नायका आईपीओ निवेश के लिए 28 अक्टूबर को खुला था और 1 नवंबर को बंद हुआ था. आज यानी 10 नवंबर को इसके शेयर्स की लिस्टिंग हुई और इसी के साथ नायका की फाउंडर फाल्गुनी नायर इंडिया की पहली सेल्फ मेड बिलियनेयर महिला बन गई हैं. ज़ाहिर है इसपर खबर बननी थी. खबर बनी. लोगों ने फाल्गुनी को बधाईयां दी. लेकिन इस बधाई देने के सिलसिले में शुरू हो गई एक बहस. क्या है वो बहस और लोग क्या कह रहे हैं इस पर, यही बताएंगे. क्या है Nykaa नायका. इस कंपनी की शुरुआत हुई थी साल 2012 में. फाउंडर थीं फाल्गुनी नायर. अच्छी खासी बैंकर की नौकरी छोड़कर इन्होंने कॉस्मेटिक और पर्सनल केयर प्रोडक्ट बेचने का कारोबार शुरू किया. 20 साल बैंक में नौकरी करने के बाद जब उन्होंने बिज़नेस के लिए नौकरी छोड़ी तो लोगों ने इसे बड़ी गलती बताया. लेकिन फाल्गुनी को अपने आईडिया पर पूरा भरोसा था. उन्होंने सोचा कि सस्ते से लेकर महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स को एक साथ एक प्लैटफॉर्म पर लाया जाए. ताकि अच्छे ब्यूटी प्रोडक्ट्स छोटे शहर और कस्बों तक भी पहुंचें.
मेरी बात ले लीजिए, मैं जिस शहर में पली-बढ़ी वहां आज से 8 साल पहले तक कोई मॉल नहीं था. स्किनकेयर प्रोडक्ट खरीदने हम लोकल शृंगार सदन में जाते. दुकान वाले भैया हमें प्रोडक्ट ये कहकर बेचते थे कि इसमें एकदम गोरी लगेंगी, ये महंगी लिप्स्टिक है सब पर अच्छी लगेगी. स्किन टोन, स्किन टाइप क्या बला है ये तो उनको पता ही नहीं होता. नायका ने औरतों को ऑप्शन दिया अपने रंग और स्किन टाइप के हिसाब से मेकअप खरीदने का. ऐसा मेकअप जो उनके लुक को एन्हैंस करे.
देश के 24 राज्यों में नायका के 70 से ज़्यादा ऑफलाइन स्टोर्स हैं
आज नायका एक सक्सेसफुल कंपनी है. ऑनलाइन स्पेस पर नायका पर ब्यूटी और पर्सनल केयर के 400 से ज्यादा ब्रांड्स के 40 हज़ार से ज्यादा प्रोडक्ट्स अवेलेबल हैं. इसके साथ ही देश के 24 राज्यों में नायका के 70 से ज़्यादा ऑफलाइन स्टोर्स हैं. इस कंपनी में इन्वेस्टमेंट के लिए IPO 28 अक्टूबर को खुला था और 1 नवम्बर को बंद हुआ. आज इसके शेयर्स की बहुत शानदार लिस्टिंग हुई. और फाल्गुनी इंडिया की पहली सेल्फ मेड बिलियनेयर बन गई. ऐसा होते ही फाल्गुनी ख़बरों में छा गईं. कुछ ने लिखा - "आज कई रिकॉर्ड टूटे. वुमन-लेड एंटरप्राइज़ की शानदार लिस्टिंग हुई" और इसी 'वुमन-लेड एंटरप्राइज़' के इस्तेमाल से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गयी.
लोगों ने नायका की सक्सेस को एक औरत की सक्सेस बताने पर आपत्ति जताई. उनका कहना था कि बिज़नेस के बारे में बात करो, जेंडर के नहीं. क्या ज़ोमैटो के IPO के वक़्त हैडलाइन में 'मैन-लेड एंटरप्राइज़' लिखा था?
"ये भेदभाव कितनी सहजता से सामने आता है. ऐसा लग रहा है खबर लिखने वाला कोई आदमी है, जो शॉक्ड है कि एक महिला के नेतृत्व वाली कंपनी इतनी बड़ी हो सकती है. इसमें क्रोध और जलन दोनों भाव दिख रहा है." आशीष शर्मा नाम के यूज़र ने लिखा - "नायका की सक्सेस को सेलिब्रेट करना चाहिए. न कि जेंडर पर फोकस करना चाहिए."
वुमन-लेड एंटरप्राइज़ के पक्ष में -
कुछ लोगों के विचार इसके उलट भी थे. एक यूजर ने लिखा" इस दुनिया को सक्सेसफुल आदमी को देखने की आदत है. औरतों के लिए ये लिए ज़रा मुश्किल है. ऐसे में फाल्गुनी को appreciate करने में कुछ गलत नहीं है."चंद्रा नाम की एक यूज़र ने लिखा,
"लड़कियों के लिए रोल मॉडल होनी चाहिए. आज फाल्गुनी नायर एक रोल मॉडल हैं. बिज़नेस करने से fundamentals हमेशा डिस्कस होते हैं."