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विपक्षी सांसदों को हुर्रियत नेताओं से बात करने भेजा... राजनाथ सिंह ने सुनाई 'पर्दे के पीछे' की कहानी

Jammu Kashmir assembly election से पहले रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने आर्टिकल 370 और अफजल गुरु के साथ हुर्रियत नेताओं को लेकर भी बात की.

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राजनाथ सिंह का हुर्रियत नेताओं से मुलाकात को लेकर बड़ा बयान (फोटो: PTI)

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir assembly election) से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने विपक्षी पार्टियों और हुर्रियत नेताओं पर जमकर हमला बोला. रामबन जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने अनुच्छेद 370 और अफजल गुरु को लेकर बात की. राजनाथ ने इस दौरान उमर अब्दुल्ला को भी आड़े हाथों लिया.

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रक्षा मंत्री ने 4 सितंबर 2016 को अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिलने गए संसदीय प्रतिनिधिमंडल का जिक्र किया. उन्होंने कहा,

“मैं उस दौरान देश का गृह मंत्री था और उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था, जो हुर्रियत नेताओं से बात करने वाला था. उस प्रतिनिधिमंडल में JDU के तब के सीनियर लीडर शरद यादव और लेफ्ट पार्टी के नेता थे. मैंने सदस्यों से कहा कि हुर्रियत (Hurriyat ) वाले भाजपा को पसंद नहीं करते. इसलिए आप लोग उनसे कहिए कि हम बात करने को तैयार हैं. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने गया. लेकिन जब वे उनके दरवाजे पर गए, तो हुर्रियत के लोगों ने उनके लिए अपने दरवाजे बंद कर लिए.”

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राजनाथ ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर उनकी कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी. राजनाथ ने कहा,

“मैंने सुना, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला साहब ने कहा कि अफजल गुरु को फांसी नहीं होनी चाहिए थी. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं होनी चाहिए थी,  तो क्या उसे सार्वजनिक रूप से माला पहनाई जानी चाहिए थी?”

आर्टिकल 370 को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा,

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“नेशनल कॉन्फ्रेंस, जिसके साथ कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन किया है, उसने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा है कि वे आर्टिकल 370 को बहाल करेंगे. आर्टिकल 370 को बहाल करने की हिम्मत किसी में नहीं है. जम्मू-कश्मीर जो पहले आतंकवाद के स्थल के रूप में जाना जाता था, अब एक पर्यटन स्थल बन गया है. पहले, कश्मीर घाटी में कई युवाओं के हाथों में पिस्टल और रिवॉल्वर हुआ करते थे. आज जाकर बदलाव देखें, उनके हाथों में आपको लैपटॉप और कंप्यूटर दिखाई देंगे.”

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POK  को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा,

“पाकिस्तान सरकार POK के लोगों को 'विदेशी' कहती है, जबकि भारत उन्हें अपना नागरिक मानता है. हम उन्हें विदेशी नहीं कहते. वे हमारे लोग हैं. उन्हें आकर हमारे साथ जुड़ने दीजिए. जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद, POK के लोग भारत में आकर शामिल होना चाहेंगे.”

बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर BJP ने हाल ही में अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. इसे 'संकल्प पत्र' नाम दिया गया है. पार्टी ने युवाओं के लिए हर साल 5 लाख रोजगार पैदा करने का वादा किया है. साथ ही महिलाओं को हर साल 18 हजार रुपये देने की भी बात कही है. साथ ही BJP ने घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर में अवैध प्रवासियों से निपटने के लिए सख्त अभियान चलाने का भी वादा किया है. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं. 18 सितंबर को पहले चरण के बाद 25 सितंबर को दूसरे और 1 अक्टूबर को तीसरे चरण की वोटिंग होगी. चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित होंगे.

 

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