लेकिन आप गूगल पर शराब की डिलीवरी का ऐप खोजने लग जाएं, उससे पहले आपको बता दे रहे हैं कि अभी ये सुविधा शुरू हुई नहीं है. अभी बस फ़ैसला आया है. किस नियम के तहत मिली मंज़ूरी दिल्ली आबकारी (संशोधन) नियम 2021 के अनुसार, एल-13 लाइसेंस रखने वाले शराब ठेकों को ही लोगों के घर तक शराब पहुंचाने की अनुमति मिली है. मतलब सब ठेके वाले नहीं कर सकेंगे, बस एल-13 वाले. सरकारी अधिसूचना में कहा गया है,
'लाइसेंसधारक सिर्फ मोबाइल ऐप या ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से ऑर्डर मिलने पर ही घरों में शराब की डिलीवरी करेगा. किसी भी हॉस्टल, कार्यालय और संस्थान को डिलीवरी नहीं की जाएगी.'हालांकि सूत्रों के हवाले से आ रही ख़बरों की मानें तो अभी तक ऑनलाइन डिलीवरी के लिए ज़रूरी एल-13 लाइसेंस जारी नहीं किया गया है. ख़बरों के मुताबिक़, मालिकों को एल-13 का लाइसेंस मिलने के बाद ही ये सुविधा मिलेगी. अभी तक ऐसा कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है, इसलिए कोई भी ऐप उपलब्ध नहीं है जहां कोई शराब का ऑर्डर दे सके.
यानी अभी थोड़ा थमके चलिए. दिल्ली में शराब अभी थोड़ी दूर है. पहले ई-मेल या फैक्स से होती थी होम डिलीवरी आपने सही पढ़ा. ऐसा नहीं है कि दिल्ली में पहली बार शराब घर चलकर आ रही है. इससे पहले भी शराब की होम डिलीवरी की इजाजत थी. लेकिन तब सिर्फ ई-मेल या फैक्स के जरिए ही ऑर्डर मिलने पर लाइसेंसधारक शराब पहुंचा सकते थे. लेकिन अब तो मोबाइल ऐप या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आराम से शराब की होम डिलीवरी करवाई जा सकती है.

दिल्ली में शराब के ठेके खुलते ही भीड़ लगने की कई तस्वीरें आईं. फोटो: PTI
सुप्रीम कोर्ट ने होम डिलीवरी पर विचार के लिए कहा था बीते साल जब कोविड आया तो लॉकडाउन लगा. फिर लॉकडाउन में शराब के ठेके खोले गए थे, भीड़ मास्क पहनकर टूट पड़ी. ऐसी भयानक भीड़ हुई कि सोशल डिस्टेंसिंग ग़ायब हो गयी. फ़ोटो और वीडियो फ़्लैश हो गए. इतना सब देखने के बाद बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को शराब की होम डिलीवरी पर प्लानिंग के साथ विचार करने लिए कहा था. शराब की होम डिलीवरी से राजस्व को होगा फायदा अब आपका सवाल है कि शराब बेचना क्यों ज़रूरी है. नहीं बेचें तो क्या दिक़्क़त है? दरअसल शराब पर लगने वाले टैक्स से राजस्व मिलता है. अब शराब की दुकान नहीं खुलेगी लेकिन शराब की होम डिलीवरी से सरकार को राजस्व में नुकसान की कमी होगी. वही नुक़सान, जो लॉकडाउन लगने से लगातार हुआ चला जा रहा है.
अब दिल्ली सरकार के इस फैसले के साथ ही उन्हें आलोचना झेलनी पड़ रही है. विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस के अलावा सोशल मीडिया पर भी लोग आम आदमी सरकार से पूछ रहे हैं कि आखिर वैक्सीन के समय पर शराब की होम डिलीवरी ज़्यादा ज़रूरी है क्या? सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं लोग? दिशा ठाकुर नाम की एक यूज़र ने कहा कि हम ऐसे समय में जी रहे हैं, जहां लोग ऑक्सिजन सिलेंडर की तलाश में मर रहे हैं और शराब की होम डिलीवरी हो रही है.
'लोग दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए चिंतित हैं. मैं जानना चाहता हूं कि दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री का एडवाइजर कौन है. किस तरह से मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली के लोगों को शराब पिलाने पर आमादा हैं.'आदेश गुप्ता ने ये भी कहा कि केजरीवाल को शराब माफियाओं की चिंता है. शराब बिके इसकी चिंता है, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है.
BJP के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने भी केजरीवाल सरकार पर इस फैसले के लिए सवाल उठाए हैं. दिल्ली कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा है कि दिल्ली में क्या कोरोना के हालात वैक्सीन की जगह शराब से ठीक होंगे?
दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा,
"IIT ने तीसरी लहर को लेकर एक स्टडी की है जिसमें कहा गया है कि आने वाले दिनों में तीसरी लहर जब दिल्ली में आएगी तो 45 हजार मामले रोजाना दिल्ली में आएंगे ऑक्सीजन की जरूरत पहले से ज्यादा होगी, बेड की संख्या बढ़ने की जरूरत होगी. ऐसे वक्त में दिल्ली सरकार ऑक्सीजन बेड, अस्पतालों पर ध्यान देने की जगह नई आबकारी नीति पर काम कर रही है ताकि हर घर-घर शराब की डिलीवरी की जा सके."