The Lallantop

देहरादून: स्कूल की बच्ची से गैंगरेप, गर्भपात करवाया गया, अब कोर्ट ने सख्त सज़ा सुनाई है

बोर्डिंग स्कूल में पढ़ती थी बच्ची.

Advertisement
post-main-image
बायीं तरफ स्कूल के प्रबंधन के सदस्यों की तस्वीर, दायीं तरफ स्कूल की लड़की की सांकेतिक तस्वीर. (तस्वीर: स्पेशल अरेंजमेंट/ पिक्साबे)
देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में एक बच्ची के गैंगरेप के मामले में स्पेशल कोर्ट ने सज़ा का ऐलान किया है. इसमें नाबालिगों को तीन-तीन साल, जबकि मुख्य आरोपी को 20 साल की सजा हुई है. स्कूल प्रबंधन पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है. ये मामला POCSO के तहत दर्ज हुआ था.
मामला क्या है?
अगस्त, 2018 में देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में गैंगरेप का मामला सामने आया. चार क्लासमेट और एक सीनियर ने मिलकर लड़की का रेप किया. इसके बाद लड़की ने ये बात स्कूल प्रबंधन को बताई. लेकिन मामले को गंभीरता से लेने के बजाय स्कूल प्रबंधन ने इसे छिपाने की कोशिश की. आरोप लगे कि स्कूल प्रबंधन ने लड़की का गर्भपात कराया. उसके घरवालों को भी ये बात नहीं बताई गई.
School 3 मुंह ढककर पुलिस के साथ जाती स्कूल प्रबंधन की सदस्य. (तस्वीर: स्पेशल अरेंजमेंट)

पुलिस ने क्या किया?
मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने कार्रवाई की. स्कूल के डायरेक्टर और चार अन्य को गिरफ्तार किया. इनमें प्रिंसिपल, चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, उनकी पत्नी और डोमेस्टिक हेल्प शामिल थे. आरोप लगा आपराधिक साज़िश और गर्भपात कराने का. इनके अलावा तीनों नाबालिग छात्रों और एक सीनियर स्टूडेंट को भी पकड़ लिया गया.
क्या सज़ा मिली है?
तीनों नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) ने बरी कर दिया था. लेकिन POCSO कोर्ट ने उन्हें भी तीन साल की सजा सुनाई है. प्रिसिंपल जितेंद्र शर्मा को तीन साल की सजा मिली है. स्कूल निदेशक लता गुप्ता,  मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दीपक और उसकी पत्नी तनु को अलग-अलग धाराओं में पॉक्सो कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सभी को 9 -9 साल की सजा सुनाई. POCSO कोर्ट ने सज़ा सुनाने के बाद तीनों नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश होने के निर्देश दिए हैं.


वीडियो:भयंकर वायरल: निर्मला सीतारमण के बजट 2020 पर बने मज़ेदार मीम्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement