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'बिना फंडिंग के ऐसा हमला संभव नहीं', पहलगाम हमले पर FATF की पाकिस्तान को खरी-खरी

FATF ने एक बयान में कहा कि ‘Money Movement’ आतंकवाद का मुख्य केंद्र है. Pahalgam में हुए हमले सहित कोई भी हमला बिना फंड्स की मूवमेंट के संभव नहीं होता.

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FATF condemns Pahalgam attack says it couldnt have occurred without money of pakistan
22 अप्रैल को हमले के बाद पहलगाम में बिखरी कुर्सियां (PHOTO-PTI)
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मानस राज
17 जून 2025 (Updated: 17 जून 2025, 07:55 AM IST) कॉमेंट्स
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फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है. FATF ने कहा कि वित्तीय सहायता और आतंकी नेटवर्क में पैसा ट्रांसफर किए बिना यह हमला संभव ही नहीं था. FATF ने एक बयान में कहा कि ‘पैसों की मूवमेंट’ आतंकवाद का मुख्य केंद्र है. पहलगाम में हुए हमले सहित कोई भी हमला बिना फंड्स की मूवमेंट के संभव नहीं होता.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक FATF द्वारा पहलगाम हमले का जिक्र अपने आप में यूनिक और महत्वपूर्ण है. FATF द्वारा किया गया यह जिक्र भारत के इस दावे को मजबूती देता है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह भारत में कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहे हैं. यह भारत में क्रॉस-बॉर्डर यानी सीमा पार से आतंकवाद के खतरे को वैश्विक मान्यता देता है. इससे यह बात भी साफ होती है कि आतंकी हमलों को अंजाम देने में पैसों या फंड्स का रोल कितना अहम है. FATF ने 2022 में पाकिस्तान को ग्रे सूची (FATF Grey List) से हटा दिया था.

पहलगाम हमले के बाद FATF का ये कदम पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में शामिल करवा सकता है. ये इस बात का भी सबूत है कि 2022 से पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकी नेटवर्क्स के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने में नाकाम रहा है. FATF के बयान ने इनडायरेक्ट रूप से पाकिस्तान में मौजूद आतंक की फंडिग करने वाले नेटवर्क्स को उजागर किया है. भारत लगातार सीमा पार से ऑपरेट हो रहे आतंकी संगठनों द्वारा हवाला, एनजीओ और क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल टूल्स के इस्तेमाल का मुद्दा उठाता आया है. इन टूल्स की मदद से भारत में पैसा भेज कर उनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाता रहा है.

(यह भी पढ़ें: अग्नि-5 में MIRV टेक्नोलॉजी, न्यूक्लियर पावर में भारत की चुपचाप बढ़त, SIPRI रिपोर्ट से पाकिस्तान में हलचल)

इससे पहले पाकिस्तान पहले 2018 से 2022 तक ग्रे लिस्ट में था. 2022 में उसे ग्रे लिस्ट से हटा दिया गया था. भारत लगातार पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में वापस लाने के लिए दबाव बना रहा है, जिसमें पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद विरोधी कानूनों को लागू करने में विफलता के बारे में कहा गया है. भारत लगातार FATF को पाकिस्तान के उस ढ़ांचे से संबंधित सबूत भी मुहैया करा रहा है, जिससे ये साफ है कि पाकिस्तान की जमीन पर आतंकवाद लगातार फल-फूल रहा है.

FATF की चेयरमैन एलिसा डी आंदा माद्राजो ने आतंकवाद से लड़ने में वैश्विक एकता की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को केवल एक बार जीतना होता है जबकि देशों को हर एक बार जीतना होता है. तभी जाकर उनके मंसूबों पर पानी फिरता है.

क्या है FATF?

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो दुनिया भर में मनी लॉन्ड्रिंग, हथियारों और आतंकवाद के लिए फंडिंग को रोकने के लिए नियम बनाता है. यह निगरानी करता है कि देश इन नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं. जो देश नियम मानने में लापरवाही करते हैं, उन्हें ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जाता है. इसके बाद उन पर वैश्विक संस्था की निगरानी बढ़ जाती है. बहुत गंभीर मामलों में देशों को ब्लैक लिस्ट किया जाता है. 

ग्रे लिस्ट में जाना किसी देश के लिए एक चेतावनी भी है. क्योंकि इसके बाद नियमों के उल्लंघन पर ब्लैक लिस्ट में जाने की संभावना बढ़ जाती है.  साथ ही  की ग्रे लिस्ट में डाले जाने का मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के स्तर भी बड़ा नुकसान झेलना. जो देश ग्रे लिस्ट में होते हैं, उनकी फंडिंग रोक दी जाती है. दुनिया भर की कंपनियां और निवेशक उस देश में पैसा लगाने से बचते हैं. साथ ही उस देश को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से लोन लेने में भी दिक्कत होती है.

वीडियो: पहलगाम हमले के बाद इस दिन होगा भारत-पाक क्रिकेट मैच

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