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राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीज़ को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाया, मौत हो गई

गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से व्यक्ति की दोनों किडनियों ने काम करना बंद कर दिया. अस्पताल ने जांच के लिए एक बोर्ड का गठन किया है.

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अस्पताल ने मामले की जांच के लिए एक बोर्ड गठित किया है. (फ़ोटो- आजतक)

जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल में कथित तौर पर गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक व्यक्ति को एक्सीडेंट के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से व्यक्ति की दोनों किडनियों ने काम करना बंद कर दिया. काफी समय तक उन्हें ICU में रखा गया. लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई. ये राजस्थान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. इस लापरवाही के बाद SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने जांच के लिए एक बोर्ड गठित किया है.

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आजतक से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक़, मृतक व्यक्ति का नाम सचिन है. वे महज 23 साल के थे. बांदीकुई के रहने वाले थे. कोटपुतली में एफसीएल कंपनी में जॉब करते थे. वहीं पर किराए का मक़ान लिया हुआ था. 11 फरवरी की रात वे जॉब से पैदल घर आ रहे थे. लेकिन बीच रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया. इलाज के लिए उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बाद में उन्हें सवाई मान सिंह अस्पताल रेफर कर दिया गया.

अस्पताल ने क्या सफाई दी?

रिपोर्ट के मुताबिक़, सचिन को SMS के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया था. इलाज के दौरान ट्रॉमा सेंटर में तैनात एक वार्ड बॉय ने कथित तौर पर सचिन को AB+ ब्लड की जगह  O+ ब्लड चढ़ा दिया. गलत ब्लड चढ़ने की वजह से सचिन की तबीयत और बिगड़ने लगी. दोनों किडनी फेल हो गई. उन्हें डायलिसिस पर रखा गया. फिर ICU में भर्ती किया गया. लेकिन उनकी मौत हो गई.

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आजतक से बातचीत करते हुए SMS अस्पताल ने सफाई दी है कि रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल के अधीक्षक अचल शर्मा ने कहा,

"यह मामला जब सामने आया, उस समय अस्पताल में सचिन की देखभाल की जा रही थी. मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है और रिपोर्ट मिलने के बाद उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी."

पुलिस का कहना है कि अभी तक मृतक के परिवार या अस्पताल अधिकारियों की तरफ से कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.

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इससे पहले 2022 में, इसी तरह की एक घटना उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सामने आई थी. यहां एक डेंगू मरीज को कथित तौर पर प्लाज्मा के बजाय 'मौसमी' जूस चढ़ा दिया गया था. बाद में मरीज़ की मौत हो गई थी. घटना के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया और यूपी सरकार ने मामले की जांच का आदेश दिया था.

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