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क़ैद किए गए लेस्बियन कपल को मिलाकर केरल हाई कोर्ट ने नज़ीर पेश कर दी!

नूरा ने इशारे से आदिला को फोन पर बताया कि उसके परिवार वाले उसे कन्वर्ज़न थेरपी के लिए मजबूर कर रहे हैं.

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वो लेज़बियन कपल (आदिला और नूरा) जिनके बारे में सारी ख़बर है | फोटो - फेसबुक

केरल के एक लेस्बियन कपल को केरल हाईकोर्ट ने साथ रहने की परमिशन दे दी है. दोनों लड़कियों ने जब अपने घरवालों को अपने रिश्ते के बारे में बताया तो घरवाले नहीं माने. इसके बाद घरवालों ने दोनों को अलग करने की कोशिशें कीं, उन पर कन्वर्जन थेरेपी ट्राई किया, आखिर में एक NGO की मदद से दोनों को साथ रहने की परमिशन मिल पाई.

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Kerala के lesbian couple की कहानी

आदिला नज़रीन और नूरा फ़ातिमा सऊदी अरब में स्कूल के दिनों में मिली थीं. पिछले कुछ सालों से रिलेशनशिप में हैं. 19 मई को दोनों ने अपने परिवारों को बताया कि वो समलैंगिक हैं और एक दूसरे को पसंद करती हैं. परिवारों ने उनके रिश्ते पर आपत्ति जताई. दोनों ने घर छोड़ दिया और उसी दिन कालीकट के वनजा कलेक्टिव में शेल्टर मांगी. वनजा कलेक्टिव एक संगठन है, जो LGBTQIA+ समुदाय के लिए काम करती है.

उसी रात दोनों के माता-पिता वनजा कलेक्टिव पहुंचे और अपनी बेटियों को ले जाने की कोशिश की. नूरा के माता-पिता तो ऐसा नहीं कर पाए, लेकिन आदिला के माता-पिता ने दोनों को अपने साथ जाने के लिए मना लिया. उन्होंने दोनों लड़कियों और वनजा कलेक्टिव को आश्वासन दिया कि वे अपनी बेटी के साथ-साथ नूरा की भी देखभाल करेंगे. इसके बाद दोनों लड़कियों को अदिला के एक रिश्तेदार के घर ले जाया गया. वहां परिवार ने कथित तौर पर दोनों को इमोशनली ब्लैकमेल किया. आदिला ने ये भी आरोप लगाए कि उस रात उन्हें सोने नहीं दिया गया, क्योंकि परिवार को डर था कि वे फिर घर से चली जाएंगी. इसके बाद उन्हें वहीं 'क़ैद' रखा गया.

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23 मई को नूरा के माता-पिता ने कालीकट के थमारसेरी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. 24 मई को पुलिस ने शिकायत के आधार पर दोनों को तलब किया. दोनों पुलिस थाने गए. बिनानीपुरम सर्कल इंस्पेक्टर ने कहा कि दोनों महिलाएं अडल्ट हैं, इसीलिए माता-पिता की 'झूठी' शिकायत पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. इसके बाद कपल को वापस आदिला के घर ले जाया गया.

आदिला ने कहा कि उसे उसके परिवार ने बाहर कर दिया (फोटो - फेसबुक)

इसके बाद नूरा की मां, दादा-दादी और चाची आदिला के रिश्तेदार के घर पहुंचे, जहां दोनों को रखा गया था. और, नूरा को वहां से ले गए. आदिला ने आरोप लगाए हैं कि जब नूरा को ले जाया जा रहा था तो उसने रोकने की कोशिश की, लेकिन उसके पिता ने उसे रोक लिया.

आदिला की सहेली और वनजा कलेक्टिव की सदस्य धान्या ने नूरा को ज़बरदस्ती ले जाते हुए देखा. उनका मानना था कि नूरा के परिवार वाले उसके साथ शारीरिक या यौन हिंसा कर सकते हैं. धान्या ने बताया,

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"नूरा की चाची ने कहा था कि 'एक बार जब वो (नूरा) एक पुरुष का सुख महसूस करेगी, तो सब बदल जाएगा."

मामला Kerala High Court तक कैसे पहुंचा?

अब यहां वनजा कलेक्टिव ने एक सेवियर का काम किया. घटना के बारे में पता चलते ही बिनानीपुरम पुलिस को बताया. पुलिस आदिला के रिश्तेदार के घर पहुंची, लेकिन तब तक नूरा को उसके परिवार वाले ले जा चुके थे. पुलिस ने आदिला को छुड़ाया और शेल्टर होम में भेज दिया.

27 मई को वनजा कलेक्टिव और आदिला ने नूरा के परिवार के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई. कालीकट में थमारसेरी पुलिस से संपर्क किया, लेकिन कथित तौर पर पुलिस ने FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया और तर्क दिया कि ये एक पारिवारिक मामला था और वो इन्वॉल्व नहीं हो सकते. बिनानीपुरम के सर्कल इंस्पेक्टर को नूरा के परिवार से एक वीडियो भेजा गया था. वीडियो में नूरा अपनी मां के बग़ल में खड़ी थी और कह रही थी,

“मेरा नाम नूरा है. मैं एक समलैंगिक हूं और मेरी पार्टनर का नाम आदिला है. मैं यहां सुरक्षित हूं. मुझे आश्वासन चाहिए कि वो सुरक्षित है."

हालांकि, नूरा कहां से वीडियो बना रही थीं, इसका पता नहीं चल पाया है.

परिवार वालों ने कन्वर्ज़न थेरेपी करवाने की कोशिश की

29 मई को आदिला और नूरा ने फोन पर बात की. नूरा ने इशारे से आदिला को बताया कि उसके परिवार वाले उसे कन्वर्ज़न थेरेपी के लिए मजबूर कर रहे हैं. अभी तक की मिली जानकारी के मुताबिक़, कॉल के दौरान नूरा एक काउंसलर और उसकी मां की मौजूदगी में थी. आदिला ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि नूरा उसे बहुत कुछ बताना चाहती थी, लेकिन लेकिन कॉल लाउड स्पीकर पर था. काउंसलर ने आदिला से कहा कि अगर नूरा से दोबारा बात करनी है, तो उसे अनुमति लेनी होगी.

कन्वर्ज़न थेरेपी में कथित तौर पर किसी के सेक्शुअल ओरिएंटेशन या जेंडर आइडेंटिटी को बदलने का दावा किया जाता है. ये थेरेपी इस सिद्धांत पर काम करती है कि समलैंगिक होना कोई बीमारी है. जबकि किसी का समलैंगिक होना एकदम नैचुरल है. कई देशों में कन्वर्ज़न थेरपी प्रतिबंधित है.

29 मई को ही वनजा कलेक्टिव और आदिला ने केरल हाई कोर्ट में हेबियस कॉपस याचिका दायर की. अदालत ने कपल के अलावा किसी और को कार्यवाही में रहने की अनुमति नहीं दी. वनजा कलेक्टिव के मुताबिक़ केवल पांच से छह मिनट की अदालती कार्यवाही में आदिला और नूरा से अदालत ने पूछा कि क्या वे एक साथ रहना चाहती हैं? उन्होंने कहा, हां और अब वे वापस साथ आ गए हैं.

हालांकि, अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि नूरा की नज़रबंदी के दौरान उसके साथ क्या-क्या हुआ.

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