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कोरोना वायरस पर चीन की एक और चालाकी पकड़ी गई

इस बार ट्विटर ने ताबड़तोड़ एक्शन लिया है.

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चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी (फोटो: एपी)
ट्विटर ने 1.7 लाख अकाउंट्स बंद कर दिये हैं. ये ऐसे अकाउंट्स थे जिनसे चीन सरकार के समर्थन में ट्वीट किये जा रहे थे. ट्विटर के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन खातों से हॉन्ग कॉन्ग के विरोध-प्रदर्शन, कोरोना वायरस सहित कई मसलों पर भ्रामक जानकारी शेयर की जा रही थी. ट्विटर के मुताबिक़, इन अकाउंट्स को इसलिए बंद किया गया है क्योंकि ये चीन की कम्युनिस्ट सरकार के अनुकूल नैरेटिव फैला रहे थे. ट्विटर ने कहा कि यह उनकी पॉलिसी के खिलाफ है. बता दें कि आधिकारिक तौर पर चीन में ट्विटर पर बैन है, लेकिन कई लोग वीपीएन के जरिए इसका इस्तेमाल करते हैं. (VPN के बारे में आप यहां क्लिक करके विस्तार में पढ़ सकते हैं) इन अकाउंट्स की पहचान कैसे हुई? 23,750 अकाउंट्स का एक कोर नेटवर्क था. माने इन्हीं अकाउंट से सबसे पहले मैसेज सर्कुलेट होते थे. इनका असर बहुत ज्यादा था. इसके बाद करीब डेढ़ लाख अकाउंट्स ऐसे थे जिनके जरिये कोर नेटवर्क द्वारा शेयर किये गए मैसेज को आगे फैलाया जा रहा था. ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के मुताबिक, इस मुहिम का निशाना विदेश में रहने वाले चीन के लोग थे. स्टैनफोर्ड के रिसर्चर्स के मुताबिक 23,750 कोर एकाउंट्स से सामूहिक रूप से 3,48,608 ट्वीट किए गए थे. इन एकाउंट्स के जरिए कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीन की तारीफ की जा रही थी. साथ ही अमेरिका और हॉन्ग कॉन्ग में हो रहे प्रदर्शन को लेकर भी ट्वीट किए गए. ट्विटर ने ऐसा पहली बार नहीं किया है. अगस्त, 2019 में ट्विटर ने उन एक हज़ार अकाउंट्स को बंद कर दिया था जो हॉन्ग कॉन्ग की राजनीति पर लिख रहे थे.  ट्विटर ने रूस और तुर्की से जुड़े भी कई एकाउंट्स बंद कर दिए हैं. ये एकाउंट्स सत्ताधारी पार्टी के अनुकूल चीजें पोस्ट कर रहे थे.
विडियो- ट्विटर का नया फीचर 'फ्लीट' क्या है जिस पर सवाल उठ रहे हैं?

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