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राहुल ने मुस्लिम लीग को सेक्युलर बताया, BJP ने जिन्ना की पार्टी बता दी, असलियत क्या निकली?

ये कौन सी मुस्लिम लीग है?

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राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को सेक्युलर पार्टी बताया है | फाइल फोटो: आजतक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका में हैं. यहां वे BJP के नेतृत्व वाली मोदी सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं. अब राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताया है. इसे लेकर भी भारत की सियासत में हंगामा मचा गया है. BJP ने राहुल पर पलटवार किया है. उसका कहना है कि जो मुस्लिम लीग पार्टी देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार है, वो राहुल गांधी के मुताबिक सेक्युलर पार्टी है.

राहुल गांधी ने क्या बोला?

राहुल गांधी गुरूवार को वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब पहुंचे थे. यहां उनसे कई सवाल पूछे गए. इस दौरान जब राहुल से केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के साथ कांग्रेस के गठबंधन के बारे में सवाल किया गया, तो राहुल ने कहा,

‘मुस्लिम लीग पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. इसमें कुछ भी नॉन सेक्युलर नहीं है.’

BJP क्या बोली?

इस मुद्दे पर बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा,

''जिन्ना की मुस्लिम लीग, जो पार्टी धार्मिक आधार पर भारत के बंटवारे के लिए जिम्मेदार थी, वह राहुल के मुताबिक सेक्युलर पार्टी है. वायनाड में स्वीकार्यता बनाए रखने के लिए यह उनकी मजबूरी है.''

अब मुस्लिम लीग की हकीकत जान लीजिए

मुस्लिम लीग का नाम लेते ही जेहन में आजादी से पहले की वो पार्टी आती है जिसकी मांग पर भारत का बंटवारा हुआ था. यानी मोहम्मद अली जिन्ना वाली पार्टी ‘मुस्लिम लीग’. लेकिन, राहुल गांधी अमेरिका में जिस मुस्लिम लीग की बात कर थे, वो जिन्ना वाली पार्टी से बिलकुल अलग पार्टी है, जिसका नाम है- ‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग’.

नई इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का भारत के चेन्नई में 10 मई, 1948 को गठन हुआ था. ये भारत में रजिस्टर्ड पार्टी है और केरल में एक प्रमुख पार्टी बनकर उभरी है. ओमन चांडी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में ये पार्टी शामिल थी. इसके कई नेता सरकार में मंत्री थे. पार्टी ने 2021 का केरल विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था. मौजूदा विधानसभा में इसके 15 विधायक हैं. वहीं, देश की संसद में इस पार्टी के चार सांसद हैं. इनमें से तीन लोकसभा और एक राज्यसभा के सदस्य हैं. 

इस पार्टी के नाम में जरूर 'मुस्लिम' शब्द है. लेकिन, पार्टी नेता इसे धर्म निरपेक्ष बताते हैं. पार्टी में कई दलित, पिछड़ी जाति और आदिवासी समाज के नेता भी हैं. उत्तरी केरल में पार्टी की इन तबकों के बीच अच्छी खासी पहुंच भी मानी जाती है.

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