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भारत का जुगाड़ लेकर UK पहुंच गई महिला, फर्जी टेस्ट देकर 150 लोगों को दिलवाया ड्राइविंग लाइसेंस

महिला को आठ महीने की जेल हो गई है.

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आरोपी महिला की फोटो टैरियन काउंटी पुलिस ने जारी की है.

मुन्ना भाई का वो सीन याद है? मेडिकल कॉलेज के एंट्रेंस के लिए मुन्ना भाई अपनी जगह कॉलेज के ही एक प्रोफ़ेसर को टेस्ट में बैठा देता है. इस तरह के टेस्ट्स में फ़्रॉड की ख़बरें पहले ख़ूब आती थीं. पहले मतलब 2000 वाले दशक में. अब कम आती हैं. जैसे अभी आई है. भारत से नहीं, यूके से. हालांकि, इसका इंडिया कनेक्शन भी है.

BBC में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, UK में रह रही एक भारतीय मूल की महिला को 150 लोगों की जगह फ़्रॉड टेस्ट लेने के लिए जेल हो गई है. वेल्स में एक शहर है लनेली. यहां रहने वाली इंद्रजीत कौर पर आरोप हैं कि 2018 और 2020 के बीच उसने 150 लोगों की जगह ड्राइविंग टेस्ट लिए. प्रैक्टिकल और थियरी, दोनों. पुलिस ने कहा कि इंद्रजीत ने ऐसे लोगों की जगह टेस्ट दिए, जिनका अंग्रेज़ी में हाथ तंग था.

जांच में पता चला कि आरोपी एक टेस्ट के लिए लोगों से £800 लेती थीं. मतलब क़रीब 76,374 रुपये. आरोपी इंद्रजीत ने यूके के अलग-अलग शहरों में टेस्ट्स दिए. मसलन स्वानसी, कार्मार्थेन, बर्मिंघम और लंदन.

मामला सामने आया तो पुलिस ने महिला को धर लिया. स्वानसी क्राउन कोर्ट ने केस में फैसला दिया. महिला को 8 महीने की जेल की सज़ा दी गई है. 

फ़्रॉड का पता कैसे चला?

इस फ़्रॉड का पता तब चला जब टेस्ट सेंटर्स पर कर्मचारियों को शक हुआ कि इंद्रजीत बार-बार अलग-अलग लोगों के टेस्ट के लिए आ रही हैं. इसके बाद व्हीकल स्टैंडर्ड एजेंसी ने एक रेफरल दिया और साउथ वेल्स में जांच शुरू हुई. जस्टिस हुव रीस ने अपने आदेश में बताया कि आरोपी महिला ने इस फर्जीवाड़े से अब तक करीब £120,000 कमा लिए हैं. माने करीब 1.14 करोड़ रुपये.

टैरियन के डिटेक्टिव चीफ़ इंस्पेक्टर स्टीवन मैलोनी ने कहा कि कौर ने अनक्वालिफ़ाइड ड्राइवर्स का टेस्ट दिया, जिसकी वजह से न जाने कितने लोगों की जान को ख़तरा हो सकता था. स्टीवन ने कहा,

"कौर ने अयोग्य और ख़तरनाक मोटर ड्राइवर्स को वैध लाइसेंस दिलवाकर सड़क का इस्तेमाल करने वाले निर्दोष लोगों को जोख़िम में डाल दिया है. सड़कों पर सुरक्षा हमेशा हमारी प्राथमिकता रही है और क़ानून की धज्जियां उड़ाने वालों को गिरफ़्तार करना ये सुनिश्चित करता है कि हम अयोग्य ड्राइवरों को सड़क से दूर रख सकें."

इस मामले में ड्राइवर और व्हीकल स्टैंडर्ड एजेंसी की कर्मचारी कैरोलिन हिक्स ने बताया है कि धोखाधड़ी से मिले लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं.

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