The Lallantop

सॉरी, 'संस्कारों' की वजह से इस स्टोरी में हम हेडलाइन, फोटो नहीं लगा सकते

अजब से इस म्यूजियम में क्या इंसान और क्या जानवर. हर तरह का 'अंग विशेष' सजा संवरा मिल जाएगा.

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जब स्कूल में थे. पिकनिक के लिए स्कूल वाले 500 रुपये लेते और किसी लोकल म्यूजियम में गुड्डी-गुड़िया दिखाकर लौटा लाते. भाईजी अजब बोरियत होती थी. लेकिन अब लोग क्रिएटिविटी के इश्क में गजब सा रिस्क लेने लगे हैं. एक सज्जन हुए सिग्योर हजारटारसन. 1997 में आइसलैंड में एक म्यूजियम बनाया. जानते हैं किसका म्यूजियम? पीनिस का म्यूजियम. जानवर, पंछी, इंसान सभी के पेनिस यहां शीशे में देखने को मिल जाते हैं. आपको बताते हैं Icelandic Phallological उर्फ पीनिस म्यूजियम के बारे में.... 1. आइसलैंड की राजधानी है रेक्जाविक. वहीं है दुनिया का सबसे बड़ा और शायद पहला पीनिस म्यूजियम. 93 जानवरों के करीब 280 पेनिस की यहां नुमाइश है. इन्हीं में व्हेल के 55 पीनिस भी शामिल हैं. म्यूजियम को सिग्योर के बेटे गिज़ली संभालते हैं. founder 2. म्यूजियम को पहला इंसानी पीनिस साल 2011 में मिला. एक्चुली प्लान तो 4 पीनिस को म्यूजियम में फिट करने का था. पर कुछ गड़बड़ के चलते सिर्फ एक बूढ़े 95 साल के अंकिल का पीनिस मिल पाया. मौत से पहले ही वो अपना पीनिस डोनेट कर चुके थे. म्यूजियम किसी यंग डोनर की तलाश में है.  Icelandic Phallological museum, iceland, pictures 3. फाउंडर सिग्योर को म्यूजियम का आइडिया तब आया, जब बचपन में उन्हें बैल के पीनिस से बना एक कोड़ा मिला था. सिग्योर ने उसके बाद से ही आइसलैंड में पाए जाने वाले जानवरों के शरीर के अंगों को इकट्ठा करना शुरू किया.  Icelandic Phallological museum, iceland, pictures 4. म्यूजियम में जानवरों के हर साइज के पीनिस हैं. जिनका साइज 170 cm से लेकर 2 mm तक है. कई पीनिस साइज में इत्ते छोटे हैं कि मैग्नीफाइंग ग्लास से ही देखा जा सकता है.  Icelandic Phallological museum, iceland, pictures 5. ऐसा नहीं है कि म्यूजियम में सिर्फ असली पीनिस ही हैं. सजावटी आइटम, क्रिएटिविटी क्राफ्ट भी म्यूजियम की शान-शौकत बढ़ाते हैं. मसलन बैल के अंडकोष से बने लैंपशेड्स भी म्यूजियम में दिखते हैं.  Icelandic Phallological museum, iceland, pictures 6. म्यूजियम में दुनिया भर से लोग आते हैं. हर साल करीब 11 हजार लोग म्यूजियम में आवन-जावन करते हैं.  टिकट करीब 627 रुपये की है. 13 साल से कम उम्र के बालक मम्मा-डैडी के बिना म्यूजियम में एंट्री नहीं मार सकते. Lampi 7. इस म्यूजियम को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनी है. द फाइनल मेंबर. फिल्म में म्यूजियम के लिए इंसान के पीनिस डोनर्स की कहानी बयां की गई. फिल्म का प्रीमियर 2012 में हुआ. म्यूजियम का ई-पता phallus.is है. मौका लगे तो चक्कर लगा ही आइए. 'द फाइनल मेंबर' डॉक्यूमेंट्री की झलक... https://www.youtube.com/watch?v=sZMaheZ_Iy0

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