हाल के दिनों में डॉ भीम राव आंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाओं पर ख़ूब बवाल हुआ. सिर्फ बवाल नहीं, इस्तीफ़ा हो गया. दिल्ली के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने इन्हीं प्रतिज्ञाओं को दोहराया था जिस पर विवाद के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया. इन प्रतिज्ञाओं में हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने और भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करने की बाते हैं. अब केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सहयोगी रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने उन 22 प्रतिज्ञाओं का समर्थन किया है. आठवले ने कहा कि एक बौद्ध के रूप में उन्हें उन पर गर्व है.
जिन प्रतिज्ञाओं पर AAP के मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा, केंद्रीय मंत्री बोले- "उन पर गर्व है"
रामदास आठवले ने कहा कि वे आंबेडकर के 22 संकल्पों को स्वीकार करते हैं.

रामदास आठवले, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री हैं और महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हैं. भाजपा की सहयोगी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष हैं. उन्होंने ट्वीट किया,
"बोधिसत्व डॉ बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा किए गए 22 प्रतिज्ञाओं को हम स्वीकार करते हैं और बौद्ध होने के नाते 22 प्रतिज्ञाओं का मैं समर्थन करता हूं. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा जो 22 प्रतिज्ञाएं ली गई थीं उन पर हमको गर्व है और हम सभी को हमें अपने जीवन में यह स्वीकारना चाहिए."
दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के दलित नेता राजेंद्र पाल गौतम ने हाल ही में ही इस्तीफ़ा दिया था. इस्तीफ़ा दिया था, एक वायरल वीडियो के बाद. वीडियो एक धर्मांतरण कार्यक्रम का था, जहां आंबेडकर की 22 शपथ दिलवाई गई थीं. वीडियो के बाद विवाद छिड़ गया. अरविंद केजरीवाल को 'हिंदू-विरोधी' कहा जाने लगा. गुजरात में तो पोस्टर भी लगाए गए, जिस पर लिखा था, "हिंदू-विरोधी केजरीवाल, वापस जाओ!" एक पोस्टर में तो उन्हें सफ़ेद टोपी पहने हुए भी दिखाया गया.
आठवले ने भी राजेंद्र पाल गौतम की कार्यक्रम में मौजूदगी को लेकर आपत्ति जताई थी. उन्होंने तब कहा था कि लोगों को अपने पसंद के धर्म का पालन करने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन उन्हें दूसरे धर्मों का अपमान नहीं करना चाहिए. मंत्री आठवले ने ये भी आरोप लगाए थे कि आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अक्सर हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ बात की है. और, आज आठवले एक 'प्राउड बौद्ध' हैं.
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