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'7 करोड़ रुपये, 18 मामले, 62 लोग...', पद्मश्री सुंदर मेनन धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ़्तार

Sun Group International के चेयरमैन और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित Sundar Menon को गिरफ़्तार करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

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सुंदर मेनन को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. (फ़ोटो - Facebook/Sundar Menon)

पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किए जा चुके सुंदर मेनन को गिरफ़्तार किया गया है (Padma Shri awardee Sundar Menon arrested). उन पर निवेशकों से 7 करोड़ रुपये से ज़्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप है. केरल के त्रिशूर की एक कोर्ट ने सुंदर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. ये सन ग्रुप इंटरनेशनल के चेयरमैन और त्रिशूर स्थित तिरुवम्बाडी देवस्वोम (मंदिर) बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. पुलिस के अनुसार, मेनन पर 18 धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं. उन्होंने कथित तौर पर दो फर्मों में जनता से निवेश करवाया. मेनन दो फर्म हैं- हीवान निधि लिमिटेड और हीवान फाइनेंस. मेनन इनके डायरेक्टर्स में से एक थे.

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त्रिशूर सिटी के पुलिस कमिशनर आर. इलांगो ने बताया कि सुंदर मेनन ने निवेशकों द्वारा जमा की गई स्कीम में लगाए गए पैसों की मैच्योरिटी पूरी हो जाने पर भी उन्हें पैसे नहीं लौटाए. इसके बजाय, उन्होंने कथित तौर पर पैसे को दूसरी जगह भेज दिया. इस कथित धोखाधड़ी में 62 लोगों से कुल 7.87 करोड़ रुपये इक्ट्ठा किए गए थे. कमिश्नर ने बताया कि सुंदर मेनन के साथ-साथ फर्मों के दूसरे डायरेक्टर्स की संपत्तियां भी जब्त कर ली गई हैं. एक दूसरे डायरेक्टर पुथेनवेटिल बीजू मणिकंदन को मामले में पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका था. बीजू को सिटी पुलिस के 'बदमाशों की सूची' में शामिल बताया गया.

पहले भी विवाद

सुंदर मेनन को 2016 में सामाजिक कार्य के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. NRI बिज़नेसमैन सुंदर मेनन पहले भी ऐसे मामलों का सामना कर चुके हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, सितंबर 2023 में केरल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इसमें मेनन को पद्मश्री दिए जाने को अवैध घोषित करने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता थे त्रिशूर के VR ज्योतिष और कोझिकोड के CK पद्मनाभन. दोनों ने तर्क दिया कि मेनन को ये पुरस्कार देना, प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार देने में अपनाए जाने वाले सिद्धांतों और प्रक्रियाओं के विपरीत है.

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उन्होंने बताया था कि मेनन एक से ज़्यादा आपराधिक मामलों में शामिल थे. उनके मुताबिक़, अवार्ड देते समय इस तथ्य को ध्यान में नहीं रखा गया. तब कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इसमें जनहित से जुड़ा कुछ भी नहीं पाया गया.

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बताते चलें, मेनन कई चैरिटेबल कामों से भी जुड़े रहे हैं. इनमें सन चैरिटेबल ट्रस्ट, पेन एंड पैलिएटिव केयर सोसाइटी, ऑटिज्म सोसाइटी, अल्फा पेन क्लिनिक, ऑल इंडिया हैंडीकैप्ड एसोसिएशन और रीनल एंड किडनी वेलफेयर फाउंडेशन शामिल हैं. उन्हें अमेरिका (USA) में यूरोपीय महाद्वीपीय कम्यूनिटी यूनिवर्सिटी से 2015 में मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिल चुकी है. वो एशिया प्रशांत इंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड, 2015 से भी सम्मानित हो चुके हैं.

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