श्रीलंका के लेखक शेहान करुणातिलका के नॉवेल 'द सेवन मून्स ऑफ़ माली अल्मेडा' ने बुकर प्राइज 2022 जीता है (Sri Lanka Writer won Booker Prize for The Seven Moons of Maali Almeida). समारोह लंदन के राउंडहाउस में आयोजित किया गया. इसमें ब्रिटेन की रानी कंसोर्ट कैमिला, सिंगर दुआ लीपा समेत कई बड़ी हस्तियां शामिल हुईं. करुणातिलका को पुरस्कार राशि के रूप में £50,000 (लगभग 40 लाख रुपये) मिलेंगे. वो अपने शानदार रॉक गानों, स्क्रीनप्ले और ट्रैवल स्टोरीज के लिए भी जाने जाते हैं.
2022 का बुकर पुरस्कार घोषित हो गया, जीतने वाले ने अपने देश पर बड़ी बात कही!
ये वाला बुकर पुरस्कार गीतांजलि श्री को मिले पुरस्कार से कितना अलग है?

करुणातिलका का ये दूसरा नॉवेल है जो युद्धग्रस्त श्रीलंका पर आधारित एक व्यंग्य है. नॉवेल की कहानी एक वॉर फोटोग्राफर माली अल्मेडा के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने पुनर्जन्म में पत्रकारिता के मिशन पर जाता है. लेखक ने बताया कि उन्होंने 2009 में श्रीलंका के सिविल वॉर के खत्म होने के बाद एक कहानी लिखने का फैसला किया जिसमें मृतक अपना दृष्टिकोण पेश कर सके. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बुकर जीतने पर करुणातिलका ने कहा
“इस नॉवेल को लेकर मेरी आशा है कि आने वाले समय में इसे श्रीलंका के वो लोग इसे पढ़ेंगे जो समझ गए हैं कि भ्रष्टाचार और जाति-विरोधी विचार कभी काम नहीं कर सकते. मुझे उम्मीद है कि श्रीलंका के लोग इसकी कहानियों से सीखेंगे. उम्मीद करता हूं कि इसे राजनीतिक व्यंग्य की बजाय एक काल्पनिक किताब के तौर पर पढ़ा जाएगा.”
जजों में शामिल मैकग्रेगोर ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए बताया,
क्या है बुकर प्राइज?“ये किताब पाठकों को एक भयानक, हंसोड़ और जीवन-मृत्यु से परे एक अलग दुनिया की यात्रा पर ले जाती है."
साल 2022 का इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री को उनके हिंदी उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अंग्रेजी अनुवाद ‘टूम ऑफ सैंड’ के लिए दिया गया था. ये अनुवाद डेज़ी रॉकवेल द्वारा किया गया था. अगर आपमें से कुछ लोग कन्फ्यूज़ हैं तो अभी बता दें कि बुकर पुरस्कार देने वाला संस्थान हर साल दो पुरस्कार बांटता है. एक बुकर पुरस्कार जो अंग्रेजी भाषा में लिखी गई और ब्रिटेन और आयरलैंड में प्रकाशित किताब को दिया जाता है. और दूसरा इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार. ये उस किताब को दिया जाता है जो पहले किसी अन्य भाषा में लिखी गई हो और फिर उसका अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया गया हो. साथ ही ये किताब भी ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित हुई हो.
देखें वीडियो- बुकर प्राइज जीतने वालीं गीतांजलि श्री ने ‘टूम ऑफ सैंड’ के अनुवाद की ये कहानी सुना दी!