क्योंकि अभी अपन बात करेंगे केस से जुड़ा अहम सबूत यमुना में फेंकने वाले 'चाकू' उर्फ तोप सिंह का रोल करने वाले जगजीत संधू की. सीरीज़ में जाति व्यवस्था वाले मसले को मजबूती से उठाने में तोप सिंह का किरदार बड़ा मददगार साबित होता है.
कौन हैं जगजीत संधू?
मशहूर पंजाबी आर्टिस्ट हैं. प्रोफेशनल एक्टिंग की शुरुआत की थी 2015 में आई पंजाबी फिल्म 'रुपिंदर गांधी' से. फिल्म में निभाया इनका भोला का कैरेक्टर बड़ा पसंद किया गया. लेकिन इनके लिए करिश्मा किया उनकी दूसरी फिल्म 'क़िस्सा पंजाब' ने. फिल्म में जगजीत ने स्पीड नाम का किरदार निभाया था. करिश्मा क्या हुआ इस पर आगे बात करेंगे. खैर, अगले कुछ दिनों में जगजीत 'रॉकी मेंटल', 'सज्जन सिंह रंगरूट', 'डाकुआं दा मुंडा', 'शाडा' और 'सुफना' जैसी फिल्मों में नज़र आए. फिल्म 'क़िस्सा पंजाब' से जगजीत का एक सीन आप यहां देख सकते हैं:
7 साल की उम्र में एक्टिंग से पैसे कमाने लगे थे
7 साल की उम्र में जगजीत जब चौथी क्लास में थे, तभी पास की एक थिएटर प्रोडक्शन कंपनी ने उन्हें साइन कर लिया. स्कूल में रहने के दौरान वो इस थिएटर ग्रुप के साथ अपने और आस-पड़ोस के गांवों में नाटक करने लगे. हर नाटक के लिए इन्हें 50 रुपए मिलते. स्कूल में पढ़ते हुए बच्चा कमा भी रहा है, इससे घरवाले भी खुश रहते थे. स्कूल खत्म करने के बाद जगजीत का सपना नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) दिल्ली में एडमिशन पाने का था. लेकिन वो हो नहीं पाया. दिलचस्पी तो एक्टिंग में ही थी, इसलिए पंजाब यूनिवर्सिटी से एक्टिंग-थिएटर में मास्टर्स की डिग्री हासिल की.

बचपन के दिनों में स्टेज पर परफॉर्म करते जगजीत संधू. (बाएं)
दिग्गज फिल्ममेकर दीपा मेहता ने बुलाकर काम दिया
कॉलेज खत्म करने के बाद जगजीत पद्मश्री नीलम मान सिंह के थिएटर ग्रुप 'द कंपनी थिएटर' से जुड़ गए. फिर धीरे-धीरे फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया. 'क़िस्सा पंजाब' ने पंजाबी ऑडियंस के साथ-साथ जगजीत को इंटरनेशनल लेवल पर भी एक पहचान दी. इसी फिल्म में उनका काम देखने के बाद ऑस्कर नॉमिनेटेड दिग्गज़ फिल्ममेकर दीपा मेहता ने उन्हें अपनी एक फिल्म में काम दिया. फिल्म का नाम था 'द एनाटॉमी ऑफ वॉयलेंस'. इसमें उनका रोल एक रेपिस्ट का था लेकिन ऐसा कि आप उसे नोटिस किए बिना नहीं रह पाएंगे. इस फिल्म को कई फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया गया. अगर डिजिटल स्पेस की बात करें, तो 'पाताल लोक' जगजीत की पहली सीरीज़ नहीं है. इससे पहले वो हुमा कुरैशी स्टारर नेटफ्लिक्स सीरीज़ 'लैला' में भी एक छोटे से किरदार में काम कर चुके हैं.

दीपा मेहता डायरेक्टेड फिल्म 'एनाटॉमी ऑफ वॉयलेंस' के पोस्टर पर जगजीत (बाईं तरफ ऊपर से दूसरे). ये फिल्म निर्भया गैंगरेप पर बेस्ड थी.
पाताल लोक का 'चाकू' और अनुराग कश्यप का फोन कॉल
जगजीत को 'पाताल लोक' वाला रोल बिलकुल नॉर्मल प्रक्रिया से ही मिला. यानी स्क्रीनटेस्ट और ऑडिशन वगैरह के बाद. लेकिन जब सीरीज़ पर काम शुरू हुआ, तब मेकर्स को पता चला कि जगजीत 'क़िस्सा पंजाब' वाले एक्टर हैं. वैसे तो इस सीरीज़ के सभी एक्टर्स की तारीफ हो रही है लेकिन थिएटर वालों को ये सोचकर कई बार साइडलाइन कर दिया जाता है कि 'इनको तो काम आता ही होगा'. सीरीज़ की रिलीज़ वाले दिन एबीपी सांझा को दिए एक इंटरव्यू में जगजीत ने बताया कि इस सीरीज़ को देखने के बाद फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने उन्हें फोन किया. उनकी तारीफ की. साथ ही फोन पर उन्होंने 'चाकू' के किरदार की कई छुपी हुई बातें जगजीत को बताईं. अनुराग ने ये भी कहा कि अगर जगजीत मुंबई में हैं, तो आकर उनसे मिलें. लेकिन जगजीत अपने घर चंडीगढ़ में थे. अनुराग ने उन्हें कहा कि वो जब भी मुंबई आएं, सीधे उन्हें आकर मिलें. मुंबई में अगर कोई फिल्ममेकर आपको मिलने के लिए बुला रहा है, तो इसके पीछे की वजह समझ पाना ज़्यादा मुश्किल नहीं है.

पंजाब में जातीय समीकरणों का मारा चाकू उर्फ तोप सिंह. ये किरदार जगजीत संधू ने निभाया है.
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