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Orthorexia: हेल्दी खाने की आदत का सनक बन जाना भी हेल्थ के लिए अच्छा नहीं

ऑर्थोरेक्सिया की वजह से समय काफी खराब होता है. व्यक्ति यही सोचता रहता है कि क्या खाना है, खाना कहां से आएगा, इसे कौन बनाएगा, बनाने वाले को क्या निर्देश देने हैं.

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ऑर्थोरेक्सिया को खुद नहीं रोक पा रहे हैं तो किसी क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के पास जाएं.

खाने के शौकीन लोग आमतौर पर दो तरह के होते हैं. एक वो जिनको हम सब प्यार से फूडी बुलाते हैं. ये लोग हर तरह का खाना एन्जॉय करते हैं. दूसरे वो, जो अपने खाने को लेकर काफ़ी सतर्क रहते हैं. वो अनहेल्दी चीज़ों से मीलों की दूरी बनाकर रखते हैं. उनको हेल्थ के लिए फायदेमंद चीज़ें खाने का जुनून होता है. अब ऐसे लोगों को आप हेल्दी कहेंगे. है न? उनकी तारीफ़ करेंगे कि देखो अपनी सेहत का कितना ख्याल है, कितना सोच-समझकर खाता है, पर यहां कहानी में ट्विस्ट है. 

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दरअसल हेल्दी चीज़ें खाने का ऑब्सेशन अपनेआप में हेल्दी नहीं है. ऐसा ऑर्थोरेक्सिया नाम की कंडीशन के कारण होता है. अगर आपके मुंह में जाने वाली हर कौर का आप हिसाब रखते हैं, उनके पोषक तत्वों की हिस्ट्री निकाल लेते हैं और इस डर में रहते हैं कि कहीं आप गलती से कुछ अनहेल्दी न खा लें तो हो सकता है आप ऑर्थोरेक्सिया से ग्रसित हों. क्या है ये चीज़, एक्सपर्ट्स से जानते हैं.

ऑर्थोरेक्सिया क्या होता है?

ये हमें बताया डॉ प्रीति सिंह ने.

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(डॉ. प्रीति सिंह, फाउंडर, सीमलेस माइंड्स क्लिनिक, गुरुग्राम)

- ऑर्थोरेक्सिया ऐसी मनोदशा है जिसमें इंसान को स्वस्थ चीजें खाने का जुनून सवार हो जाता है.

- हेल्दी चीज़ें खाने के अलावा इंसान के दिमाग में कुछ और नहीं चलता. अगर ये खाना उन्हें नहीं मिलता तो उन्हें बेचैनी, घबराहट और पैनिक अटैक आ जाता है.

लक्षण

- ऑर्थोरेक्सिया की वजह से समय काफी खराब होता है. व्यक्ति यही सोचता रहता है कि क्या खाना है, खाना कहां से आएगा, इसे कौन बनाएगा, बनाने वाले को क्या निर्देश देने हैं.  

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- ऑर्थोरेक्सिया से ग्रसित इंसान हर खाने की चीज के सभी लेबल्स को बहुत ध्यान से पढ़ता है.

- वो काफी जांच पड़ताल के बाद ही कुछ सामान खरीदता है.

- ऑर्थोरेक्सिया की वजह से व्यक्ति दिनभर अपने आसपास के लोगों से सिर्फ खाने के बारे में ही बात करता है.

- वो दूसरे लोगों से पूछता है कि वो लोग क्या चीज़ें खा रहे हैं. बाद में ऑर्थोरेक्सिया से ग्रसित व्यक्ति दूसरों के खाने की आलोचना करता है.

- इस वजह से बाकी लोग ऑर्थोरेक्सिया से ग्रसित व्यक्ति के साथ समय नहीं बिताते.

- कई बार ऐसे लोग कहीं आना-जाना बंद कर देते हैं, क्योंकि उन्हें अपनी पसंद का खाना वहां नहीं मिलता.

- इस वजह से ऑर्थोरेक्सिया से ग्रसित व्यक्ति सामाजिक रूप से कट जाता है.

- ऐसे लोग इंस्टाग्राम पर इंफ्लुएंसर को बड़े जुनून से फॉलो करते हैं.

- अक्सर ये पाया जाता है कि इन लोगों में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, क्योंकि वो एक ही तरह का खाना लंबे समय तक खाते रहते हैं.

इलाज

- ऑर्थोरेक्सिया को अभी तक बीमारी नहीं माना गया है.

- इसे अभी एक कंडीशन के रूप में ही देखा जाता है.

- लेकिन हो सकता है कि ऑर्थोरेक्सिया को भविष्य में बीमारी का दर्जा दे दिया जाए.

- आजकल लोग इस बात से बहुत ग्रसित हैं कि वो ऑर्गेनिक, बहुत साफ और शुद्ध खाना खाएं.

- इस वजह से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे आगे चलकर नुकसान हो सकता है.

- इसलिए अपने खाने-पीने की चीजों को लेकर ज्यादा चूज़ी न हों.

- अगर ज्यादा शुद्ध और साफ खाना न मिलने से आपको बेचैनी हो रही है, रिश्तों में तनाव आ रहा है तो किसी डायटीशियन या न्यूट्रीशनिस्ट से मिलकर उन्हें अपनी समस्या बताएं.  

- समस्या गंभीर है तो डॉक्टर से मिलिए, वो जांच कर के आपकी समस्या का इलाज ढूंढेंगे.

- ऑर्थोरेक्सिया को खुद नहीं रोक पा रहे हैं तो किसी क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के पास जाएं.

- वो तनाव कम करने में आपकी मदद करेंगे.

- ऑर्थोरेक्सिया कई कारणों से हो सकता है. जैसे अगर पहले किसी का ज़्यादा वजन रहा हो तो उन्हें दोबारा वजन बढ़ने का डर रहता है.

- या कोई और समस्या है, जैसे ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर या कोई और इटिंग डिसऑर्डर है, इन वजहों से भी ऑर्थोरेक्सिया हो सकता है.

- ऐसे में पहले उस बीमारी का इलाज दवाइयों और साइकोथेरेपी से किया जाएगा. इसी के साथ ऑर्थोरेक्सिया का भी इलाज हो जाएगा. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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