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रूस के अंदर घुसी यूक्रेनी सेना, पुतिन ने क्या कहा?

Russia-Ukraine war: 06 अगस्त को यूक्रेन की सेना ने सीमा से लगे रूस के कर्स्क इलाक़े में हमला किया. क्या यूक्रेन को रूस की सीमा में घुसना भारी पड़ सकता है?

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यूक्रेनी हमले के बाद पुतिन ने जवाब देने के लिए अपनी सेना भेजी है.

06 अगस्त को यूक्रेन की सेना ने सीमा से लगे रूस के कर्स्क इलाक़े में हमला किया. 2 दिन तक तो रूस को ही इस हमले की स्पष्ट जानकारी नहीं मिली थी. शुरू में लगा कि ये पुतिन-विरोधी रूसी गुटों का किया-धरा है. फिर रूसी टेलीग्राम में ख़बर चली कि यूक्रेन की सेना रूस के 30 किलोमीटर अंदर पहुंच चुकी है. ये सब कर्स्क इलाक़े में हो रहा था. फिर इस इलाके के गवर्नर ने जानकारी दी कि 28 गांव यूक्रेन के क़ब्ज़े में आ चुके हैं. 

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पुतिन और ज़ेलेन्स्की के बयान 

07 अगस्त को इस हमले पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, 

यूक्रेन ने बड़े पैमाने पर हमला करके उकसाने की कोशिश की है. वो रिहायशी इमारतों, घरों और एम्बुलेंसों पर रॉकेट जैसे खतरनाक हथियारों से हमला कर रहा है.

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10 अगस्त तक यूक्रेन के इस हमले की स्पष्ट जानकारी किसी को भी नहीं थी. यहां तक कि यूक्रेन ने इस हमले के बारे में अमेरिका तक को नहीं बताया था. फिर 10 अगस्त को ज़ेलेंस्की ने कहा हम रूस के अंदर तक घुसकर हमला करने में कामयाब हुए हैं. एक वीडियो सम्बोधन में उन्होंने कहा,

यूक्रेन की आर्मी के मुखिया ने जानकारी दी है कि हम रूस के अंदर घुसने में कामयाब रहे हैं. मैं इसके लिए यूक्रेन की सेना का शुक्रिया अदा करता हूं. यूक्रेन न्याय लेकर रहेगा. हम रूस पर दबाव वैसा बना सकते हैं जैसा हमें बनाने की ज़रूरत है.

इसके बाद कर्स्क इलाक़े की कई वीडियोज़ रूसी टेलीग्राम पर चलाई जा रही हैं. इनमें यूक्रेनी सैनिक रूसी झंडे को उतारकर पैरों से रौंद रहे हैं. और घरों में यूक्रेन का झंडा लगा रहा हैं. 
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, यूक्रेन की सेना ने रूस की सीमा में घुसकर 1 हज़ार वर्ग किलोमीटर के इलाके पर कब्ज़ा कर लिया है.

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और क्या अपडेट हैं इस हमले पर?

- अब तक कर्स्क इलाके से लगभग एक लाख से अधिक लोगों को बाहर निकाला गया है. पड़ोसी बेलग्रोद इलाके को भी खाली कराया जा रहा है.
- इलाके़ में आपातकाल लगा दिया गया है. 
- रूस ने कर्स्क इलाके को वापस पाने के लिए राजधानी मॉस्को से सैनिकों को रवाना किया है. 
- 12 अगस्त को पुतिन ने अपने टॉप अधिकारियों के साथ मीटिंग की. बोले, यूक्रेन अपने पश्चिमी आकाओं के कहने पर हमारे ख़िलाफ़ हमले कर रहा है. हम करारा जवाब देंगे.

इस मसले को और विस्तार से समझने के लिए हमने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रशियन स्टडीज़ के प्रोफ़ेसर डॉक्टर अमिताभ सिंह से बात की. हमने पूछा, रूस-यूक्रेन जंग को 30 महीने हो चुके हैं. पहली बार यूक्रेन की सेना रूस की सीमा के अंदर कैंपेन चला रही है. क्या यूक्रेन डिफ़ेंस से ऑफ़ेंस की तरफ़ बढ़ रहा है? इस कार्रवाई में क्या संदेश छिपा है? उन्होंने हमें बताया कि,

यूक्रेन ने एक तरह से दुनिया को सन्देश दिया है कि वो हमला करके टेरिटरी जीत सकता है. इस से रूस की खारकीव की लड़ाई को एक झटका लगेगा क्योंकि वहाँ से रीइन्फोर्समेन्ट वापस भेजनी होंगीं जिसमें  समय लगेगा.

इस हमले ने रूस को जंग की आक्रमकता बढ़ाने की एक और वजह दे दी है. हमने प्रोफ़ेसर डॉक्टर अमिताभ सिंह से यह भी पूछा कि क्या यूक्रेन को रूस की सीमा में घुसना भारी पड़ सकता है? उन्होंने हमें बताया कि,

यूक्रेन के लिए ये क़दम भारी तो नहीं पड़ेगा क्योकि रूस अब नयी टेरिटरी नहीं चाहता है. उनका यही सीमित लक्ष्य था. लेकिन यूक्रेन को भारी ज़रूर पड़ सकता है अगर वो और आगे बढ़ें.

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