कुछ दिन पहले हमने एक स्टोरी की थी. हमारी वेबसाइट पर. बताया था कि कैसे कुछ लोग कस्टमर केयर के नाम पर लड़कियों को परेशान करते हैं. उनका शोषण करते हैं. आप अगर वो स्टोरी पढ़ना चाहते हैं, तो उसका लिंक आपको डिसक्रिप्शन में मिल जाएगा. हां, तो जब वो स्टोरी हमने की, तब एक दूसरा एंगल भी हमारे दिमाग में आया. ये कि न केवल कस्टमर केयर के नाम पर लड़कियों को परेशान किया जाता है, बल्कि कस्टमर केयर में काम करने वाली लड़कियों को भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उनके साथ कुछ कस्टमर्स फोन पर अभद्रता करते हैं. तो हमने सोचा कि क्यों न आज इसी मुद्दे के समुद्र में गोता लगाया जाए, और आपको बताया जाए कि कस्टमर केयर या कॉल सेंटर्स में काम करने वाली लड़कियां क्या कुछ झेलती हैं.
कस्टमर केयर में काम करने वाली लड़कियों से 'टाइम पास' करने वालों से घटिया कौन होगा?
कस्टमर केयर में काम करने वाली लड़कियों को लेकर लोगों के दिमाग में हद गंदगी मची हुई है.

अब बात तसल्ली से-
देखिए हर कंपनी के कस्टमर केयर का एक कॉल सेंटर होता है. किसी मामले में कंपनी खुद वो कॉल सेंटर संभालती है, या फिर कभी इसके लिए तीसरी पार्टी हायर करती है. अब ये कस्टमर केयर या कॉल सेंटर्स से हमारा संपर्क दो तरह से होता है. पहला किसी ऑफर की जानकारी देने और उसे अवेल करवाने के लिए आपको कॉल आता है. दूसरा आपकी कोई पर्टिकुलर दिक्कत के लिए आप किसी कंपनी के कस्टमर केयर को कॉल करते हैं.
पहले वाले मामले में हममें से ज्यादातर लोग क्या करते हैं? या तो फोन उठाते ही नहीं है, या फिर उठाने के बाद कुछ ही सेकेंड्स में काट देते हैं. कई लोग तो बुरी तरह चिल्ला भी देते हैं. इस हद तक कि दिन का सारा गुस्सा, सारा फ्रस्ट्रेशन उस कस्टमर केयर वाले के मत्थे चढ़ जाता है. दूसरे तरह के कॉल्स में क्या होता है? जब कस्टमर केयर के किसी रिप्रेजेंटेटिव या एग्ज़िक्यूटिव को आप खुद कॉल मिलाते हैं, किसी xyz प्रोडक्ट या सर्विस की शिकायत के लिए, और अगर संतुष्टि भरा जवाब नहीं मिलता है, तो आप गुस्सा करते हैं. कई लोग यहां पर भी गाली दे डालते हैं. और अगर कस्टमर केयर एग्ज़िक्यूटिव कोई लड़की हो, तो इस अब्यूज़ का तरीका ऐसा होता है कि सीधे उस लड़की के जेंडर को ही टारगेट कर दिया जाता है. कैसे? ये जानने के लिए हमने बात की एक नामी ऑनलाइन प्रोडक्ट डिलीवरी कंपनी में कस्टमर केयर को हेड करने वाली महिला से. वो नहीं चाहतीं कि हम उनका नाम बताएं, इसलिए इस वीडियो के लिए उन्हें हम प्रिया कहेंगे.

शिकायत का हल होने के बाद लोग फ्लर्ट करने लग जाते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
प्रिया ने बताया कि कस्टमर थोड़े पैसे का सामान खरीदने के बाद बड़े अकड़ में आ जाते हैं, जो व्यक्ति उनकी इस खरीदारी में या दिक्कत हल करने में मदद करता है, माने कस्टमर केयर एग्ज़िक्यूटिव, उसे सोचते हैं कि वो तो उनके अंडर में ही है. लोग गुस्से में बहुत बुरा-भला बोलते हैं. अगर एग्ज़िक्यूटिव कोई लड़का है, तो कई बार प्रॉपर अब्यूज़िव शब्दों का इस्तेमाल कर देते हैं, और अगर एग्ज़िक्यूटिव कोई लड़की हो तो अटैक बहुत ही जेंडर बेस्ड होता है. वो लड़की के घर और घरवालों के लिए उल्टा-सीधा बोलेंगे. जैसे- मां-बाप कुछ करते भी हैं या नहीं? जैसी तुम्हारी मां है, वैसी ही तुम भी हो? कुछ करती नहीं हो, ऐसे ही पगार उठा रही हो? वर्क एथिक्स पर भी सवाल उठाएंगे. दूसरा- अगर किसी लड़की की आवाज़ थोड़ी भारी हो, तो उससे कहते हैं कि तुम लड़की ही हो न? या अपना नाम झूठा बता रही हो.
प्रिया ने आगे बताया कि कस्टमर केयर की लड़कियों को लोग सोशल मीडिया पर स्टॉक करने की भी कोशिश करते हैं. इससे बचने के लिए एग्ज़िक्यूटिव्स अपना पूरा नाम नहीं बताते. प्रिया ने बताया-
"जैसे आपने अपना नाम बताया, फिर लोग गूगल करते हैं, फेसबुक पर खोजने की कोशिश करते हैं. इसलिए आप देखेंगे कि ज्यादातर कस्टमर केयर में एग्ज़िक्यूटिव्स अपना पूरा नाम नहीं बताते. मान लीजिए किसी लड़की ने अपना नाम पूजा बताया, ये बेहद जेनरिक सा नाम हो गया, सरनेम नहीं बताया. क्योंकि लोग स्टॉक करने की कोशिश करते हैं. इन सारी चीज़ों से बचने के लिए बहुत सारे तरीके अपनाए जाते हैं."
इन सबके अलावा फीमेल एग्ज़िक्यूटिव्स को कई दफा फ्लर्टिंग का भी सामना करना पड़ता है. प्रिया बताती हैं कि चूंकि कस्टमर केयर एग्ज़िक्यूटिव्स को ज्यादातर जगहों पर ये सिखाया जाता है कि अगर कस्टमर अब्यूज़ नहीं कर रहा है, तो बहुत ही कम मामलों में वो खुद से कॉल काट सकते हैं. माने एग्ज़िक्यूटिव्स खुद से कॉल बहुत ही कम मौकों पर डिसकनेक्ट कर सकते हैं. इसी वजह से कई बार होता ये है कि कुछ मेल कस्टमर्स फीमेल एग्ज़िक्यूटिव्स से फ्लर्ट करने की कोशिश करते हैं. प्रॉब्लम सॉल्व होने के बाद भी बेवजह कॉल को खींचने की कोशिश करते हैं. जैसे पूछ लिया कि और बताएं क्या चल रहा है. इस तरह के सवाल. लोग बिना किसी कारण आधे-आधे घंटे की कॉल्स करते हैं.
बहुत सारी कंपनीज़ ने आजकल कस्टमर केयर को मैसेज वाला रूप भी दे दिया है. माने अगर आपको किसी कंपनी के कस्टमर केयर से बात करनी है, तो पहले मैसेज में बात होगी, फिर किसी एग्ज़िक्यूटिव का कॉल आपके पास आएगा. प्रिया बताती हैं कि मैसेज वाले प्लेटफॉर्म्स में एग्ज़िक्यूटिव लड़की हो चाहे लड़का, दोनों को ही सीधे तौर पर अब्यूज़िव शब्द माने गाली-गलौज सुननी पड़ती है. क्योंकि तब कस्टमर इस बात पर ध्यान नहीं देता कि एग्ज़िक्यूटिव ने अपना जो नाम बताया है वो लड़की का है या लड़के का. प्रिया ने बताया कि कभी-कभी कुछ कस्टमर्स फीमेल एग्ज़िक्यूटिव्स से सेक्शुअल टॉक करने की भी कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसे मामले कम ही होते हैं, अगर कोई होते भी हैं, तो एग्ज़िक्यूटिव के पास राइट होता है कि वो कस्टमर को मना करके फोन काट दे.
कैसे कमेंट्स किए जाते हैं?
देखिए एक्टिव कॉल सेंटर्स की शुरुआत हमारे देश में 21वीं सदी के आगमन के साथ हुई थी. सबसे पहले BPO, यानी बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग का चलन आया था साल 2000 की शुरुआत में. बड़ी संख्या में लोगों को हायर किया गया था. चूंकि विदेशी कंपनियों को सर्विस प्रोवाइड करनी पड़ती थी, इसलिए नाइट शिफ्ट रखी गई. तब लड़कियों को भी इस शिफ्ट में रखा गया. जो कि हमारी सोसायटी के लिए तब नई बात थी. लड़की और नाइट शिफ्ट? ये सवाल ऐसा था कि ज्यादातर लोगों की आंखें चौड़ी हो जाती थीं. कस्टमर केयर या कॉल सेंटर वाली लड़कियों के बारे में अभी किस तरह की बातें होती हैं, ये जानना भी ज़रूरी है. तो इसे जानने के लिए हमने खंगाला कोरा. ये सवाल-जवाब की एक वेबसाइट है. नाम तो सुना ही होगा. यहां तो कॉल सेंटर्स और लड़कियों से जुड़े ऐसे-ऐसे सवाल पढ़ने को मिले जैसे लोगों ने कॉल सेंटर को मौज उड़ाने की जगह समझ रखा हो. एक सवाल था-
"क्या आप कॉल सेंटर मैं नौकरी करने वाली लड़कियों के चरित्र के बारे में अनुभव साझा करेंगे?"
अब आपको बताते हैं कि ये सवाल क्यों किया गया? क्योंकि कुछ लोगों की धारणा है कि नाइट शिफ्ट करने वाली लड़कियां तथाकथित चरित्रहीन होती हैं. या कॉल सेंटर में जॉब करने वाली लड़कियां, तो आए दिन लड़कों के साथ पार्टी करती हैं, शराब और सिगरेट का सेवन करती हैं. और ये सब करना तथाकथित 'आदर्श समाज' की लड़कियों को शोभा नहीं देता. अब भई ये काम तो लड़के भी करते हैं, लेकिन उनके चरित्र के बारे में तो कोई नहीं पूछता. खैर, अच्छी बात ये रही कि जिन्होंने भी इसका जवाब लिखा, ज्यादातर ने सवाल पूछने वाले की मानसिकता पर ही सवाल उठाए. कॉल सेंटर से जुड़ा एक और सवाल था कि-
कॉल सेंटर में कार्य करने वाले लड़के/लड़कियों की जिंदगी कैसी होती है?
इसके जवाब में कॉल सेंटर में काम कर चुकी एक लड़की ने लिखा-
"कुछ लोग कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़कियों के बारे में अलग-अलग सोच बनाकर बैठे हैं. उन्हें बता दूं कि कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़कियां भी सामान्य ही होती हैं. हां थोड़ी लाइफस्टाइल अलग होती है, धूम्रपान करती हैं, चुलबुली नटखट, एकदम फ्रेंक और फ्रेंडली होती हैं. लेकिन इन सबसे आप किसी के चरित्र पर संदेह नहीं कर सकते हैं."
एक सवाल था-
क्या ये बात सच है कि कॉल सेंटर में जाकर लड़के और लड़कियां बिगड़ जाते हैं?
एक और इसी तरह का सवाल पूछा गया था, ये कि-
कॉल सेंटर के आसपास की दुकानों पर कॉन्डम की बिक्री ज्यादा क्यों होती है?
एक और सवाल था-
कॉल सेंटर में काम करने के पीछे के कुछ अनसुने सच क्या हैं?
एक सवाल तो ये था कि-
कॉल सेंटर और कॉल गर्ल में क्या अंतर है?

कोरा में ऐसे सवाल पूछे गए हैं.
माने अगर आप कोरा को खंगालेंगे तो इसी तरह के वाहियात से सवाल आपको देखने को मिलेंगे. जो ये साफ दिखाते हैं कि कॉल सेंटर को लेकर लोग क्या-क्या इमेजिन करते हैं.
अब एक छोटा सा प्रैक्टिल करिए. यूट्यूब पर सर्च बॉक्स में टाइप करिए- कस्टमर केयर. क्या दिखा? ज़ाहिर है कुछ वीडियो दिखे होंगे, जिनमें से ज्यादातर के टाइटल होंगे- कस्टमर केयर वाली को ही पटा लिया या टाइम पास किया. इस तरह के भतेरे वीडियो आपको मिल जाएंगे. जिनमें से कुछ स्क्रिप्टेड हैं तो कुछ असल कॉल रिकॉर्डिंग्स हैं. साफ सुनाई दे रहा है कि कस्टमर केयर एग्ज़िक्यूटिव से फ्लर्ट किया जा रहा है. अब ट्विटर पर आप हिंदी में कस्टमर केयर लिखिए. यहां भी आपको लीचड़-लीचड़ से भतेरे ट्वीट देखने मिलेंगे. एक व्यक्ति ने लिखा था-
"मुझे अपनी सही वैल्यू उस समय पता चली जब कस्टमर केयर वाली लड़की ने कहा आपकी कॉल हमारे लिए महत्वपूर्ण है."
एक अन्य आदमी ने लिखा था-
"कुछ दिन से तो किस्मत ऐसी चल रही है कि कस्टमर केयर पर भी लड़का ही फोन उठा रहा है."
इसी तरह का एक अन्य ट्वीट हमें दिखा, लिखा था-
"आज के घुटन भरे माहौल में सिर्फ कस्टमर केयर वाली ही है जो गरीब से गरीब आदमी से भी इज़्ज़त से बात करके VIP वाली फीलिंग देती है."

ट्विटर पर इस तरह के कमेंट्स आते हैं.
ऐसे कई ट्वीट आपको मिल जाएंगे. माने आप समझ रहे हैं कि कस्टमर केयर और कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़कियों के बारे में किस तरह की बातें लोगों ने दिमाग में बैठा रखी है. खैर, आपको ये बता दें कि जो भी लड़कियां कस्टमर केयर में काम करती हैं वो पढ़ी-लिखी होती हैं और बहुत मेहनत से वो काम करती हैं. अगर इक्का-दुक्का कुछ अपवाद सामने आ भी जाए, तो आप उसके आधार पर हर किसी को जज नहीं कर सकते.
ट्विटर पर आपको ये जो चुटकुले मिलेंगे, इनमें भले ही किसी तरह का सेक्शुअल कॉन्टेंट या फिर गाली नहीं हो, लेकिन ये इस भावना से भरे हुए ज़रूर होते हैं कि जो कस्टमर केयर है, या कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव है, या फोन के दूसरी तरफ आपके सवालों का जवाब देता व्यक्ति है, वो आपका नौकर है, आपके टाइमपास के लिए बैठा है. सिर्फ इसलिए कि वो आपसे विनम्रता से बात कर रहा है, आप उसके साथ किसी भी तरह का बर्ताव कर सकते हैं या उसे अपने से कमतर मानने का अधिकार रख सकते हैं.