UPSC 2021 का रिजल्ट. सोशल मीडिया पर ये कीवर्ड है और ट्विटर के लिए फेक एकाउंट्स की बाढ़ लाने वाला मामला. लेकिन हम फोकस करते हैं खबर पर. रिजल्ट आते ही हेडलाइंस बनी. UPSC Civil Services Toppers are girls. UPSC रिजल्ट में लड़कियों ने लहराया परचम. वजह- मेरिट लिस्ट में टॉप तीन पोज़िशंस पर लड़कियां हैं. इनफैक्ट टॉप 10 में से चार लड़कियां है. बिजनौर की रहने वाली श्रुति शर्मा (Shruti Sharma) ने टॉप किया है. दूसरे नंबर पर अंकिता अग्रवाल (Ankita Agrawal) और तीसरे पर गामिनी सिंगला (Gamini Singla) रही हैं. वहीं, इशिता राठी (Ishita Rathi) आठवें नंबर पर रहीं.
टॉपर लड़कियों ने बता दिया, UPSC टॉप मारने के पीछे की कहानी क्या है!
अगर बराबर मौके दिए जाएं तो लड़कियां यूपीएससी तक टॉप कर सकती हैं.

पहली टॉपर. श्रुति शर्मा. बिजनौर की रहने वाली है.पढ़ाई लिखाई हुई दिल्ली में. सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया, मास्टर्स करने के लिए जेएनयू गईं. लेकिन बीच में छोड़ दिया और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स चली गईं. सोशियोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन करने. हिस्ट्री की स्टूडेंट रहीं श्रुति को वर्ल्ड सिनेमा देखना पसंद है. सिविल सर्विसेस एग्जाम की तैयारी के लिए उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग ज्वाइन की थी. जामिया हर साल करीब 100 स्टूडेंट्स का इस कोचिंग प्रोग्राम के लिए चयन करता है, जो सिविल सर्विसेज में जाना चाहते हैं. अब ज़िक्र आया है तो एक और खबर इसी से जुड़ी हुई जान ही लीजिए. इस बार जामिया के RCA के कुल 23 स्टूडेंट्स ने यूपीएससी क्लियर किया है. रिजल्ट आने के बाद श्रुति और उनके परिवार ने इंडिया टुडे के कुमार कुणाल से बात की.उन्होंने कहा,
"मैं एग्जाम क्लियर करने के बारे में तो कॉन्फिडेंट थी. पर मेरिट लिस्ट में अपना नाम टॉप पर देखना मेरे लिए सरप्राइज था. मैंने दो तीन बार नाम और रोल नंबर मैच किया. मुझे भरोसा ही नहीं हो रहा था. सबसे पहले मैंने अपनी नानी और मम्मी को बताया, उनके चेहरे पर ख़ुशी देखकर मुझे बड़ा अच्छा लगा"
श्रुति ने एक मॉक इंटरव्यू में कहा था कि वो एक प्रिविलेज्ड बैकग्राउंड से हैं. वो चाहती थीं कि वो किसी तरह सोसाइटी को कुछ वापस दे पाए, उनके लिए कुछ कर पाए. इसलिए उन्होंने यूपीएससी का रास्ता चुना.
अब बात करते हैं Second topper Ankita Agrawal कीबिहार में जन्मी, कोलकाता की रहने वाली अंकिता ने दूसरी बार यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया है. पहली बार उन्होंने 2019 में परीक्षा पास की थी. तब उनकी 236वीं रैंक लगी थी. अंकिता भी दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है. उन्होंने वहां से इकोनॉमिक्स में ऑनर्स किया. 2017 में ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद एक साल नौकरी की. फिर अंकिता को लगा कि कॉर्पोरेट नौकरी नहीं करनी, एक बार तो सिविल सर्विसेज का एग्जाम देना चाहिए. फ्री टाइम में अंकिता को किताबें पढ़ना पसंद है. एक मॉक इंटरव्यू में अंकिता ने बताया था कि अगर वो आईएएस बनती हैं तो वो बंगाल कैडर ज्वाइन करना पसंद करेंगी. इंटरव्यूअर ने इसपर कहा, हाइली पॉलिटिसाइज्ड सिविल सर्विसेज. जवाब में अंकिता ने कहा, बात तो आपकी सही है. पर पॉलिटिक्स तो हर 5-10 साल में बदलती रहती है. मेरे माता पिता हमेशा से वहीं रहे हैं. तो इसलिए मैं वहीं काम करना चाहती हूं. आमतौर पर माना जाता है कि लड़कियां पॉलिटिक्स से दूर रहना पसंद करती हैं. इसलिए अंकिता की चॉइस ऑफ़ कैडर और ये जवाब सुन मेरे चेहरे पर तो मुस्कान आ गई.

चंडीगढ़ की रहने वाली गामिनी सिंगला ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है. उनके माता पिता हिमाचल प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर्स हैं. दूसरे एटेम्पट में उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है. गामिनी ने यूपीएससी की तैयारी पटियाला से की. इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में गामिनी ने कहा,
“मैं दिन में 9 -10 घंटे पढ़ाई करती थी. ज़्यादातर मैंने सेल्फ प्रेपरेशन ही की और तैयारी के लिए मेरे पिता ने मेरी बहुत मदद की”

गामिनी ने जब पूछा गया कि तीनों टॉपर्स लड़कियां हैं , इसपर वो क्या कहना चाहेंगी तो गामिनी ने जवाब दिया,
" ये दिखाता है कि महिलाएं अपनी मेहनत और लगन से जो चाहें वो हासिल कर सकती हैं."
वहीं, इशिता राठी ने आठवीं रैंक हासिल की है. इशिता ने तीसरे अटेम्प्ट में सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा क्लियर की है. UPSC की तैयारी के अपने टिप्स तो शेयर किए ही, साथ ही एक बेहद पते की बात कही. बताया कि मेंटल और फिजिकल हेल्थ का बैलेंस बनाकर रखना बहुत ज़रूरी है. सुनिए उन्होंने क्या कहा,
"ये मेरा तीसरा अटेम्प्ट था. मैंने ऑप्शनल सब्जेक्ट इकोनॉमिक्स चुना था. टिप्स तो मैं यही दूंगी कि ऑप्शनल सब्जेक्ट ध्यान से चुनें और अपनी इमोशनल और फिजिकल हेल्थ पर ज़रूर ध्यान दीजियेगा. अगर आप बैलेंस बनाकर चलेंगे तो ये परीक्षा इतनी मुश्किल नहीं है."

आज हर जगह इन टॉपर्स का जिक्र है. क्या सोशल मीडिया, क्या टीवी और क्या गली-नुक्कड़. इन लड़कियों ने कमाल कर दिया है, इनकी सक्सेस बताती है कि अगर बराबर मौके दिए जाएं तो लड़कियां यूपीएससी तक टॉप कर सकती हैं. ये टॉपर्स बिना शक इंस्पिरेशन हैं और इनकी सफलता कई और लड़कियों को पढ़ने के लिए, कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करेंगी. वैसे हर बार जब किसी परीक्षा का रिजल्ट आता है तो उसमें इस बात पर खास फोकस होता है कि लड़कियों ने टॉप किया, मेरिट लिस्ट में इतनी लड़कियों ने जगह बनाई, लड़कियों ने परचम लहराया. ये विशेष ज़ोर देना ये बताता है कि हमारे लिए लड़कियों का टॉप करना अभी भी एक घटना है, नॉर्मल नहीं है. उम्मीद है कि एक दिन ये नॉर्मल होगा. खैर, यूपीएससी क्लियर करने वाले सभी लोगों को हमारी तरफ से बधाई और जो पास नहीं कर पाए उन्हें अगले अटेम्प्ट के लिए बेस्ट ऑफ लक.
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