केंद्रीय पुलिस बल BSF से जुड़े एक मामले पर 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की (Supreme Court on BSF jurisdiction). कोर्ट ने कहा कि BSF के अधिकार क्षेत्र का सीमांकन करते समय सभी बॉर्डर इलाकों के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए. पंजाब सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर कोर्ट अप्रैल के तीसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा.
BSF पर केंद्र ने ऐसा क्या फैसला लिया कि पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई, कोर्ट ने दोनों से क्या कहा है?
Punjab सरकार ने आरोप लगाए हैं कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार और पुलिस से उनकी शक्तियां छीनी हैं, मामला Supreme Court पहुंचा तो वहां क्या-क्या हुआ?

BSF के अधिकार क्षेत्र से जुड़ी याचिका पंजाब सरकार ने दायर की है. दी हिंदू में छपी कृष्णदास राजगोपाल की रिपोर्ट के मुताबिक याचिका केंद्र सरकार के एक फैसले के खिलाफ दायर की गई है. कौन सा फैसला? दरअसल, केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 में BSF एक्ट, 1968 के सेक्शन 139 का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान बॉर्डर पर BSF के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक बढ़ा दिया था. 22 जनवरी को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वो इस बात पर चर्चा करेगी कि क्या केंद्र ने पंजाब के अधिकार क्षेत्र पर कब्जा किया है?
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई अप्रैल के तीसरे हफ्ते में करने की बात कही है. पंजाब सरकार ने आरोप लगाए हैं कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार और पुलिस से उनकी शक्तियां छीनी हैं. जानकारी हो कि भारतीय संविधान राज्य को पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की पावर देता है.
केंद्र सरकार ने BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के लिए BSF एक्ट, 1968 के सेक्शन 139 का उपयोग किया. एक्ट का ये सेक्शन केंद्र सरकार को ये अधिकार देता है कि वो BSF को सेंट्रल एक्ट्स के संदर्भ में शक्तियां दे सके. इस विशेष प्रावधान को बनाने का उद्देश्य राज्य पुलिस के सहयोग से क्रॉस बॉर्डर क्राइम पर अधिक नियंत्रण हासिल करना था.
कोर्ट इस बात पर गौर करने के लिए सहमत हुआ है कि क्या सेक्शन 130 केंद्र द्वारा ‘शक्ति का मनमाना प्रयोग’ और पंजाब सरकार के अधिकार में ‘असंवैधानिक हस्तक्षेप’ है. केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि गुजरात में BSF का अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर है. राजस्थान में ये 50 किलोमीटर है. कुछ राज्यों में ये पूरी तरह केंद्र के पास है.
केंद्र सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि BSF के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने से पुलिस क्राइम को कम करने में मदद मिली है. इस पर पंजाब के एडवोकेट जनरल ने जवाब दिया कि BSF का अधिकार क्षेत्र कई अन्य कारणों पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए इलाके की संरचना, जनसंख्या, आदि.
पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुई एडवोकेट शादान फरासत ने तर्क दिया कि गुजरात और राजस्थान से उलट पंजाब में 50 किलोमीटर के दायरे में शहर और कस्बे आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि BSF की शक्तियां बढ़ाए जाने से राज्य सूची की एंट्री एक और दो के तहत राज्य की शक्तियों का हनन होगा.
वीडियो: CJI DY चंद्रचूड़ के इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के 4 बड़े फैसलों के बारे में क्या पता चल गया?