उत्तर प्रदेश के एटा (Etah) में एक 55 साल के व्यक्ति ने जीते जी खुद अपनी 'तेरहवीं' कराई थी. कहा था कि उनकी मौत के बाद पता नहीं रिश्तेदार क्रिया-कर्म कराएंगे या नहीं. इसलिए ज़िंदा रहते हुए खुद मृत्यु भोज दिया. अब खबर है कि अपनी ‘तेरहवीं’ कराने के दो दिन बाद ही इस शख्स की मौत हो गई. हिंदू रिति-रिवाज में किसी व्यक्ति की मृत्यु के 13 दिन बाद 'तेरहवीं' कराई जाती है.
ज़िंदा रहते हुए अपनी 'तेरहवीं' कराई थी, दो दिन बाद सच में मौत हो गई!
घटना उत्तर प्रदेश के एटा की है. हाकिम सिंह की तबीयत बिगड़ी, तो उन्होंने जीते जी अपनी 'तेरहवीं' की. लगभग 800 लोगों को दावत दी. दो दिन बाद उनकी मौत हो गई. अब गांव वाले सदमे में हैं.

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तेरहवीं के कार्ड छपवाकर गांव में बांटे थेसकीट कस्बा के मोहल्ला मुंशी नगर के रहने वाले हाकिम सिंह ने 15 जनवरी को अपना क्रिया-कर्म करवाया था. 'आज तक' से जुड़े देवेश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक हाकिम सिंह ने अपनी ‘तेरहवीं’ के बाकायदा कार्ड छपवा कर बांटे थे. इसमें करीब 800 लोग शामिल हुए थे.
उनसे लोगों ने पूछा भी था कि उन्होंने अपनी 'तेरहवीं' क्यों आयोजित की है. इस पर हाकिम सिंह ने कहा था कि उन्हें अपने रिश्तेदारों पर भरोसा नहीं है कि वो लोग उनके जाने के बाद सारे क्रिया-कर्म कराएंगे या नहीं. हाकिम सिंह अकेले रहते थे. जानकारी के मुताबिक उनकी शादी हुई थी, लेकिन उनकी पत्नी साथ नहीं रहती हैं. उनकी कोई संतान भी नहीं है.
रिश्तेदारों पर लगाया था जमीन कब्जाने का आरोपहाकिम सिंह ने अपने भाइयों और भतीजों पर उनकी पुश्तैनी जमीन और घर पर जबरन कब्जा करने का भी आरोप लगाया था. अपने रिश्तेदारों पर उनके साथ पहले मारपीट करने का भी आरोप लगाया था. ‘तेरहवीं’ वाले दिन उन्होंने अपनी सेहत ठीक नहीं होने की बात कही थी. अब 17 जनवरी को हाकिम सिंह की मौत हो गई. गांव वाले सदमे में हैं. उनकी मौत नेचुरल बताई जा रही है. उनके शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया है.
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