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औरतों के बनियान के कितने नाम जानते हैं आप?

फैशन की दुनिया इतनी वास्ट है कि क्या बताएं. यहां आप जब तक एक चीज़ समझ पाते हैं, उसका अपडेट आ चुका होता है.

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महिलाओं के समीज के ही इतने प्रकार होते हैं कि समझते-समझते दिमाग घूम जाए. सांकेतिक फोटो

कुछ दिन पहले ऑडनारी पर हमने एक लाइव किया. लड़कियों के पैंट्स की फोटो अपने मेल कलीग्स को दिखाई और उनके नाम पूछे. वो हैरान रह गए, कई पैंट्स के नाम तो वो पहचान ही नहीं पाए. क्योंकि उनके लिए तो एक जींस होती है, एक पैंट होता है, एक शॉर्ट्स होता है. लेकिन लड़कियों के कपड़ों को पहचान पाना इतना आसान नहीं होता है. कई बार तो हम खुद ही अंतर नहीं कर पाती हैं पर आपको पता है ज्यादा दिक्कत कब होती है, जब एकदम बारीक अंतर के चलते कपड़ों का नाम बदल जाता है.

फैशन की दुनिया है ही ऐसी. यहां रोज़ नए एक्सपेरिमेंट होते रहते हैं. ये इतनी वास्ट है कि 'मुझे तो सब पता है' वाली लाइन कोई कह ही नहीं सकता. आप यकीन नहीं करेंगे कि सिर्फ एक स्लीव के अंतर से किसी टॉप का नाम बदल जाता है. तो आज हम बात करेंगे ऐसे ही आउटफिट्स के बारे में जो लगभग एक जैसे होते हैं लेकिन उनके नाम अलग-अलग होते हैं.

शरारा और ग़रारा
Image Courtesy- House of Indya

शरारा शरारा ...... ये गाना तो आपने सुना होगा? पर यहां पर हम गाने की बात नहीं कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं शरारा सूट्स की. शरारा सूट्स और गरारा सूट्स दोनों ही एथनिक फैशन वर्ल्ड में बीते कई सालों से छाए हुए हैं. लेकिन शरारा और गरारा में लोग कन्फ्यूज़ भी बहुत होते हैं. मैं भी बहुत होती थी. हम बताते हैं दोनों में अंतर क्या है? वैसे तो शरारा और ग़रारा दोनों ही मुग़लों की देन हैं और दोनों ही बेहद एलिगेंट और रॉयल आउटफिट्स हैं. दोनों को ही आमतौर पर शॉर्ट कुर्ती और दुपट्टे के साथ पेयर किया जाता है. मगर इन दोनों में एक बहुत ही छोटा-सा फर्क होता है. शरारा दरअसल एक तरह के फ्लेयर्ड पैंट्स होते हैं जिनका घेर ऊपर से नीचे जाते हुए बढ़ता रहता है. पहली नज़र में देखने पर ये लहंगे जैसे ही लगता है. वहीं ग़रारा कमर से लेकर घुटनों के ऊपर तक फिटेड होता है और उसके नीचे इसमें एक खूबसूरत घेर होता है.

पलाज़ो और क्यूलॉट्स
Image courtesy- Myntra

पलाज़ो पैंट्स और क्यूलॉट्स. पलाज़ो तो सुना है पर ये क्यूलॉट्स क्या है? दरअसल दोनों ही बॉटमवेयर के काफी पॉपुलर और ट्रेंडी स्टाइल्स हैं. गर्मियां शुरू होते ही इनकी डिमांड काफी बढ़ जाती है क्योंकि ये स्टाइलिश तो होते ही हैं साथ ही कंफर्टेबल भी होते हैं. लेकिन अक्सर लोग इन दोनों पैन्ट्स की वैराइटीज़ में कन्फ्यूज़ हो जाते हैं. चलिए दूर कर देते हैं आपका कन्फ्यूज़न ...दोनों में बस लेंथ का ही अंतर है. पलाज़ो पैंट्स एक तरह के वाइड-लेग्ड पैंट्स होते हैं जिन्हें इंडियन और वेस्टर्न दोनों ही तरह के कपड़ों के साथ पेयर किया जा सकता है. पलाज़ो पैंट्स की लेंथ एंकल तक या कई बार उससे भी नीचे तक होती है. इनकी चौड़ाई ऊपर से नीचे तक सेम होती है. वहीं क्यूलॉट्स इनसे थोड़े ही अलग होते हैं क्योंकि क्यूलॉट्स की लंबाई या तो घुटनों तक होती है या फिर उनसे थोड़ा नीचे तक. आप बोल सकते हैं कि क्यूलॉट्स असल में पलाज़ो की कैप्री है.

रिप्ड जीन्स और डिस्ट्रेस्ड जीन्स
Image courtesy- Myntra.com/aeo.in

अब लिटरल मीनिंग के हिसाब से देखें तो दोनों का मतलब सेम ही होता है. लुक देखें तो वो भी सेम ही होता है. तो अंतर क्या है? थोड़ा ध्यान से देखेंगे तो दोनों में अंतर नज़र आने लगेगा. रिप्ड जीन्स के तो नाम से ही साफ है कि ये वो जीन्स है जिसके फैब्रिक में छेद या रिप्स होते हैं यानी इसमें अलग-अलग जगहों पर कट लगे होते हैं. वहीं डिस्ट्रेस्ड जीन्स का लुक थोड़ा विंटेज होता है. इनमें जो कट्स होते हैं उनमें से धागे निकल रहे होते हैं, इसके कुछ हिस्से फेडेड होते हैं और कई बार नीचे की तरफ की इनकी सिलाई और धागे भी उधड़े हुए होते हैं. तो अब आया अंतर समझ? तो अब से जींस को पहले ध्यान से देखिएगा और फिर बताइयेगा कि ये रिप्ड है या डिस्ट्रेस्ड.

टैंक टॉप, रेसर बैक और केमिसोल
Image courtesy- Myntra.com

वैसे तो ये तीनों ही स्लीवलेस टॉप्स होते हैं जिन्हें कैजुअल लुक के लिए अलग-अलग तरह के बॉटम्स के साथ पेयर करके पहना जाता है. कई लोग शर्ट्स या जैकेट्स के साथ भी इसे लेयरिंग कर के पहनते हैं. लेकिन इनमें एक ऐसा अंतर होता है जो आराम से नज़र आ जाता है.

टैंक टॉप्स ज़्यादातर अलग-अलग तरह के चौड़े स्ट्रैप्स के साथ आते हैं और ये कैमिसोल के कम्पेरिज़न में थोड़े फिटेड होते हैं. इसी वजह से कुछ लोग इन्हें वर्कआउट के दौरान जिम शॉर्ट्स या वर्कआउट लेगिंग्स के साथ पहनना भी पसंद करते हैं, पीछे की तरफ इनका गला डीप नहीं होता. वहीं केमिसोल को आमतौर पर लोग इनरवेयर की तरह पहनना पसंद करते हैं. इनमें मीडियम या स्पेगेटी स्ट्रैप्स आते हैं. स्पेगेटी यानी एकदम पतले स्ट्रैप्स. केमिसोल का गला आगे और पीछे दोनों ही तरफ से थोड़ा डीप होता है. और रेसर बैक यानी वो टॉप्स जिनका बैक टी के आकार का होता है. है न सिंपल?

बेल बॉटम और बूट-कट
Image courtesy- Myntra

दोनों ही डेनिम पैन्ट्स के काफी पॉपुलर स्टाइल्स हैं. दोनों ही रेट्रो और ट्रेंडी लुक देते हैं. लेकिन लेकिन लेकिन… दोनों में अंतर होता है. बेल बॉटम्स में कमर से ले कर घुटनों तक आपके पैंट्स फिटेड होते हैं और घुटने के नीचे से ये फ्लेयर्ड हो जाते हैं. नीचे की तरफ बढ़ते-बढ़ते इनका घेर भी बढ़ता रहता है. वहीं बूट-कट या बूटलेग पैंट्स काफी हद तक स्ट्रेट-फिट पैंट्स की ही तरह होती हैं क्योंकि ये कमर से लेकर नीचे के तक सिमिलर विड्थ में होती हैं बस एंकल से थोड़ा ऊपर आकर इनमें थोड़ा घेर आ जाता है.

और आपको एक मज़े की बात बताऊं, कई बार तो दुकान वालों को भी इतना बारीक अंतर नहीं पता होता है. तो अगली बार जब दुकानवाला आपको गलत सामान दिखाए तो उसको करेक्ट करिएगा, मज़ा न आए तो पैसे वापस.

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