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"ED ने इस समय ही समन क्यों जारी किया", राजस्थान HC ने कांग्रेस विधायक के समन को रद्द किया

कोर्ट ने कहा कि राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं और विधायक मेवाराम का चुनावी क्षेत्र में रहना जरूरी है.

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ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में मेवाराम को समन किया था. (इंडिया टुडे)

राजस्थान हाई कोर्ट से ED को बड़ा झटका लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान के बाड़मेर से कांग्रेस उम्मीदवार मेवाराम जैन को समन जारी किया था. केंद्रीय एजेंसी ने मेवाराम को जयपुर दफ्तर में पेश होने को कहा था. लेकिन हाई कोर्ट ने ED के समन को ही रद्द कर दिया है.

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बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति फरजंद अली ने कहा कि राज्य में 25 नवंबर को मतदान होना है, और यह देखते हुए अगर समन को सात दिनों के लिए टाल दिया जाता है, तो इससे मनी लॉन्ड्रिंग केस पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कोर्ट ने कहा कि इन परिस्थितियों में नोटिस देना ठीक नहीं है. उनके विधानसभा क्षेत्र में मेवाराम का रहना जरूरी है.

कोर्ट ने कहा कि ED के जयपुर कार्यालय जाने के लिए मेवाराम को 500 किलोमीटर आना और जाना पड़ेगा. जबकि समन किसलिए भेजा गया है यह साफ नहीं है. माने उन्हें आरोपी के तौर पर बुलाया गया है, गवाह के तौर पर, समन में यह साफ नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता आरोपी है तो उसे अपने खिलाफ लगे आरोपों के बारे में जानने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि 

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अगर याचिकाकर्ता आरोपी है तो कम से कम, उसे अपने खिलाफ आरोपों के बारे में जानने का अधिकार है. यदि उसे अधिकारियों के समक्ष बयान देने के लिए बुलाया गया है, तो उसे यह जानने का अधिकार है कि किस उद्देश्य से और किस मामले में उसकी उपस्थिति आवश्यक होगी ताकि वह समन को पूरा करने के लिए जरूरी दस्तावेज इकट्ठे कर सकें.

कोर्ट ने अभी जारी किए समन को तो रद्द कर दिया है लेकिन ED को इस बात की इजाजत दी है कि 3 दिसंबर के बाद यानी चुनाव नतीजों के बाद दोबारा समन जारी कर सकते हैं.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक ED सेक्सटॉर्शन से जुड़े एक केस की जांच कर रहा है. इसी केस में मेवाराम को बुलाया गया था. मेवाराम, बाड़मेर से तीन बार के कांग्रेस विधायक हैं. और इस बार भी उम्मीदवार हैं.

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