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3,000 रुपये के लिए लोन ऐप वालों ने महिला की न्यूड तस्वीरें बनाईं और करीबी लोगों को भेज दीं

मुंबई की रहने वाली 22 वर्षीय महिला ने एक ऑनलाइन ऐप से ये लोन लिया था. लेकिन वो लोन चुका नहीं पा रही थी.

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साइबर क्राइम केस में बढ़ोतरी होने से पुलिस ने गूगल को फेक, फ्रॉड ऐपस की लिस्ट भेजी (फोटो-आजतक)

घर चलाने के लिए महज 3,000 रुपए का लोन लेना एक महिला को भारी पड़ गया. मुंबई की रहने वाली 22 वर्षीय महिला ने एक ऑनलाइन ऐप से ये लोन लिया था. लेकिन वो लोन चुका नहीं पा रही थी. आरोप है कि इसके बदले ऑनलाइन ऐप चलाने वाली कंपनी ने महिला की मॉर्फ्ड न्यूड फोटोज बनाईं और उसके तमाम फोन कॉन्टैक्ट्स भेज दीं. वे तस्वीरें महिला के परिवार, रिश्तेदारों, दोस्तों और अन्य जानकारों तक पहुंच गईं. महिला की मॉर्फ्ड तस्वीरें देखने के बाद कई लोग उसे आपत्तिजनक मैसेज भी करने लगे. बाद में महिला पुलिस के पास गई जिसने शिकायत सुन कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने पुलिस को बताया कि वो एक होम मेकर है. उसका पति कैब ड्राइवर है. उन्हें पैसों की जरूरत थी. कुछ समय पहले उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा था. वहां उसे 'क्रेडिटलोन' नाम की कंपनी का ऐड दिखा. उसने अपनी ईमेल आईडी से साइन इन किया. अपनी एक तस्वीर, आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटोज उस कंपनी को भेजी. इस प्रोसेस के तहत महिला के फोन कॉन्टैक्ट की लिस्ट भी कंपनी को मिल गई. 

महिला ने पुलिस को बताया कि उसने 5,000 रूपये के लोन के लिए अप्लाई किया था, लेकिन उसे 3,000 रूपये का ही लोन दिया गया. बीती 2 जून से उसे लोन चुकाने के मैसेज आने लगे. लेकिन जल्दी ही ये मैसेज अश्लील होने लगे. महिला को एक अश्लील वीडियो भेजा गया. कहा गया कि अगर उसने लोन नहीं चुकाया तो जल्द ही उसका चेहरा वीडियो में डाल दिया जाएगा. 

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक 5 जून को महिला को 14 अलग-अलग नंबर से एब्यूजिव मैसेज और कॉल्स आते हैं. और एक फोटो आती है. उसमें पीड़िता के फोटो को किसी और महिला की न्यूड फोटो के साथ बदल दिया जाता है. कुछ घंटो बाद उसे अपने दोस्त का फोन आया. उसने महिला को बताया कि उसे भी उसकी मॉर्फ्ड फोटो मिली है और कंपनी उसे लोन चुकाने के लिए कह रही है. 

इस सबके बाद महिला शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन आई. शिकायत दर्ज करने के बाद महाराष्ट्र साइबर पुलिस ऐसे सभी लोन ऐप का डाटा निकाल कर गूगल को भेज रही है. उसने कहा है कि ऐसे ऐप्स को ब्लॉक किया जाए. पुलिस ने आरोपी कंपनी के खिलाफ IPC की धारा 504 (जानबूझकर अपमान), 507 (गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी) और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की धारा 67 ए (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील चीजे भेजना) के तहत मामला दर्ज किया है.  

ये खबर हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं मनीषा ने लिखी है.

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