टीवी इंडस्ट्री के फेमस एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला नहीं रहे. ज़ाहिर है ये खबर तो अब तक आपने हर जगह पढ़ ही ली होगी. हर कोई उनके जाने का गम अपने-अपने तरीके से शेयर कर रहा है. इतनी कम उम्र में, इतने टैलेंटेड एक्टर का अचानक चले जाना वाकई बहुत हैरान करता है, दुखी करता है. कल दिनभर सिद्धार्थ के लिए ट्विटर पर लोग कुछ न कुछ लिखते रहे. हां लोगों को पूरा हक है कि वो इस दर्दनाक खबर पर अपनी फीलिंग्स शेयर करें, लेकिन किसी को कोई हक नहीं बनता कि इस प्रोसेस में वो किसी दूसरे व्यक्ति का जीना मुश्किल कर दें. दरअसल, सिद्धार्थ के जाने का दुख जताते हुए कई लोगों ने एक्ट्रेस रश्मि देसाई को बुरी तरह ट्रोल किया है. रश्मि ने 'बिग बॉस' में सिद्धार्थ के लिए कुछ ऐसा कहा था, जिसे लेकर अब लोग उन्हें टारगेट कर रहे हैं. खैर, रश्मि पहली ऐसी महिला नहीं हैं, जिन्हें किसी पुरुष की मौत का ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश हुई हो. हम देखते ही रहे हैं कि कैसे अगर किसी पुरुष के साथ कुछ गलत होता है, तो उसके लिए उससे जुड़ी किसी औरत को ज़िम्मेदार ठहराने की कवायद शुरू हो जाती है. क्या है पूरा मामला? आपको डिटेल में बताएंगे.
सिद्धार्थ की मौत के बाद रश्मि देसाई का 'पानी भी नहीं पूछूंगी' वाला डायलॉग क्यों वायरल हो रहा है?
रिया चक्रवर्ती के बाद अब रश्मि देसाई का नंबर आ गया है, लेकिन इस पर हमें कोई हैरानी नहीं है.

सिद्धार्थ के साथ क्या हुआ?
2 सितंबर की सुबह खबर आई कि एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की मौत हो गई. हार्ट अटैक को उनकी मौत की वजह बताया गया. सिद्धार्थ के परिवार वाले उन्हें कूपर अस्पताल लेकर गए थे. जहां उनकी मौत की पुष्टी हुई. 2 सितंबर को ही कूपर अस्पताल में उनके शव का पोस्टमार्टम हुआ. आज शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, जहां डॉक्टर्स ने कोई राय नहीं दी. इस केस में आगे भी जांच होगी. हिस्टोपैथोलॉजी स्टडी और केमिकल एनालिसिस से मौत की वजह का पता लगाया जाएगा. डॉक्टर्स ने बताया कि उनके विसरा को भी सुरक्षित रखा जाएगा. उनकी रिपोर्ट में पाया गया कि शरीर के बाहर या भीतर कोई चोट के निशान नहीं हैं. वहीं आज सिद्धार्थ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.
रश्मि देसाई को क्यों टारगेट कर रहे लोग?
सिद्धार्थ टीवी के पॉपुलर चेहरे थे. कई फिल्मों में भी उन्होंन काम किया था. 'बालिका वधू' सीरियल से उन्हें पहचान मिली थी. 'दिल से दिल तक' सीरियल में भी वो लीड रोल में थे. यहां एक्ट्रेस रश्मि देसाई के साथ उन्होंने काम किया था. बिग बॉस के 13वें सीज़न में बिग बॉस के घर गए और शो जीता. यहां उनके साथ इस शो में रश्मि देसाई भी थीं. रश्मि और सिद्धार्थ कुछ साल पहले कथित तौर पर एक दूसरे को डेट कर रहे थे. 'दिल से दिल तक' सीरियल की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच झगड़े होने की खबर आई. इसके बाद जब दोनों बिग बॉस के घर में साथ आए, तो वहां भी दोनों की काफी लड़ाई हुई थी. अब जब 2 सितंबर को सिद्धार्थ की मौत की खबर आई, तो ट्विटर पर लोगों ने रश्मि के लिए उल्टा-सीधा लिखना शुरू कर दिया. एक यूज़र ने लिखा-
"रश्मि आपने बिग बॉस में कहा था कि आपको फर्क नहीं पड़ता उसके मरने से. सड़ता रहेगा, मरता रहेगा देखूंगी भी नहीं. जब कोई हमारे करीब होता है हम उसकी वैल्यू नहीं करते."
एक दूसरे यूज़र ने रश्मि का नाम लिए बिना लिखा-
"नागिन तेरी मनोकामना पूरी हुई. बहुत हेट करती थी तू मेरे सिड से. वो चला गया. RIP सिड. हमेशा हमारे दिल में रहोगे."
एक अन्य यूज़र ने रश्मि के ट्विटर अकाउंट के एक पोस्ट में लिखा-
"तुमने कहा था मरता पड़ा रहेगा तो भी मैं पानी नहीं दूंगी. ये बात हमेशा याद रहेगी."
अगले यूज़र ने लिखा-
"मर रहा होगा तो पानी तक नहीं पूछूंगी... यही लाइन बोली थी न आपने? देखो वो इंसान किसी को कुछ बोले बिना, हमें छोड़कर चला गया. किसी से कुछ नहीं मांगा."


"आप जो भी मांगते हैं उसे लेकर हमेशा केयरफुल रहें, डेविल्स भी आपकी प्रार्थना सुनते हैं. मैंने देखा था कि कई सारे हेटर्स श्राप दे रहे थे कि वो जल्दी मर जाएं, इनमें मिस रश्मि देसाई भी शामिल थीं, जिन्होंने नेशनल टीवी पर कहा था- "तू मरता रहेगा और पानी भी नहीं पूछूंगी" और आज ये सारे लोग "बहुत जल्दी चला गया..." जैसे कमेंट्स कर रहे हैं. पहले तो उन्हें "40 साल का बुड्ढा" कहते थे. और अब यही लोग कह रहे हैं कि "बहुत कम उम्र में चले गए". सिद्धार्थ कहते थे कि अगर आप किसी व्यक्ति को पसंद नहीं कते तो उनके बारे में बात भी मत करो. अगर आप किसी से नफरत करते हैं तो उनके बारे में सोचो भी मत. किसी को मौत का श्राप मत दो. आपको नहीं पता कि आपकी कौन-सी प्रार्थना का जवाब आपको मिल जाए."

इस तरह के कई सारे ट्वीट्स किए गए और किए जा रहे हैं रश्मि के खिलाफ. हर ट्वीट में उनकी वही बात लिखी जा रही है, जो कभी उन्होंने बिग बॉस में लड़ाई के दौरान सिद्धार्थ को कही होगी. लोग इस तरह से रश्मि के खिलाफ लिख रहे हैं, उन्हें इस तरह से ट्रोल कर रहे हैं, जैसे सिद्धार्थ की मौत का ज़िम्मेदार रश्मि ही हों. रश्मि को टारगेट करने वाले ये लोग खुद को सिद्धार्थ का हितैशी और उनका फैन बता रहे हैं. तब तो ज़ाहिर है इन लोगों ने 'बिग बॉस' देखा ही होगा. वहां किस तरह से कंटेस्टेंट्स एक-दूसरे से लड़ते हैं, वो हम सब बखूबी जानते हैं. इन झगड़ों के दौरान हर कंटेस्टेंट एक-दूसरे को तैश में बहुत बुरी-बुरी बातें कह जाते हैं. ऐसी बातें जो वो शायद कभी भी उस शो के बाहर किसी को न कहें. रश्मि को टारगेट करने वालों ने क्या इस शो की बाकी लड़ाइयां नहीं देखी हैं. अरे कैसे नहीं देखीं, आप तो सिद्धार्थ के फैन हैं, फिर आपने उस शो का हर एपिसोड ध्यान से क्यों नहीं देखा? एक और बात जान लीजिए, बिग बॉस में सीधे से सीधा कंटेस्टेंट भी कभी न कभी तो लड़ ही लेता है, और अगर ये लड़ाइयां न करें, तो क्या आप इस शो को देखना पसंद करेंगे? अंदर झाकिए और जवाब दीजिए. हम खुद आम जीवन में भी लड़ाई के दौरान, गुस्से में या कभी मज़ाक में किसी को नुकसान पहुंचाने जैसी बातें कह देते हैं, लेकिन हम असल में वैसा चाहते नहीं हैं. हमारे एक साथी डेली का एक शो करते हैं, जिस दिन हमारे साथी वो शो नहीं कर पाते और उनकी जगह स्क्रीन पर कोई औऱ दिखता है, तो उनके लिए भी जनता RIP लिख देती है. लेकिन हम जानते हैं कि आप असल में वैसा चाहते नहीं हैं.
रश्मि ने सिद्धार्थ के लिए क्या लिखा?
रश्मि और सिद्धार्थ कभी अच्छे दोस्त हुआ करते थे. उनकी पर्सनल लाइफ में उनके बीच क्या हुआ, हम इस पर नहीं जाएंगे. लेकिन हम ये ज़रूर बताना चाहेंगे कि सिद्धार्थ की मौत के बाद रश्मि उनके घर गई थीं. उनके परिवार को इस दुख के समय सपोर्ट करने के लिए. उन्होंने इंस्टाग्राम और ट्विटर पर भी सिद्धार्थ को श्रद्धांजलि देते हुए पोस्ट डाले. ट्विटर पर दो पोस्ट डाले. एक में टूटे हुए दिल वाला इमोजी था. दूसरे पोस्ट में उन्होंने सिद्धार्थ के साथ की अपनी कुछ तस्वीरें डालीं और लिखा-
"कई बार ज़िंदगी बहुत कॉम्प्लिकेटेड हो जाती है, लेकिन आज के दिन ने ये रिमाइंड कराया कि हम सबसे बड़ी भी कुछ चीज़ है. शब्द अब मतलब नहीं रखते. जब मैं ये टाइप कर रही हूं, तो मेरा दिल टूट रहा है- रेस्ट इन पीस सिद्धार्थ शुक्ला. ओम शांति."
लोगों को इस पर भी चैन नहीं था. रश्मि के इन पोस्ट पर भी कई लोगों ने बहुत भद्दे-भद्दे कमेंट्स किए. हालांकि कुछ सेंसिबल लोगों ने ये बात भी रखी कि जो हुआ उसमें रश्मि को दोष देना सही नहीं है. हम भी ये कहते हैं. जो हुआ वाकई बहुत गलत हुआ, बहुत दुख की बात है कि सिद्धार्थ हमारे बीच नहीं रहे. लेकिन जो हैं उन्हें तो आप कम से कम इस तरह मानसिक तौर पर परेशान न करो. खैर, रश्मि के साथ जो हो रहा है, वैसा तो कई औरतों के साथ हो चुका है. हमने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद भी देखा था, कि किस तरह अंकिता लोखंडे और रिया चक्रवर्ती को लोगों ने ज़िम्मेदार ठहराते हुए ट्रोल किया था. सुशांत के निधन की खबर जैसे ही आई, लोग अंकिता के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पहुंच गए थे. ये लिखने लगे थे कि 'कितनी बेशर्म हो तुम. वो तुम्हारी वजह से गया. और तुम एक वाक्य तक नहीं लिख रहीं.’एक यूज़र ने अंकिता के इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा था-
"थैंक्यू मैम, आपका दुश्मन सुशांत सिंह राजपूत अब नहीं रहा. हमने बॉलीवुड से एक शानदार नगीना खो दिया. आज खुश तो बहुत होगी न आप"
सुशांत और अंकिता 6 साल तक रिलेशनशिप में रहने के बाद अलग हो गए थे. जब सुशांत गए, तब अंकिता उनकी ज़िंदगी का हिस्सा भी नहीं थीं, फिर भी लोगों ने उन्हें ट्रोल किया. क्यों, क्योंकि ज़िंदगी के किसी न किसी लेवल पर वो सुशांत की लाइफ में रहने वाली एक महिला थीं. एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के साथ जो हुआ, हम सबने देखा. हां उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया, वो जांच के दौरान जेल में भी रहीं, लेकिन अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है. उन पर लगे आरोपों की जांच चल ही रही थी कि लोगों ने अपनी-अपनी दिमाग की अदालतों में उन्हें दोषी करार दे दिया. रिया के लिए 'गोल्ड डिगर', 'लालची', 'चुड़ैल' जैसे कई सारे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल हुआ. और आज भी हो ही रहा है. हम यहां रिया का कोई पक्ष नहीं ले रहे, चूंकि मामले की जांच का नतीजा कुछ आया नहीं है, इसलिए हमें न तो किसी का पक्ष लेने का हक है और न ही विरोध करने का. हम बस इतना कह रहे हैं कि रिया के ऊपर जो आरोप लगे थे, उन्हें जज करने का काम अदालत का था और है, हमारा नहीं. लेकिन हमने और आपने जज किया और उन्हें मानसिक तौर पर बेहद परेशान किया.
इतिहास गवाह रहा है कि जब-जब किसी आदमी के साथ कुछ गलत हुआ या उसकी मौत हुई, उसकी ज़िंदगी से रोमैंटिक तरीके से कभी न कभी जुड़ी रही औरतें टारगेट बनीं. उनके लिए कहा गया कि उन्होंने अच्छे खासे इंसान को खा लिया. नागिन, चुड़ैल जैसे शब्दों का इस्तेमाल औरतों के लिए इस सेंस में तो बड़ा कॉमन है. भले ही औरतें उस पर्टिकुलर इंसान के मौजूदा जीवन का हिस्सा न भी रहें, तो भी खोद-खोदकर पुराने लिंक्स निकालकर उन्हें ज़िम्मेदार ठहराया ही जाता है. हमें इस सोच से आगे निकलने की ज़रूरत है. हमें वैज्ञानिक तरीकों पर भरोसा करना चाहिए. हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार करना चाहिए.
सुशांत की मौत के बाद कई तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरीज़ ने जन्म लिया था, जिनका कोई आधार नहीं था. जबकी उस वक्त हमें मेंटल हेल्थ, डिप्रेशन और युवाओं में बढ़ती सुसाइड की प्रवृत्ति के मुद्दे पर बात करना चाहिए था. लेकिन नहीं, सेंसिबल मुद्दों पर बात थोड़ी न होगी. हमारी जनता पता नहीं किस धुन में, किस एंगल में इस मुद्दे को लेकर चली गई. अभी सिद्धार्थ के जाने के बाद हमें किसी कॉन्सपिरेसी थ्योरी की तरफ न जाकर हेल्थ पर ध्यान देने की ज़रूरत है. खुद का ख्याल रखिए. फिट रहिए. समय-समय पर रूटीन चेकअप करवाते रहिए. ताकि अगर आपके शरीर में थोड़ी सी भी कहीं दिक्कत हो, तो आपको पता चल जाए. हार्ट अटैक के कारणों को जानिए, इसे लेकर अवेयर होने की ज़रूरत है.