनने की कई वजहें हो सकती हैं. एक तो हमारी आंखों में आंसूओं की ग्रंथी होती है. या तो वो सही मात्रा में आंसू नहीं बना पा रही. या इनकी क्वालिटी ठीक नहीं है. ड्राई आईज़ काफ़ी परेशान कर देती हैं. आपको आंखों में चुभन और जलन रहेगी. कुछ ख़ास मौके ऐसे हैं जब आपको ये दिक्कत हो सकती है. जैसे प्लेन में सफ़र करते समय. एसी वाले कमरे में. ठंड में. बाइक चलाते समय. और कंप्यूटर स्क्रीन पर घंटों लगातार काम करने की वजह से.‘ड्राई आईज़’ के क्या लक्षण हैं-
-आंखों में खुजली, जलन, चुभन होना
-आंखों से बहुत कीचड़ निकलना
-रोशनी से आंखों में दर्द होना
-आंखें लाल रहना

-ऐसा लगना जैसे आंखों में कुछ है
-कांटेक्ट लेंसेस पहनने में दिक्कत आना
-रात में सही से न दिखना
-आंखों से पानी निकलना
-आंखों में थकान महसूस होना या धुंधला दिखना
कब दिखाए डॉक्टर को
वैसे तो ड्राई आईज़ एक आम कंडीशन है. पर अगर आंखों में चुभन, खुजली, लाल रहना ज़्यादा रहने लगा है तो बेहतर है समय रहते डॉक्टर को दिखा लें.
क्यों होती हैं ‘ड्राई आईज़’
जैसे हमने आपको पहले बताया, ड्राई आईज़ सही मात्रा में आंसू न बनने की वजह से होता है. आपके आंसू पानी, एक तरह का फैटी ऑइल, और म्यूकस यानी बलगम के एक प्रकार से मिलकर बनते हैं. ये इन सभी चीज़ों के कारण ही है कि आपकी आंखें साफ़ रहती हैं. साथ ही ये इन्फेक्शन से बचाने में भी मदद करता है.
कुछ लोगों में ये दिक्कत आंसू सही मात्रा में न बनने से होती है. तो कुछ में आसुंओं के सूखने से. ये अक्सर ठंड में होता है. क्योंकि सर्द हवा होती है.

अब आंसू कम क्यों बनने लगते हैं
वजहें हैं-
-बढ़ती उम्र के साथ
-डाईबीटीज़, थाइरोइड, या विटामिन ए की कमी से
-बर्थ कंट्रोल पिल्स खाने से, हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां खाने से, एक्ने, या हॉर्मोनल उथल-पुथल से
-आंसुओं की ग्रंथी में सूजन
-हवा, धुआं और सूखापन भी एक बड़ी वजह है
इससे कैसे बचें
-अपनी आखों को डायरेक्ट हवा से बचाकर रखें. जैसे हेयर ड्रायर, हीटर, ऐसी, पंखे की हवा और सर्द हवा.
-ठंड में हीटर से थोड़ा दूर ही रहें. ये सूखेपन और को बढ़ाता है.
-किताब या कंप्यूटर स्क्रीन पर लगातार आखें गड़ाकर मत बैठिए. थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लीजिए.

-अगर आपकी कंप्यटर की स्क्रीन आखों की लेवल से ऊपर है तो आपको और आंखें चौड़ी करके देखना पड़ता है. इसलिए स्क्रीन को आंखों से नीचे लेवल पर रखिए. ताकि आंखों पर ज़ोर न देना पड़े.
-धुंए से आंखों को बचाकर रखिए.
इसका इलाज क्या है
बाज़ार में कई ऐसी आई ड्रॉप आती हैं, जो इस दिक्कत से छुटकारा दिला सकती हैं. पर खुद डॉक्टर मत बनिए. किसी डॉक्टर को दिखा लीजिए.
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