पुलिस को चकमा देकर भागा था शौकीन
यूपी के बागपत में पुलिस कस्टडी से कुछ बदमाश हथियार छीनकर भागे थे. इस मामले में रामबीर शौकीन की अहम भूमिका सामने आई थी. इसके बाद रामबीर को बागपत पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लेकिन वह सितंबर, 2018 में सफदरजंग अस्पताल से पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया. लापरवाही के लिए 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने पूर्व विधायक पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया. लेकिन वह पकड़ में नहीं आ पा रहा था.
शौकीन के पास मिली थी लूटी गई राइफल
साल 2014 में नीरज बवानिया ने बागपत में पुलिस वालों की आंख में मिर्ची डाल कर उनके AK-47 राइफल्स और SLR लूट लिये थे. इसके साथ ही उसने कस्टडी से कुख्यात क्रिमिनल अमित भूरा की छुड़ा लिया था. इस मामले की जांच के दौरान पता चला था कि पुलिस से लूटी गई राइफल रामबीर शौकीन के पास है. बाद में पुलिस ने बवाना में उसके प्लॉट से जमीन खोदकर राइफल को बरामद भी कर लिया था.

रामबीर शौकीन कोर्ट में सरेंडर करने गया था लेकिन पुलिस ने धर दबोचा. (फाइल फोटो)
केजरीवाल की 49 दिन की सरकार को दिया था समर्थन
2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में रामबीर शौकीन ने मुंडका सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. चुनाव में रामबीर ने जीत दर्ज कर ली थी. उस समय अरविंद केजरीवाल की सरकार को समर्थन भी दिया था. लेकिन वह सरकार महज 49 दिन ही चल सकी. रामबीर शौकीन की पत्नी ने 2015 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, लेकिन हार गई थीं.
सरेंडर से पहले ही पुलिस ने धर-दबोचा
पुलिस के मुताबिक, रामबीर शौकीन 22 दिसंबर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सरेंडर करने आया था. लेकिन कोर्ट ने दूसरी अदालत में जाने की बात कहकर उसके सरेंडर की अर्जी स्वीकार करने से इनकार कर दिया. इसी बीच, पुलिस को रामबीर के दिल्ली की अदालत में होने की भनक लग गई. दिल्ली पुलिस की टीम ने अदालत परिसर से ही पूर्व विधायक रामबीर शौकीन को गिरफ्तार कर लिया.