अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, गाजा शांति शिखर सम्मेलन के लिए मिस्र पहुंचे. ट्रंप समेत मिडिल ईस्ट के तीन बड़े नेताओं ने गाजा सीजफायर समझौते (Gaza Ceasefire Deal) पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान ट्रंप ने भारत को ‘महान’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘अच्छा दोस्त’ बताया. ट्रंप के पीछे ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खड़े हुए थे. उनकी तरफ मुस्कुराकर देखते हुए ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे…हैं ना." इस पर शरीफ ने मुस्कुराते हुए सहमति जताई.
मोदी की तारीफ, शरीफ को मंच पर न्यौता, ट्रंप ने गाजा शांति सम्मेलन के बहाने कई तीर एक साथ छोड़ दिए
Gaza Ceasefire Summit में बोलते हुए, Donald Trump ने Shehbaz Sharif को मंच पर बुलाया. शरीफ मंच पर आए और उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप की जमकर तारीफ की. साथ ही उन्हें Nobel Peace Prize देने की मांग भी कर डाली.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, ट्रंप ने भाषण के बीच में ही शरीफ को मंच पर बुलाया. शरीफ मंच पर आए और कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की कोशिशों का ही परिणाम है कि मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित हुई है. उन्होंने कहा,
पाकिस्तान ने राष्ट्रपति ट्रंप को उनके शानदार और असाधारण योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था.
शरीफ ने कहा कि वे ट्रंप को लाखों लोगों की जान बचाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए फिर से नामांकित करना चाहेंगे. बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार ना मिलने के बाद ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समेत आठ युद्धों को सुलझाने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि यह काम उन्होंने नोबेल के लिए नहीं किया.
'भारत एक महान देश है'इस दौरान, ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उनकी तारीफ करते हुए कहा,
भारत एक महान देश है और मेरे एक बहुत अच्छे मित्र इस देश का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने शानदार काम किया है. मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे.
ट्रंप ने अपने पीछे खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ देखते हुए हंसते हुए यह बात कही.
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डॉनल्ड ट्रंप, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन और कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने 13 अक्टूबर को गाजा पीस प्लान के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए. दिलचस्प बात यह है कि यह शांति शिखर सम्मेलन जिन दो पक्षों (इजरायल-हमास) में शांति स्थापित करने के मकसद से आयोजित किया गया था, उनका कोई प्रतिनिधि इस आयोजन में शामिल नहीं हुआ.
इससे पहले, प्लान के पहले फेज के मुताबिक, फिलिस्तीनी संगठन हमास ने इजरायल के सभी 20 जिंदा बंधकों को रिहा कर दिया. उधर, इजरायल ने भी हमास के करीब 1,800 से ज्यादा कैदियों और बंदियों को रिहा किया.
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