पाकिस्तानी सेना के एक हाई लेवल ऑफिसर जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि भारत ‘ग्लोबल साउथ’ का एक ताकतवर खिलाड़ी है. पर भारत को लेकर उनकी जलन भी सामने आ गई, जब उन्होंने भारत पर 'साम्राज्यवादी' होने का आरोप लगाया. पाकिस्तानी जनरल ने जोर दिया कि भारत के साथ विवादों को सुलझाने के लिए किसी तीसरे देश का सहारा लेना चाहिए.
'भारतीय सेना राजनीतिक हुई और राजनीति का सैन्यीकरण हुआ,' फिर PAK जनरल ने कबूली भारत की ताकत
भारत को लेकर Pakistan Army की झुंझलाहट एक बार फिर सामने आई. पाकिस्तानी सेना के एक सीनियर जनरल ने भारत की ताकत को माना है. लेकिन उन्होंने भारत पर कई आरोप भी मढ़ दिए.


जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा पाकिस्तान की जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन (CJCSC) हैं. हालांकि ,यह पद सलाहकार का होता है, न कि कमांडिंग ऑफिसर का. इनका काम देश के प्रधानमंत्री, संसद, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को सैन्य मामलों में सलाह देना होता है.
पाकिस्तानी जनरल ने क्या-क्या कहा?जनरल साहिर शमशाद बीते दिनों पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित 'बैलेंसिंग रिलेशनशिप बिटवीन ग्लोबल नॉर्थ एंड ग्लोबल साउथ: चैलेंजेज एंड ऑपर्च्युनिटीज' नामक कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान भारत को लेकर उनकी बौखलाहट सामने आ गई.
इस इवेंट से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वो कहते हैं कि “भारत की सेना राजनीतिक हो गई और राजनीति का सैन्यीकरण हो गया.” जबकि, खुद पाकिस्तान की सत्ता सेना के आगे किस हद तक बेबस है, यह बात किसी से छिपी नहीं है.
जनरल साहिर ने सीधे तौर पर माना कि भारत ग्लोबल साउथ का महत्वपूर्ण देश है और वर्ल्ड ऑर्डर में अहम जगह पाने की चाहत रखने वाला देश है. लेकिन इसके आगे उन्होंने यह कहते हुए अपनी खीझ निकाली कि भारत वर्चस्ववादी (Hegemonist) और विस्तारवादी (Expansionist) भी है. कश्मीर के मामले पर पुराना राग अलापते हुए उन्होंने भारत पर संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रस्तावों की अनदेखी करने और मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया.
शमशाद मिर्जा ने आगे आरोप लगाया कि भारत Global South के हितों के खिलाफ काम कर रहा है. इसके लिए उन्होंने 'Trojan Horse' शब्द का इस्तेमाल तक कर दिया. यानी बाहर से किसी का सहयोगी दिखना, लेकिन अंदर से उसके खिलाफ काम करना.
ग्लोबल साउथ (Global South) उन देशों का एक समूह माना जाता है, जो अभी विकासशील हैं. इन देशों में लोगों की आय कम है और उनका इतिहास औपनिवेशिक यानी Colonial रहा है. मसलन भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया, ब्राज़ील, अर्जेंटीना, मेक्सिको, फिजी जैसे कई देश इस लिस्ट में आते हैं.
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'भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष की जरूरत'पाकिस्तानी जनरल का बयान यहीं नहीं खत्म हुआ. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि हम ऐसा मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने के लिए किसी तीसरी पार्टी की जरुरत है. उसकी मदद से एक मैकेनिज्म बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह इसके लिए किसी भी देश, पैनल या अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा ऐसी किसी भी कोशिश का हमेशा स्वागत करेंगे.
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