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'नदिया के पार' जैसी बड़ी फ़िल्मों में काम कर चुकीं एक्ट्रेस सविता बजाज की हताशा, "मेरा गला घोंट दो"

इलाज के लिए पैसे नहीं हैं.

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सविता बजाज.
सविता बजाज. टीवी और फ़िल्म एक्ट्रेस हैं. 'नदिया के पार', 'नज़राना', 'बेटा हो तो ऐसा' जैसी फ़िल्मों में काम किया है. इस वक़्त गंभीर पैसों की तंगी और बेहद खराब स्वास्थ्य की दोतरफ़ा मार झेल रहीं हैं. जीवन इतना पीड़ादायक लग रहा है कि इलाज कर रहे डॉक्टरों से गला घोंटने की मांग कर रहीं हैं. सविता जी को कुछ दिन पहले एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था इलाज के लिए. जहां वो साथ में चल रहे स्टाफ़ से उनका गला घोंटकर मार देने की बात कर रहीं थीं.
कुछ वक़्त पहले 'दिया और बाती हम' जैसे शोज़ में नज़र आने वालीं नुपुर अलंकार के आर्थिक तंगी से जूझने की खबरें सामने आईं थीं. इस बात का ख़ुलासा रेणुका शहाणे ने अपनी फेसबुक पोस्ट के ज़रिए किया था. नुपुर CINTA की भी मेंबर हैं और सविता बजाज के साथ एक शो में काम भी कर चुकी हैं. जब उन्हें सविता जी की ख़राब हालत की भनक लगी, तो उन्होंने फौरन सविता जी को फ़ोन लगाकर उनका हाल लिया. आजतक से सविता बजाज के बारे में बात करते हुए नुपुर ने कहा,

"मैंने सविता जी के साथ आज से कुछ साल पहले काम किया था. जब मुझे उनकी हालत के बारे में मालूम पड़ा, तो मैंने उन्हें कॉल किया. मेरी कॉल से वो परेशान हो जाती थीं. कई बार तो मेरा फ़ोन काट भी दिया. उन्होंने पहले से ही मान लिया था कि कोई मेरी मदद नहीं करेगा. मैं उनसे फ़ोन पर ही लगातार संपर्क में थी. एक दिन उन्होंने मुझसे कहा वो मिलना चाहती हैं. वो मेरे घर आईं और जब उन्होंने मुझे अपनी हालत बताई तो वो सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए.

उनको इस दुनिया में अकेला देख कर. मैं उन पर नज़र रखने लगी. वे इस दौरान बीमारियों की वजह से कई बार अस्पताल में एडमिट होती रहीं. लेकिन हर बार बीच में ही इलाज छोडकर वाप लौट जाती थीं. दरअसल उनके पास इलाज के पैसे नहीं थे. वो तो एक दिन मैं अचानक से उनके घर चली गई. घर जाकर उनकी हालत देखी. मुझे लगा उनकी तबियत बिगड़ी जा रही है. आखिरकार वे अस्पताल में दाखिल हुईं. वहां उनके बैंक के सारे पैसे खत्म हो गए.

तब जाकर उन्होंने मुझे बताया कि नुपुर आजतक किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए हैं. लेकिन अब मेरे पास पैसे नहीं हैं. क्या करूं. तब मैंने मीडिया में अपनी बात बताने को कहा. जिसे सुनकर वो मुझपर गुस्सा हो गईं. और कहने लगीं कि कोई मदद नहीं करेगा. काफ़ी ज़ोर देने पर वो राज़ी हुईं. वे फिलाहल अस्पताल में हैं और मैं उनकी देखभाल कर रहीं हूं. उनका किराए का घर देखकर आप हैरान हो जाएंगे.

घर पूरी तरह से तितर-बितर है. मैं रोज़ाना झाड़ू- पोंछा कर देती हूं. न्यूज़ आने के बाद भी अब तक उनकी कोई मदद नहीं हो पाई है. बस एक कोई आदमी था जो खबर सुन कर उन्हें वृद्धाश्रम में रखने की बात कर रहा था."


नुपुर 'दिया और बाती हम' जैसे शोज़ का हिस्सा रह चुकी हैं.
नुपुर 'दिया और बाती हम' जैसे शोज़ का हिस्सा रह चुकी हैं.

सविता बजाज जी ने खुद भी अपनी पीड़ा आजतक से बात करते हुए व्यक्त की. उन्होंने बताया,

"मेरी हालत बिलकुल भी ठीक नहीं है. मेरा यहां कोई नहीं है. मैंने पैसे तो बहुत कमाए थे, लेकिन सब इलाज में खत्म हो गए. बैंक में मेरे पास महज़ 35 हज़ार रुपए बचे थे. वो भी अब निकल गए हैं. आजतक मैंने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया. अब उम्र के इस पड़ाव पर पैसे मांगना बहुत बुरा लगता है. इससे अच्छा तो होगा कि भगवान मुझे उठा ले. जब नुपुर अलंकार मुझसे मिलने आईं और उन्होंने मीडिया में अपनी हालत बताने को कहा, तब मैं उनसे गुस्सा हो गई थी. मैंने उन्हें अपनी खुद्दारी का वास्ता दिया. मैं जानती हूं कि यहां कोई सगा नहीं है. कोई मदद के लिए नहीं आएगा. मजबूरी क्या-क्या करवाती है. अब जब मीडिया के आगे खबर गई तब भी मुझे कोई ख़ास मदद नहीं मिली. लोग हाल-चाल तो पूछते हैं, लेकिन पैसों की मदद के लिए कोई आगे नहीं आता. अभी तो बस CINTA (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन) का भरोसा है. उनसे मिलने वाली मदद से ही ये वक़्त कट रहा है."

कुछ वक़्त पहले 'हीरो नंबर वन' की एक्ट्रेस शगुफ़्ता अली की भी आर्थिंक तंगी से जूझने की खबर बाहर आई थी. हम उम्मीद करते हैं सविता जी, शगुफ़्ता जी और अन्य लोगों के ऊपर से भी ये संकट के बादल जल्द से जल्द हट जाएं और उनके हालात में सुधार आए.