NUML के एक स्पोक्सपर्सन ने बताया, 'पाकिस्तान में हिंदी के जानकारों का अकाल सा है, इसलिए शाहिन के मामले में हमने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दो एक्सपर्ट्स की मदद ली.'NUML पाकिस्तानी की पहली यूनिवर्सिटी है, जहां 'डिपार्टमेंट ऑफ हिंदी' है. इस डिपार्टमेंट को 1973 में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था. शुरुआत में सिर्फ सर्टिफिकेट, डिप्लोमा कोर्स का जुगाड़ सेट किया गया. बाद में मुआमला बढ़ते-बढ़ते MPhil डिग्री तक आ पहुंचा. इस सेंटर में चीन और यूएई के अधिकारियों को भी ट्रेनिंग दी जाती है. बता दें कि नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मॉर्डन लेंग्यूएजेस (NUML) मिलिट्री रन यूनिवर्सिटी है. यानी यूनिवर्सिटी मिलिट्री के अंतर्गत आती है. ये डिग्री इसी साल अगस्त में दी गई.
जब पाकिस्तान में पहली बार दी गई हिंदी में Mphill डिग्री
आजादी के बाद से अब तक कोई माइकै लाल नहीं हुआ, जिसने ये कारनामा कर दिखाया हो.
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शाहिन जफर पहली पाकिस्तानी, जिन्हें MPhil की डिग्री हिंदी में दी गई. सब्जेक्ट था 'स्वतंत्रताय्योतर हिंदी उपन्यासों में नारी चित्रण'(1947-2000) पाकिस्तान की हिस्ट्री में ये पहला मौका था, जब किसी पाकिस्तानी यूनिवर्सिटी ने MPhil डिग्री हिंदी में दी. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मॉर्डन लेंग्यूएजेस (NUML). लेकिन यहां भी पाकिस्तान के काम आई एक इंडियन यूनिवर्सिटी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी.
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