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SSC Scam में CBI की पहली गिरफ्तारी, ये दो बड़े पूर्व अधिकारी नप गए!

CBI ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों अधिकारियों ने SSC नियमों का उल्लंघन किया और मनमाने तरीके से ग्रुप सी स्टाफ की भर्तियां की थीं.

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पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा और सीबीआई का लोगो. (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला (SSC Scam) मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को पहली गिरफ्तारी की. जांच एजेंसी ने पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा और SSC के पूर्व चेयरमैन अशोक साहा को इस मामले में गिरफ्तार किया है.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक CBI ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों व्यक्तियों ने SSC नियमों का उल्लंघन किया और मनमाने तरीके से ग्रुप सी स्टाफ की भर्तियां की थीं. एजेंसी ने ये भी आरोप लगाया कि इन लोगों ने सिफारिशें जारी करने के लिए क्षेत्रीय आयोग के अध्यक्षों के जाली हस्ताक्षर किए थे. CBI ने कहा कि इन्हीं सिफारिशों के आधार पर तब नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे. जबकि चुने गए कैंडिडेट्स के नाम वेबसाइट पर डालना होता है, लेकिन ये भी नहीं किया गया था.

एजेंसी ने कहा, 

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'इस प्रकार असली योग्य कैंडिडेट नौकरी पाने से वंचित रह गए थे.'

इस मामले में ED ने पहले ही 23 जुलाई को पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने मुखर्जी के अपार्टमेंट से 49.80 करोड़ रुपये कैश और सोने के आभूषण बरामद किया था. साथ ही कई दस्तावेज भी जब्त किए थे. दोनों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी-लॉन्ड्रिंग कानून के तहत मामला चल रहा है.

बीजेपी ने उठाया सवाल

उधर इन गिरफ्तारियों के बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ये भ्रष्टाचार और भी बड़ा है. उन्होंने कहा,

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'यह तो अभी सिर्फ शुरुआत है. यह 3000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार है. मुख्यमंत्री के सर्किल के ऐसे लोग जो राजनीति में स्थापित होना चाहते हैं, वे सभी इस भ्रष्टाचार से जुड़े हुए हैं. CBI और ED को रैकेट चलाने वाले उन लोगों को भी पकड़ना चाहिए, जिन्होंने नाम इकट्ठा किए थे. इसमें दो तरह के दलाल काम करते थे. इसमें एक विधायकों का एक समूह था. तापस साहा का पत्र पहले ही सामने आ चुका है.'

ED का समन

इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में टीएमसी विधायक मानिक भट्टाचार्य को नोटिस जारी किया है. उन्हें अगले सप्ताह कोलकाता में ED कार्यालय में जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था. इससे पहले ED ने उनके घर से कुछ 'महत्वपूर्ण' दस्तावेज बरामद किए थे. कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर भट्टाचार्य को पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाया गया था.

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