The Lallantop

एक चुटकी सिंदूर की असली कीमत इन पांच देसी औरतों ने बता दी!

15 साल पुरानी पिक्चर का डायलॉग सोशल मीडिया पर अब क्यों वायरल हो रहा है.

Advertisement
post-main-image
मजेदार है वायरल हो रहा ये वीडियो

एक चुटकी सिन्दूर की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू…ये डायलॉग याद है आपको? बिल्कुल याद होगा. अब एक नया और ज्यादा रेलेवेंट डायलॉग पढ़िए.  एक चुटकी सिन्दूर की कीमत रमेश बाबू नहीं जानता.. एक चुटकी सिन्दूर की कीमत जानती हैं औरतें. जो अपनी मांग में सिन्दूर भरती हैं यानी शादीशुदा महिलाएं. इसी एक चुटकी सिन्दूर की कीमत बताता हुआ एक वीडियो इन दिनों अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब वायरल है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

अलग-अलग सेटअप में अलग-अलग तरह से शादीशुदा महिलाएं इस एक चुटकी सिन्दूर की कीमत बता रही हैं. इस वीडियो में रमेश को हड़काते हुए महिलाएं बोल रही हैं,

एक चुटकी सिन्दूर की कीमत रमेश बाबू नहीं जानता. एक चुटकी सिन्दूर की कीमत हम जानते हैं, एक चुटकी सिन्दूर की कीमत है कपड़े धोना, बर्तन धोना, झाड़ू-पोछा लगाना, बच्चे संभालना और राजकुमारी से काम वाली बाई बना देना.

Advertisement

इस वीडियो में सभी महिलाओं के एक्सप्रेशन बहुत ज्यादा फनी हैं. कोई हाथ में झाड़ू लेकर ये रील बना रही हैं तो कोई अपने पति को हड़काते हुए. अपने दर्द को बयां करते हुए सब एक से बढ़कर एक क्रिएटिविटी दिखा रही हैं. चलिए पहले देख लीजिये ये वीडियो.

इस रील का ओरिजिनल ऑडियो प्रिया भाटिया नाम की यूज़र के इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया गया है. उनके रील पर दो लाख से ज्यादा व्यूज़ हैं. इस ऑडियो को अलग-अलग अकाउंट रे रिक्रिएट किया जा रहा है. इंस्टाग्राम पर आप जाएंगे तो हज़ार से ज्यादा रील्स इस ऑडियो पर बन चुके हैं. कुछ पर लाखों में तो कई में हज़ारों व्यूज़ हैं.

Advertisement

अब वीडियो इतना मजेदार था तो मैंने सोचा चलो थोड़े कमेंट्स भी पढ़ लेते हैं. तो मैंने प्रिया भाटिया का वीडियो खोला और कमेंट्स पढ़ने शुरू किए. कमेंट सेक्शन- 'सही बात है', 'एकदम सही कहा', जैसे कमेंट्स से भरा हुआ है. मतलब कई लोग इस से रिलेट कर पा रहे हैं. 

kantasharm.sharma नाम की यूज़र ने कमेंट किया-

“एक चुटकी सिन्दूर और फिर आकर बोलते हैं तुम सारा दिन करती ही क्या हो.” 

अब इस सवाल से तो दुनिया की हर हाउस वाइफ परेशान है. करेले पर नीम ये कि its_me_teja_kuthamasu नाम के एक यूज़र ने कमेंट कर दिया कि इतना काम करती हो तो रील बनाने का टाइम कैसे मिल गया. इनका कहना था, 

“इतना काम करने के बाद तो टाइम ही नहीं बचना चाहिए रील बनाने का."

इसके बाद इन रील्स पर हंसी मज़ाक वाले और भी कमेंट्स थे. उस बीच पंकज शर्मा नाम के एक यूज़र ने ज्ञान दिया,

“मैं आपको याद दिला दूं. झाड़ू, पोछा, कपड़े, बर्तन, खाना बनाना इत्यादि नौकरानी वाले काम औरतें, एक चुटकी मांग में पड़ने से पहले भी बाप के घर किया करती हैं.”

अब बात ये है न ये रील फनी ज़रूर है, पर ये समाज की एक सच्चाई की तरफ भी इशारा करता है. वो ये है कि ज्यादातर परिवारों में अभी भी घर के काम की, रसोई की प्राथमिक जिम्मेदारी महिलाओं पर ही आती है. शादी के इश्तेहारों में अब भी ‘सुंदर, सुशील और पढ़ी-लिखी’ के साथ ‘गृहकार्य में दक्ष’ कन्या की मांग की जाती है. हम ये मान भी लें कि कोई परिवार ये सोचकर बहू नहीं लाता कि उसे कामवाली बना देंगे. लेकिन ज्यादातर परिवारों में उससे ये उम्मीद ज़रूर की जाती है कि वो घर के काम संभाल ले. 

कुछ परिवारों में हालात बदल रहे हैं, लेकिन वो परिवार गिनतीभर ही हैं. और ऊपर ये जो पंकज शर्मा कह रहे थे कि लड़कियां अपने मायके में भी ये सब काम करती हैं, उसके पीछे की एक बड़ी वजह ये है कि लड़कियों की परवरिश भी वैसे ही होती है, कि घर के काम सीख लेगी तो ससुराल में काम आएगा. अच्छे खाने से पति खुश रहेगा, सास ये न कहे कि मां ने कुछ नहीं सिखाया आदि आदि. 

वैसे इस रील में घर के जिन कामों का जिक्र है न, असल में वो लाइफ स्किल्स हैं. जो हर किसी को आनी चाहिए, औरतों को भी और पुरुषों को भी. टीनेज बच्चों को खाना बनाना, घर की सफाई, कपड़े-बर्तन करना सब सिखाया जाना चाहिए, ताकि जब वो घर से बाहर निकलें तो खुद के सरवाइवल के लिए किसी और पर निर्भर न हों.

दही हांडी में दादी ने सिर से फोड़ी मटकी, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

Advertisement