दाऊद, अबू सलेम को अपना हीरो मानने वाले उस गैंगस्टर की कहानी, जो संजू बाबा का फैन था
6 लाख का इनाम था, दिल्ली पुलिस ने एनकाउंटर में दबोच लिया

6 लाख का इनामी हाशिम बाबा अब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है.
हाशिम बाबा. दिल्ली-एनसीआर का नामी गैंगस्टर है. लूट, हत्या और रंगदारी जैसे तमाम केस हैं. 6 लाख का इनाम भी है उसके ऊपर. दिल्ली पुलिस ने एनकाउंटर के बाद अरेस्ट किया है. हाशिम की कहानी भी बड़ी फिल्मी है. आइए बताते हैं, वो फिल्मी दुनिया में किसकी कॉपी करता था और अपराध की दुनिया में उसकी कितनी बड़ी हसरतें थीं. पकड़े जाने की कहानी भी फिल्मी है 11 नवंबर 2020. दिल्ली पुलिस को हाशिम बाबा की लोकेशन के बारे में एक फोन कॉल से पता चला . मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को खबर मिली कि हाशिम दिल्ली के शाहदरा जिले के सुभाष पार्क इलाके में अपनी पत्नी से मिलने घर आने वाला है. पुलिस ने घेराबंदी कर ली. सुबह करीब 6 बजे पुलिस को हाशिम घर से निकलता नजर आया. पुलिस एक्टिव हुई. हाशिम को भनक लग गई. उसने फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. बीच में हाशिम की पत्नी आ गई. पुलिस को फायरिंग रोकनी पड़ी. हाशिम के पैर में गोली लग चुकी थी. पुलिस ने उसे पकड़ लिया. उसके पास 9 एमएम की पिस्टल और कुछ कारतूस भी मिले. कुख्यात अपराधी हाशिम बाबा की गिरफ्तारी को दिल्ली पुलिस बड़ी कामयाबी बता रही है. कौन है हाशिम बाबा? हाशिम एक्टर संजय दत्त को अपना हीरो मानता था. हाशिम ने अपने नाम के पीछे "बाबा" संजय दत्त की वजह से ही रखा था. लोग संजय दत्त को संजू बाबा भी कहकर बुलाते हैं, इसीलिए. संजय दत्त की तरह वह भी बड़े-बड़े बाल रखता था. वैसे, हाशिम बाबा का असली नाम आसिम है. उसने 2007 में अपराध जगत में कदम रखा था. दिल्ली के यमुनापार इलाके में सट्टा लगाने के धंधे से शुरुआत करने वाला हाशिम धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में एक के बाद एक सीढ़ी चढ़ता गया. हाशिम बाबा अबू सलेम और दाऊद इब्राहीम की तरह बड़ा डॉन बनने का सपना देखने लगा. उस पर पहला केस दिल्ली के गोकुलपुरी थाने में हत्या की कोशिश का दर्ज हुआ. तब हाशिम ने मुस्तफ़ाबाद के नामी गैंगस्टर कासिम पर गोलियां चलाई थी. लेकिन कासिम जिंदा बच गया. इसके बाद हाशिम यमुनापार के बड़े गैंगस्टर अब्दुल नासिर के साथ काम करने लगा. धीरे-धीरे अब्दुल नासिर के साथ सट्टे का पूरा नेटवर्क संभालने लगा. ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम भी देने लगा. इसी बीच उस पर हत्या और रंगदारी के कई मामले दर्ज़ हुए. गैंग के लीडर नासिर के जेल जाने के बाद हाशिम बाबा पूरे गैंग को लीड करने लगा. नासिर के गैंग पर हाशिम ने कब्ज़ा कर लिया. नासिर से गैंगवार क्यों शुरू हुई? नासिर जब जेल से बाहर आया तो दोनों में टकराव हुआ. नासिर अपने गैंग पर कब्ज़ा चाहता था. कई गैंगवॉर हुई. कई जानें गईं. इनकी लड़ाई में दिल्ली में, खासतौर पर यमुनापार इलाके में अपराध का ग्राफ़ तेजी से बढ़ रहा था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने एक महीने पहले नासिर को गिरफ़्तार कर लिया. और अब हाशिम बाबा पुलिस के हत्थे चढ़ गया. हाशिम बाबा अक्सर भीड़-भाड़ वाले इलाके में छिपता था, और अपराध को अंजाम देता था. पुलिस ने पहले भी कई बार उसे गिरफ़्तार करने की कोशिश की, मगर हर बार उसे भनक लग जाती और वो पहले ही फ़रार हो जाता.