The Lallantop

प्रॉस्टेट कैंसर किन वजहों से होता है? इसका इलाज कैसे होता है? सब जान लीजिए

हिंदुस्तान में प्रॉस्टेट कैंसर की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ये एक चिंता का विषय है. एक्सपर्ट से जानिए प्रॉस्टेट कैंसर किन वजहों से होता है और इसका इलाज कैसे होता है.

Advertisement
post-main-image
prostate cancer

आपने प्रॉस्टेट कैंसर का नाम सुना है? पुरुषों को होने वाला ये कैंसर बहुत आम है. पर सबसे पहले ये समझ लेते हैं कि ये प्रॉस्टेट होता क्या है, जो केवल पुरुषों के शरीर में पाया जाता है. प्रॉस्टेट ग्रंथि पुरुषों में पाई जाती है. नींबू के आकार की ये ग्रंथि, पेशाब की थैली के नीचे होती है. ये ग्रंथि मेल जेनिटल यानी यौन अंगों का एक हिस्सा है. प्रॉस्टेट ग्रंथि का रोल पुरुषों के सेक्शुअल फंक्शन में होता है. अब पुरुषों की बढ़ती उम्र के साथ, ग्रंथि का साइज़ भी बढ़ता है. इसके साइज़ बढ़ने के पीछे एक बड़ी वजह प्रॉस्टेट कैंसर है. उम्र बढ़ने के साथ, प्रॉस्टेट कैंसर होने का चांस भी बढ़ता है. आज बात करेंगे प्रॉस्टेट कैंसर के बारे में ताकि लोगों तक इसके बारे में सही जानकारी पहुंचे. डॉक्टर से जानते हैं प्रॉस्टेट कैंसर क्यों होता है? किस उम्र में प्रॉस्टेट कैंसर का ख़तरा होता है? किन लक्षणों से प्रॉस्टेट कैंसर का पता चलता है? कौन से टेस्ट ज़रूर करवाने चाहिए? और इसका इलाज क्या है?

Advertisement

प्रॉस्टेट कैंसर क्यों होता है?
(जानिए डॉ पुनीत अहलूवालिया, डायरेक्टर एंड हेड, किडनी एंड यूरोलॉजी इंस्टिट्यूट, मेदांता से)

(Dr. Puneet Ahluwalia, Director & Head, Kidney & Urology Institute, Medanta, Gurugram )
(डॉ. पुनीत अहलूवालिया, डायरेक्टर एंड हेड, किडनी एंड यूरोलॉजी इंस्टिट्यूट, मेदांता, गुरुग्राम )

Advertisement

हिंदुस्तान में प्रॉस्टेट कैंसर बहुत आम है. पुरुषों को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है. इसके मामले तेज़ी से बढ़े हैं. प्रॉस्टेट कैंसर क्यों होता है, इसकी पक्की वजह नहीं पता चली है. इसके कई कारण हैं जैसे बढ़ती उम्र. 60 या 70 साल की उम्र में लोगों को प्रॉस्टेट कैंसर हो सकता है. कुछ देशों में ये ज़्यादा आम है जैसे अफ़्रीका. DNA  म्यूटेशन (DNA में आने वाले बदलाव) के उपर रिसर्च चल रही है. जैनेटिक म्यूटेशन (DNA में आने वाला बदलाव) भी एक कारण हो सकता है. इस रिसर्च से इलाज में फायदा हो सकता है.

किस उम्र में प्रॉस्टेट कैंसर का ख़तरा होता है?

आमतौर पर ये 60-70 की उम्र या उसके बाद होता है. लेकिन युवाओं में भी ये देखा गया है. जिन लोगों की फॅमिली हिस्ट्री है या नज़दीकी रिश्तेदार को प्रॉस्टेट कैंसर है, उन्हें 40-50 साल की उम्र से सचेत रहना चाहिए.

Advertisement

किन लक्षणों से प्रॉस्टेट कैंसर का पता चलता है?

इस कैंसर के कोई ख़ास लक्षण नहीं होते हैं. उम्र के साथ जब प्रॉस्टेट का साइज बढ़ता है तो पेशाब से जुड़ी कुछ समस्याएं आती हैं. जैसे बार-बार यूरिन जाना, रात को यूरिन जाना या यूरिन में रुकावट आना. ये लक्षण प्रॉस्टेट के बढ़ने और प्रॉस्टेट कैंसर दोनों के हो सकते हैं. अगर पेशाब में खून आ रहा है, तो उसकी जांच होना ज़रूरी है. पेशाब में खून आना प्रॉस्टेट कैंसर की वजह से भी हो सकता है, इसके अलावा और कारण हो सकते हैं.

कौन से टेस्ट ज़रूर करवाने चाहिए?

सबसे पहला टेस्ट है PSA टेस्ट. ये ज़रूरी नहीं है कि PSA बढ़ा है, तो प्रॉस्टेट कैंसर होगा. PSA बढ़ने के कई कारण होते है. जैसे यूरिन इन्फेक्शन, प्रॉस्टेट में सूजन, पेशाब की नली में समस्या या यूरिन का रुकना. इन सारी चीज़ों को रूल आउट करके टेस्ट करवाना चाहिए. PSA बढ़ा हुआ तो MRI करते हैं. मेन डायग्नोसिस प्रॉस्टेट बायोप्सी से बनता है. बायोप्सी के बगैर कैंसर का डायग्नोसिस नहीं कर सकते. शरीर में कैंसर कितना फैला हुआ है, इसका पता PSMA PET- CT टेस्ट से करते हैं.

इलाज

ये निर्भर करता है कि कैंसर लोकलाइज़्ड है (सिर्फ़ उसी हिस्से में है), एडवांस्ड है या मेटास्टैटिक (शरीर के बाकी हिस्सों में फैला) है. लोकलाइज़्ड है तो आसानी से इलाज हो जाता है. दो तरीके से इलाज होता है. सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी. सर्जरी में काफी बदलाव हुए हैं. आज कल रोबोटिक सर्जरी से इलाज हो जाता है. रोबोटिक सर्जरी के बाद पेशेंट को 1-2 दिन में डिस्चार्ज कर देते हैं. इस प्रोसेस में पेशेंट को कोई ख़ास दर्द नहीं होता. इस प्रॉसेस में ICU और खून की ज़रुरत नहीं पड़ती. पेशेंट अपने काम-काज पर जल्दी वापस लौट सकता है. अगर कैंसर बिलकुल लोकलाइज़्ड है तो सर्जरी करते हैं. एडवांस्ड सिचुएशन में रेडिएशन थेरेपी इस्तेमाल करते हैं. अगर मेटास्टैटिक है तो हॉर्मोन थेरेपी करते हैं. इसमें शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन को कम करने के लिए एंड्रोजन डेप्रिवेशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें इंजेक्शन या दवाई का इस्तेमाल होता है.

प्रॉस्टेट कैंसर क्यों होता है, ये आपने समझ लिया. अगर बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो जो टेस्ट डॉक्टर ने बताए हैं, उन्हें ज़रूर करवाएं.

Advertisement