भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला और उस पर दशकों से हो रहे आतंकवादी हमलों में शामिल होने का आरोप लगाया. अपने 16 मिनट के भाषण में जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे एक ऐसा पड़ोसी बताया जो दशकों से ‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र’ रहा है.
‘हमें ऐसा पड़ोसी मिला, जो दुनिया के आतंकवाद का केंद्र है’, जयशंकर ने UN में PAK को खूब सुनाया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने Pakistan का नाम लिए बिना उसे एक ऐसा पड़ोसी बताया जो दशकों से ‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र’ रहा है. इस दौरान उन्होंने Pahalgam Attack का भी जिक्र किया.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार, 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा. उन्होंने दुनिया भर के नेताओं से कहा,
भारत अपनी आजादी के बाद से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी (पाकिस्तान) वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है. दशकों से, बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों के पीछे इसी देश का हाथ माना जाता रहा है. संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिकों के नाम भरे पड़े हैं.
इस दौरान उन्होंने पहलगाम हमले का भी जिक्र किया. जयशंकर ने कहा कि सीमा पार बर्बरता का सबसे ताजा उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में हुई निर्दोष पर्यटकों की हत्या थी. उन्होंने कहा,
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और इसके अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया.
उन्होंने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा,
जब देश खुलेआम आतंकवाद को अपनी राजकीय नीति घोषित करते हैं, जब आतंकवादी अड्डे बड़े पैमाने पर संचालित होते हैं, जब आतंकवादियों का सार्वजनिक रूप से महिमामंडन किया जाता है, तो ऐसी कार्रवाइयों की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए. प्रमुख आतंकवादियों पर बैन लगाते हुए भी आतंकवाद की फंडिंग पर रोक लगाई जानी चाहिए.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों का समर्थन करते हैं, उन्हें पता चलेगा कि यह उन्हें ही नुकसान पहुंचाएगा.
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UNSC का विस्तार जरूरीविदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि UNSC में स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी करनी चाहिए और भारत रिफॉर्म्ड काउंसिल के हिस्से के रूप में जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार है.
इस दौरान जयशंकर ने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भारत द्वारा पड़ोसियों की मदद का भी जिक्र किया. उन्होंने UN के मंच से कहा कि अफगानिस्तान और म्यांमार के लोगों ने हाल ही में आए भूकंपों के दौरान भारत को अपना सहयोग देते देखा. यह भारत की विदेश नीति का मूल आधार है.
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