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PM मोदी को आदर्श बताकर चुनाव लड़ने उतरीं मिस इंडिया रनर अप दीक्षा सिंह चुनाव हार गईं

यूपी पंचायत चुनाव में उन महिला उम्मीदवारों की भी पोजीशन जान लीजिए, जिनका नाम चर्चा में रहा.

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फेमिना मिस इंडिया रनर अप रहीं दीक्षा सिंह ने UP Panchayat Election में जौनपुर से अपनी किस्मत आजमाई थी. वे पांचवें स्थान पर रहीं. फोटो दीक्षा के इंस्टाग्राम से ली गई है.
उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) के परिणाम धीरे-धीरे आ रहे हैं. 2 मई से ही मतगणना जारी है. इस बीच फेमिना मिस इंडिया रनर अप रहीं दीक्षा सिंह जौनपुर के वार्ड नंबर 26 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गई हैं. वे पांचवें स्थान पर रहीं. इस वार्ड से बीजेपी के दिवंगत नेता राजमणि सिंह की भतीजी नगीना सिंह ने जीत हासिल की है. नगीना सिंह को करीब सात हजार वोट मिले. वहीं दीक्षा सिंह केवल दो हजार वोट ही हासिल कर पाईं.
मॉडल और एक्ट्रेस दीक्षा सिंह ने जब चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, तो इसकी खूब चर्चा हुई थी. केवल जौनपुर ही नहीं बल्कि पूरे यूपी की नजरें उनपर थीं. हालांकि, पहले उनके पिता उद्योगपति जितेंद्र सिंह इस वार्ड से चुनाव लड़ने वाले थे. लेकिन आखिर समय पर यह वार्ड महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित कर दिया गया था. जिसके बाद दीक्षा सिंह ने अपनी किस्मत आजमाई. दीक्षा सिंह पीएम नरेंद्र मोदी को आदर्श बताकर चुनावी मैदान में उतरी थीं. दूसरी चर्चित महिला उम्मीदवारों की पोजीशन यूपी पंचायत चुनाव के दौरान कुछ और महिला प्रत्याशियों का नाम भी खबरों में बना रहा. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गईं. वे मैनपुरी के घिरोर ब्लॉक के वार्ड नंबर 18 से चुनावी मैदान में उतरी थीं. उन्हें बीजेपी ने टिकट दिया था. संध्या यादव को समाजवादी पार्टी के समर्थन वाले उम्मीदवार प्रमोद यादव ने शिकस्त दी. प्रमोद यादव को जहां 7,905 वोट मिले, वहीं संध्या यादव ने 5,998 वोट हासिल किए.
संध्या यादव इससे पहले समाजवादी पार्टी की तरफ से भी जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं. लेकिन बाद में वे पार्टी से बगावत कर अपने पति के साथ बीजेपी में शामिल हो गई थीं.
नामांकन के दौरान संध्या यादव (बीच में). फोटो ट्विटर से.
नामांकन के दौरान संध्या यादव (बीच में). फोटो ट्विटर से.

दूसरी तरफ कन्नौज में बीजेपी प्रत्याशी शिप्रा ने समाजवादी पार्टी के गढ़ में सेंध लगा दी है. कन्नौज, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का संसदीय इलाका रहा है. खुद अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव भी यहां से सांसद रह चुके हैं. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को यहां से हरा दिया था. इससे पहले 2014 में डिंपल यादव ने ये सीट जीती थी. इस बार के पंचायत चुनाव में यहां के निगोह खास गांव से बीजेपी की शिप्रा को 30 वोट से जीत मिली है. किन्नर ने जीता चुनाव कन्नौज से सीधे कानपुर आते हैं. यहां के बिधनू ब्लॉक की सेन पारा ग्राम पंचायत सीट से किन्नर लालमण काजल किरण ने जीत हासिल की है. उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी गुड़िया देवी को 185 वोट से हराया. किरण काफी लंबे समय से राजनीति में हैं. इससे पहले वे कानपुर के ही नौबस्ता पशुपति नगर वार्ड 48 से पार्षद भी रह चुकी हैं. उन्होंने महाराजपुर विधानसभा से भी अपनी किस्मत आजमाई थी. काजल किरण मंगलामुखी किन्नर समाज की राष्ट्रीय महासचिव भी हैं. उन्होंने बताया कि सेन पारा गांव में उनके पूर्वज रहा करते थे. इसलिए अब वे अपने गांव की सेवा करना चाहती हैं.
कानपुर के ही बिकरू गांव में भी एक महिला ने इतिहास रचा. यह बिकरू वही है, जहां कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का दबदबा था. पिछले साल पुलिस एनकाउंटर में वो मारा गया था. 25 साल बाद इस गांव में चुनाव हुए. यहां से मधु नाम की महिला ने 25 वोट से प्रधानी जीती है.
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के दौरान ममता शर्मा का नाम भी खासा चर्चा में रहा. ममता शर्मा राज्य के वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल शर्मा के छोटे भाई की पत्नी हैं. उन्होंने बुलंदशहर के शिकारपुर ब्लॉक के तहत आने वाले सुरजावली गांव से प्रधान पद का चुनाव लड़ा था. उन्होंने भी जीत हासिल कर ली है.
चुनाव प्रचार के दौरान काजल किरण. फोटो फेसबुस के ली गई है.
चुनाव प्रचार के दौरान काजल किरण. फोटो फेसबुस के ली गई है.

जौनपुर के वार्ड नंबर 51 से उर्वशी सिंह यादव की भी बड़ी चर्चा रही. उर्वशी सिंह यादव बड़े राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके मामा राजेंद्र सिंह राणा अखिलेश यादव सरकार में राज्य मंत्री थे. वहीं उनके परदादा विजय पाल सिंह ने 1971 में मुजफ्फरनगर लोक सभा सीट से चौधरी चरण सिंह को हराया था. वहीं उनके ससुर दिवंगत पारसनाथ यादव मुलायम सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. पारसनाथ यादव को मिनी मुलायम के नाम से जाना जाता था. समाजवादी पार्टी की टिकट पर उतरीं उर्वशी ने लंदन से पढ़ाई की है. उन्होंने वहां से MBA किया. इसके बाद चार साल वहीं नौकरी भी की. वे IIM से भी पासआउट हैं. फिलहाल उनकी सीट का रिजल्ट नहीं आया है.
वहीं जौनपुर के ही सिकरारा वार्ड से श्रीकला ने भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत लिया है. वे जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी हैं. मूल रूप से दक्षिण भारत से ताल्लुक रखने वालीं श्रीकला ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को भारी मतों से हराया. फिलहाल उनका लक्ष्य बीजेपी के टिकट पर 2022 का राज्य विधान सभा चुनाव लड़ना है.