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150 साल पुराने चिड़ियाघर की मादा कछुआ को मां बनने में लग गए 100 साल

मादा कछुआ को साल 1932 में इस चिड़ियाघर में लाया गया था. इसके बाद से यह पहली बार है जब मॉमी ने अंडे दिए हैं. उसने नवंबर 2024 में कुल 16 अंडे दिए थे. अब इनमें से चार बच्चों का सफलतापूर्वक जन्म हुआ है.

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फिलाडेल्फिया में 100 साल की उम्र में एक कछुआ मां बनी है. (तस्वीर-गेटी)

अमेरिका के पेंसिल्वेनिया स्थित एक चिड़ियाघर में रह रहा एक कछुआ जोड़ा लगभग 100 साल की उम्र में मां-बाप बना है. जोड़े में शामिल मादा कछुआ ने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया है. बताया जा रहा है कि मॉमी नाम की ये मादा कछुआ पहली बार मां बनी है. वहीं नर कछुए का नाम अब्राजो है. यह जोड़ा गैलापागोस प्रजाति का है जिस पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है.

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BBC की रिपोर्ट के मुताबिक यह कारनामा पेंसिल्वेनिया स्थित फिलाडेल्फिया चिड़ियाघर में हुआ जो अपने 150 साल के इतिहास में पहली बार ऐसी उपलब्धि हासिल कर पाया है. मॉमी को साल 1932 में इस चिड़ियाघर में लाया गया था. इसके बाद से यह पहली बार है जब मॉमी ने अंडे दिए हैं. उसने नवंबर 2024 में कुल 16 अंडे दिए थे. अब इनमें से चार बच्चों का सफलतापूर्वक जन्म हुआ है. वहीं अब्राजो को 2020 में दक्षिण कैरोलिना के रिवरबैंक्स चिड़ियाघर से फिलाडेल्फिया लाया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक पहला अंडा बीती 27 फरवरी को फूटा था. उसके कुछ ही दिनों बाद बाकी अंडे भी फूटे. आखिरी अंडा 6 मार्च को फूटा था. इन शिशु कछुओं का वजन 70 से 80 ग्राम के बीच है. इनका अभी तक कोई नाम नहीं रखा गया है. चिड़ियाघर की टीम के अनुसार सभी नवजात अच्छी तरह खा रहे हैं और तेजी से बढ़ रहे हैं.

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Philadelphia Zoo One of the four hatchlings at Philadelphia Zoo
गैलापागोस कछुआ

गैलापागोस प्रजाति के कछुए गंभीर रूप से संकटग्रस्त स्थिति में हैं. अमेरिका के चिड़ियाघरों में इनकी संख्या 50 से भी कम है. इसीलिए अब्राजो और मॉमी के प्रजनन को चिड़ियाघर एवं एक्वेरियम एसोसिएशन के एक विशेष कार्यक्रम का हिस्सा बताया गया है. फिलाडेल्फिया चिड़ियाघर की CEO जो-एले मोगरमैन ने इस मौके को ‘इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर’ बताया है. उन्होंने कहा कि वह इस जानकारी को दुनिया भर में पहुंचाना चाहते हैं.

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चिड़ियाघर ने घोषणा की है कि 23 अप्रैल को कछुए के बच्चों को दुनिया के सामने सार्वजनिक किया जाएगा. यह दिन मॉमी के चिड़ियाघर आने की 93वीं वर्षगांठ भी है. जो-एले मोगरमैन ने उम्मीद जताई कि ये बच्चे 100 साल बाद भी पृथ्वी पर गैलापागोस कछुओं की आबादी का हिस्सा होंगे.

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