The Lallantop

'CAA असंवैधानिक', CJI चंद्रचूड़ के बेटे अभिनव का 4 साल पुराना वीडियो वायरल

साल 2020 के इस वीडियो में अभिनव चंद्रचूड़ ने बताया था कि CAA किस लिहाज से असंवैधानिक है. उनके इस वीडियो को 11 मार्च से CAA लागू हो जाने के बाद तेजी से शेयर किया जा रहा है.

post-main-image
अभिनव चंद्रचूड़ का इस वक्त वायरल हो रहा वीडियो साल 2020 का है. (फाइल फोटो: मेल टुडे)

जब से मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA  के नियम नोटिफाई किए हैं. तब से विपक्ष तमाम तर्क देकर कर केंद्र सरकार को घेरने में लगा है.  इस बीच चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के बेटे अभिनव चंद्रचूड़ (Abhinav Chandrachud) का एक वीडियो सोशल मीडिया काफी शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो में अभिनव चंद्रचूड़ ने बताया है कि कैसे CAA (Citizenship Amendment Act) असंवैधानिक है. हालांकि, CAA पर एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ का ये वीडियो चार साल पुराना, साल 2020 का है. तब उनके पिता डी.वाई चंद्रचूड़ CJI नहीं बने थे.

सोशल मीडिया पर वायरल इस पुराने वीडियो में अभिनव चंद्रचूड़ ने देश के बंटवारे के बाद लाए गए एक परमिट सिस्टम का जिक्र किया है. उन्होंने बताया कि जब देश का विभाजन हुआ, तो पश्चिमी पाकिस्तान से भारत की ओर प्रवास की दो लहरें आईं - एक 1947 में जिसमें हिंदू और सिख शामिल थे, दूसरी 1948 में जिसमें मुस्लिम शामिल थे. भारत वापसी की इस दूसरी लहर ने भारतीय प्रशासन के लिए समस्याएं पैदा कर दी थीं. अभिनव चंद्रचूड़ ने समझाते हुए कहा कि भारत छोड़ने वाले मुसलमानों की संपत्ति हिंदुओं और सिखों को दे दी गई थी. इसलिए भारत छोड़कर दोबारा भारत में वापसी चाहने वाले व्यक्तियों के लिए एक परमिट सिस्टम लाया गया. अभिनव चंद्रचूड़ ने बताया कि ये परमिट सिस्टम पूर्वी पाकिस्तान से आने वालों के लिए नहीं था.

ये भी पढ़ें- CAA का इस्लाम पर क्या असर होगा? गृह मंत्रालय ने जवाब देकर डिलीट किया, पता है बोला क्या था?

वीडियो में अभिनव ने कहा,

"इससे मुझे हैरानी हुई और मुझे आश्चर्य हुआ कि ये (परमिट सिस्टम) पूर्वी पाकिस्तान के लिए क्यों नहीं था...जबकि पश्चिमी पाकिस्तान में केवल सात या आठ लाख हिंदू बचे थे, वहीं उस समय पूर्वी पाकिस्तान में 1.6 करोड़ हिंदू बचे थे जब परमिट सिस्टम पेश किया गया था."

CAA को असंवैधानिक क्यों बताया था?

साल 2020 के वीडियो में अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा था,

"भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत CAA  असंवैधानिक है. अनुच्छेद 14 हर नागरिक को ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को समानता का अधिकार देता है. भारत में कानून समान संरक्षण की बात करता है."

अभिनव ने कहा था कि CAA  भारतीय संविधान के समानता के प्रावधानों का उल्लंघन करता है. उन्होंने एक तर्क ये दिया कि इसमें कई धार्मिक समूहों को शामिल नहीं किया गया है. इसमें यहूदियों को शामिल नहीं किया गया है. अभिनव ने बताया कि CAA में यहूदियों को शामिल नहीं किए जाने के उनके तर्क पर किसी ने कहा था कि यहूदियों के पास इजरायल है.

आगे अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर यहूदियों के पास इजरायल है, तो ईसाइयों और बौद्धों के पास भी अपने देश हैं. फिर भी CAA में ईसाइयों और बौद्धों को शामिल किया गया है, लेकिन यहूदियों को छोड़ दिया गया है. इसमें नास्तिकों को शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने तर्क दिया कि मुसलमानों के उन वर्गों को भी CAA में शामिल नहीं किया गया है, जो  पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में अल्पसंख्यक माने जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- CAA के तहत भारत की नागरिकता इस पोर्टल से भी मिलेगी, जानें सब कुछ

नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA देश भर में लागू हो गया है. इसके नियम गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को जारी कर दिए. CAA से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. CAA के नियमों के तहत पासपोर्ट या वीजा ना होने पर भी आवेदन किया जा सकता है. इसके लिए गृह मंत्रालय ने एक पोर्टल भी लॉन्च किया है.

 

वीडियो: भारत में CAA लागू होने पर विदेशी मीडिया क्या-क्या बातें लिख रही है?