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हर बार खाना निगलने के लिए पानी पीना पड़ता है तो सतर्क हो जाइए

एकेलेसिआ कार्डीया नाम की बीमारी के कारण खाना निगलने में दिक्कत होती है. जानें इसके लक्षण और इलाज.

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अगर खाना निगलने में समस्या हो रही है तो अलर्ट हो जाएं. आज के एपिसोड में डॉक्टर्स से जानते हैं ऐसा क्यों होता है और इसका इलाज क्या है?

कई बार खाना निगलने में थोड़ी परेशानी होती है. तब इंसान अक्सर पानी पीकर खाने की कौर निगलता है. पर अगर आपको हर कौर निगलने के लिए पानी पीने की ज़रूरत पड़ती है तो ये चिंता की बात है. इसका मतलब है आप नॉर्मली खाना नहीं निगल पा रहे. वहीं कुछ लोगों को न सिर्फ़ सॉलिड खाना, बल्कि लिक्विड निगलने में भी समस्या होती है. खाना गले में ही अटकने लगता है. उल्टी हो जाती है, जिसमें खाना बाहर निकल आता है. ऐसा होता है एकेलेसिआ कार्डीया नाम की बीमारी के कारण. इसलिए अगर खाना निगलने में समस्या हो रही है तो अलर्ट हो जाएं. आज के एपिसोड में डॉक्टर्स से जानते हैं ऐसा क्यों होता है और इसका इलाज क्या है?

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एकेलेसिआ कार्डीया क्या होता है?

ये हमें बताया डॉ. तन्वी सावंत ने.

डॉ. तन्वी सावंत, कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एकॉर्ड हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद

-एकेलेसिआ कार्डीया फ़ूड पाइप यानी खाने की नली की एक बीमारी है.

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-इसमें फ़ूड पाइप की मांसपेशियां अचानक से सिकुड़ जाती हैं और वापस रिलैक्स नहीं कर पातीं.

लक्षण

-मरीज़ को सीने में दर्द होता है.

-खाना नीचे नहीं जा पाता है.

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-खाना अटक जाता है.

-उल्टियां होती हैं.

-उल्टियों में पुराना खाना निकलता है.

डायग्नोसिस

-जब एसिडिटी की दवाइयां लंबे समय तक लेने के बाद भी आराम नहीं मिलता तो इंसान डॉक्टर के पास जाता है.

-तब एंडोस्कोपी और मनोमेट्री जैसे टेस्ट से पक्के तौर पर बीमारी का पता चलता है.

Dysphagia: Causes, symptoms, treatment of constant difficulty in swallowing  | Health - Hindustan Times
एकेलेसिआ कार्डीया फ़ूड पाइप यानी खाने की नली की एक बीमारी है
इलाज

-इसके इलाज में दवाइयां बहुत असर नहीं करती हैं.

-दवाइयां उपलब्ध हैं, पर इनसे केवल कुछ समय के लिए ही आराम मिलता है.

-इस बीमारी के इलाज में एक प्रोसीजर किया जाता है, जिसका नाम है POEM.

-इसमें मुंह के रास्ते इंडोस्कोप डाला जाता है.

-जो मांसपेशियां सिकुड़ी हुई हैं, उनको काटा जाता है.

-POEM का मतलब है पेरोरल एंडोस्कोपिक मायोटॉमी.

-इस प्रोसीजर के रिजल्ट अच्छे हैं.

-इसमें शरीर पर कोई निशान नहीं आता.

-कोई चीरा नहीं लगता.

-एक-डेढ़ घंटे में ये हो जाता है.

-ये एक पक्का इलाज है.

अगर आपको भी बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं. एसिडिटी की दवाओं के भरोसे न रहें. इनसे फ़ायदा नहीं होगा. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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