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यूपी: रेप के बाद पैदा हुए बेटे ने 27 साल बाद मां को ढूंढा और आरोपियों को गिरफ्तार कराया

पीड़िता से 1994 में दो लोगों ने बलात्कार किया था. पिछले साल 4 मार्च को महिला ने बेटे के समझाने और कोर्ट के आदेश पर थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज कराया था.

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सांकेतिक फोटो-आजतक

करीब 3 दशक पहले एक नाबालिग लड़की का रेप होता है. वो 12 साल की थी जब उसका बलात्कार किया गया. उसके बाद पीड़िता ने एक बेटे को जन्म दिया. बड़ा होकर जब उसे अपनी मां के साथ हुए अन्याय का पता चलता है तो वो उसे इंसाफ दिलाने की लड़ाई छेड़ देता है. फिल्म की कहानी नहीं सुना रहे हैं, असल जिंदगी का सच है ये.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का मामला है. यहां एक रेप पीड़िता को इंसाफ मिलने में 28 साल लग गए. खबर के मुताबिक घटना के समय पीड़िता की उम्र 12 साल थी. उसने रेप के बाद बेटे को जन्म दिया. 27 साल बाद बेटे ने ये सब जाना तो उसने मां को FIR दर्ज कराने के लिए राजी किया. 28 सालों बाद अब आरोपी को सजा सुनाई जाएगी.

मां को दिलवाया इंसाफ 

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 1994 में पीड़िता अपनी बहन और बहनोई के साथ एक मोहल्ले में रहती थी. बहनोई सरकारी नौकरी करता था और बहन प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थी. एक दिन उसी मोहल्ले का ड्राइवर जिसका नाम नकी हसन था, पीड़िता के घर में घुस गया और उसका रेप किया. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अगले दिन हसन के भाई मोहम्मद रज़ी ने पीड़िता का रेप किया. 

दुष्कर्म की वजह से बाद में पीड़िता प्रेग्नेंट हो गई. उसने एक बेटे को जन्म दिया. जन्म के बाद बेटे को हरदोई के एक कपल को दे दिया गया. वहीं पीड़िता की शादी गाजीपुर के एक व्यक्ति के साथ करवा दी गई. लेकिन दस साल बाद पीड़िता के पति को रेप  का पता चला तो उसने उससे संबंध तोड़ दिए.

खबर के मुताबिक 27 साल के बाद पीड़िता के बेटे ने जब अपने माता-पिता के बारे में जानना चाहा तो पालने वाले माता-पिता ने उसे उसकी मां के बारे में बताया. इसके बाद बेटा अपनी मां से मिलने लखनऊ गया. मां से मिलने के बाद वो उससे पिता के बारे में सवाल पूछने लगा. इस पर पीड़िता ने उसे सारी सच्चाई बताई. इसके बाद बेटे और कोर्ट के कहने पर पीड़िता ने पिछले साल ही 4 मार्च को सदर बाजार थाने में FIR दर्ज करवाई.

पुलिस ने क्या किया ?

रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले को लेकर SSP शाहजहांपुर आनंद ने बताया, 

"कोर्ट के आदेश पर 4 मार्च, 2021 को FIR दर्ज होने के बाद मुझे घटना की जानकारी मिली. हमारे पास आरोपियों का पूरा नाम नहीं था और न ही उनके पते की जानकारी थी. यह काफी पुराना मामला था, लेकिन शिकायत में सच्चाई लग रही थी. हम पीड़िता को न्याय दिलाने में मदद करना चाहते थे क्योंकि उसने बचपन में बहुत कुछ सहा था. मामले की जांच करने के बाद हम आरोपी भाइयों की पहचान करने में कामयाब रहे और वो शहर के हदाफ इलाके में मिले. लेकिन आरोपियों ने कहा कि वो पीड़िता को बिल्कुल नहीं जानते."

इसके बाद पुलिस ने DNA टेस्ट कराने का फैसला किया. जुलाई 2021 में DNA सैंपल भेजे गए और अप्रैल 2022 में रिजल्ट आया. उसमें बेटे और आरोपी के सैंपल मैच हो रहे थे. पुलिस जब आरोपी भाइयों को गिरफ्तार करने गई तब तक वो दोनों फरार हो चुके थे. लेकिन काफी समय बाद पुलिस ने एक आरोपी को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया. और एक आरोपी को ओडिशा से. 

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